Jharkhand News: झामुमो विधायक ने अपनी ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा-रोजगार देने का वादा खोखला, लाखों वैकेंसी फिर भी नहीं दे रहे नौकरी
Jharkhand News:सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रम ने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री सोरेन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
Jharkhand News: झारखंड में युवाओं को नौकरियां न दे पाने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की घेरेबंदी तेज हो गई है। विपक्ष के साथ ही अब उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक भी इसे लेकर सवाल उठाने लगे हैं। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रम ने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री सोरेन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
उन्होंने कहा कि झामुमो के घोषणा पत्र में हर साल 5 लाख युवाओं को नौकरियां देने का वादा अभी तक पूरी तरह खोखला साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि झारखंड के विभिन्न सरकारी विभागों में तीन लाख से अधिक पद रिक्त पड़े हुए हैं मगर राज्य सरकार की ओर से इन पदों को भरने के लिए विज्ञापन नहीं निकाले जा रहे हैं। इससे पता चलता है कि राज्य सरकार की युवाओं को रोजगार मुहैया करने की कोई मंशा ही नहीं है।
नौकरियां देने की दिशा में कोई कदम नहीं
झामुमो विधायक ने कहा कि पार्टी के घोषणा पत्र में युवाओं को बड़े-बड़े सपने दिखाए गए थे और हर साल 5 लाख युवाओं को नौकरियां देने का वादा किया गया था मगर इस दिशा में अभी तक कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटने के बड़े-बड़े विज्ञापन अखबारों में प्रकाशित कराए जा रहे हैं। दरअसल यह रघुवर दास सरकार के समय की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कराई गई थी। कोर्ट के आदेश पर उन नियुक्तियों के पत्र बांटे जा रहे हैं और हेमंत सोरेन सरकार इसे अपनी उपलब्धि बता रही है।
सोरेन सरकार आदिवासियों के साथ धोखा
उन्होंने कहा कि कहने को तो यह आदिवासियों की सरकार है मगर इस सरकार के कार्यकाल में आदिवासियों के उत्थान के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। सोरेन सरकार ने आदिवासियों को पूरी तरह निराश किया है। युवाओं को रोजगार देने का वादा भी अभी तक अधूरा पड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने स्थानीय नीति लागू न करने पर अर्जुन मुंडा की सरकार को 2013 में गिरा दिया था मगर उसके बाद 14 महीने खुद सरकार में रहने पर स्थानीय नीति को लागू नहीं किया।
हेमंत सोरेन के दूसरे कार्यकाल का 4 वर्ष पूरा होने वाला है मगर उन्होंने अभी तक स्थानीय नीति को लागू नहीं किया है। सोरेन सरकार को आदिवासियों के साथ धोखा बताते हुए झामुमो विधायक ने कहा कि पार्टी की ओर से अपने घोषणा पत्र में जितने भी वादे किए गए थे, उनमें से एक भी वादे को पूरा नहीं किया गया है।
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झामुमो के संस्थापक नेताओं में शामिल
विधायक लोबिन हेंब्रम के इस बयान का बड़ा सियासी मतलब निकाला जा रहा है क्योंकि वे पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। उनकी गिनती झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक नेताओं में की जाती रही है वे झामुमो की पिछली सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। 1990 में वे पहली बार विधायक बने थे और उसके बाद कई बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में उनकी नाराजगी से साफ है कि पार्टी में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है।