Karnataka Politics: आखिरकार बाहर निकल आया शिवकुमार का CM न बन पाने का दर्द,समर्थकों के बीच दिया बड़ा बयान

Karnataka Politics: मुख्यमंत्री पद की दावेदारी छोड़ने के लिए शिवकुमार को मनाने में पार्टी नेताओं को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के कहने पर शिवकुमार मुख्यमंत्री पद की दावेदारी छोडने को तैयार तो हो गए मगर उनके अंदर इस बात की पीड़ा बनी हुई है।

Update:2023-06-04 17:17 IST
DK shivkumar (Image: Social Media)

DK Shivkumar: कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को राज्य के नए मुख्यमंत्री का फैसला करने में काफी पापड़ बेलने पड़े थे। कांग्रेस नेतृत्व ने कई दिनों की कवायद के बाद सिद्धारमैया के नाम पर मुहर लगाई थी। मुख्यमंत्री पद की दावेदारी छोड़ने के लिए शिवकुमार को मनाने में पार्टी नेताओं को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के कहने पर शिवकुमार मुख्यमंत्री पद की दावेदारी छोडने को तैयार तो हो गए मगर उनके अंदर इस बात की पीड़ा बनी हुई है।

मुख्यमंत्री पद की कुर्सी हाथ से छिटकने के बाद शिवकुमार ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। अपने विधानसभा क्षेत्र कनकपुरा में शनिवार को शिवकुमार का दर्द बाहर निकल आया। अपने समर्थकों की भारी भीड़ के बीच शिवकुमार ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के कहने पर उन्हें मुख्यमंत्री पद की दावेदारी छोड़नी पड़ी। शिवकुमार का यह बयान इस बात का संकेत माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर उनके अंदर काफी दर्द बना हुआ है।

आपने मुझे सीएम बनाने के लिए दिया था वोट

कर्नाटक के विधानसभा चुनाव के बाद अपने चुनाव क्षेत्र कनकपुरा का दौरा करने पहुंचे शिवकुमार का समर्थकों की ओर से जोरदार स्वागत किया गया। उनके समर्थन में जमकर नारेबाजी भी की गई। इस दौरान अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए शिवकुमार ने मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी पीड़ा भी उजागर कर दी। अपने समर्थकों से उन्होंने कहा कि आपने मुझे मुख्यमंत्री बनाने के लिए भारी संख्या में मतदान किया था मगर क्या किया जाए?

मुख्यमंत्री पद को लेकर दिल्ली में चली लंबी कवायद की ओर इशारा करते हुए शिवकुमार ने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से मुझे कई सुझाव दिए गए। इन वरिष्ठ नेताओं के कहने पर मुझे उनकी बातें मानने के लिए तैयार होना पड़ा।

उन्होंने कहा कि अब इस मुद्दे को लेकर धैर्य के साथ प्रतीक्षा की जानी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आपकी इच्छा व्यर्थ नहीं जाएगी। शिवकुमार का यह बयान बड़ा संकेत माना जा रहा है। जानकारों के मुताबिक इससे साफ है कि आने वाले समय में मुख्यमंत्री पद को लेकर उनकी दावेदारी मजबूत होगी।

सोनिया गांधी को बताया मां के समान

शिवकुमार ने हाल में एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए इंटरव्यू के दौरान भी धैर्य के साथ समय की प्रतीक्षा करने की बात कही थी। उनका कहना था कि वे सोनिया गांधी को अपनी मां की समान मानते हैं और हमेशा उनकी इच्छाओं और आदेश का पालन करेंगे।

उनका कहना था कि धैर्य ही मेरी ताकत रहा है और मैं आगे भी धैर्य से काम लेने की नीति पर चलता रहूंगा। शिवकुमार के खिलाफ ईडी की कार्रवाई के दौरान सोनिया गांधी जेल में उनसे मुलाकात करने के लिए भी पहुंची थीं। शिवकुमार का कहना है कि उन्होंने इस दौरान सोनिया गांधी से बड़ा वादा किया था और इस वादे को पूरा करके दिखाया है।

काफी मशक्कत के बाद सुलझा था सीएम का मुद्दा

कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद का मामला उलझ गया था। सिद्धारमैया के साथ ही शिवकुमार ने भी मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी पेश कर दी थी। सिद्धारमैया के नाम पर शिवकुमार को रजामंद करने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक सोनिया, राहुल और मल्लिकार्जुन खड़गे के कहने पर शिवकुमार मुख्यमंत्री पद की दावेदारी छोड़ने पर तैयार हुए थे।

हालांकि माना जा रहा है कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के पांच साल के कार्यकाल के आखिरी दौर में शिवकुमार को भी मुख्यमंत्री पद के रूप में काम करने का मौका मिल सकता है। शिवकुमार के भीतर मुख्यमंत्री न बन पाने का दर्द झलक रहा है और उन्होंने इस बारे में अपनी पीड़ा भी सार्वजनिक कर दी है।

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