शमशान से KBC: रुला देगी 1200 बच्चों की माँ की कहानी, अब पहुंची हॉट सीट पर

कौन बनेगा करोड़पति (KBC) 11 में 23 अगस्त शुक्रवार को कर्मवीर स्पेशल एपिसोड में समाज सेविका सिंधुताई सपकाल ने अंश लिया। शो में अमिताभ बच्चन ने उनके पैर छु कर उनका स्वागत भी किया। बिग बी ने उन्हें हॉट सीट पर बैठा ने में मदद भी की।

Update: 2019-08-24 06:41 GMT

मुंबई: कौन बनेगा करोड़पति (KBC) 11 में 23 अगस्त शुक्रवार को कर्मवीर स्पेशल एपिसोड में समाज सेविका सिंधुताई सपकाल ने अंश लिया। शो में अमिताभ बच्चन ने उनके पैर छु कर उनका स्वागत भी किया। बिग बी ने उन्हें हॉट सीट पर बैठा ने में मदद भी की।

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750 अवॉर्ड कर चुकी हैं अपने नाम

अब तक सिंधुताई को राष्ट्रपति सम्मान के अलावा 750 अवॉर्ड दिए जा चुके हैं और आज भी वो अपने काम को बिना रुके करती जा रही हैं। शो में सिंधुताई सपकाल ने अपनी बायलॉजिकल बेटी ममता के साथ हॉटसीट शेयर की। शो पर सिंधुताई ने अपने जीवन के बारे बताया कि उनका जीवन काफी मुश्किलों भरा रहा है। जब केबीसी में सिंधुताई ने अपनी कहानी सुनाई तो सभी के रोंगटे खड़े हो गए।

उन्होंने बताया- 'मैं 20 साल की थी और मेरी बच्ची (ममता) 10 दिन की। उस वक्त मेरे ससुरालवालों ने मुझे घर से निकाल दिया था। मेरी मां ने भी मुझे घर से निकाल दिया था। वो मुझे नहीं चाहती थीं। मुझे समझ नहीं आया मैं क्या करूं, इतनी छोटी बच्ची को लेकर कहां जाऊं। मेरे पास कोई खाने-रहने के लिए कुछ नहीं बचा था। तब मैं ट्रेन में घूमा करती थी। पेट भरने के लिए ट्रेन में गाना शुरू कर दिया।'

'मेरे पास घर नहीं था। मैं भिखारियों के साथ खाना खाती थी। दिन तो निकल जाता था, लेकिन सवाल रात का था। मैं 20 साल की थी। मर्दों से डर लगता था। समझ नहीं आया कहां जाऊं, तो मैं श्मशान में जाकर सोती थी। क्योंकि रात में वहां कोई नहीं जाता। मरने के बाद ही कोई वहां जाता है। अगर कोई मुझे रात में वहां देखता था तो भूत-भूत कहकर भाग जाता था।'

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श्मशान में गुजारी थी रातें

सिंधुताई ने कहा- 'श्मशान में रहने वाली एक बाई क्या कर सकती है। मैं भूखी होती थी इसलिए दूसरों की भूख का भी अंदाजा था मुझे। मैंने मिल बांटकर खाया और अनाथों की मां हो गई। जिसका कोई नहीं उसकी मैं मां।'

सिंधूताई ने सभी अनाथ बच्चों की देखरेख का काम शुरू कर दिया। लेकिन उन्होंने ये काम जब शुरू किया तो सबसे पहले उन्हें लगा कि उनकी अपनी बच्ची उनके साथ रहेगी तो दूसरे बच्चों को ये ना लगे कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है इसलिए उन्होंने सबसे पहले अपनी बेटी ममता को खुद से दूर कर दिया था।

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आपको बता दें कि ताई को अनाथों की मां कहते हैं। सिंधुताई जब किसी बच्चे को सड़क के किनारे रोता, अनाथ देखती हैं तो उसे अपना बना लेती हैं। उनके परिवार में 207 जमाई, 36 बहू और 450 से भी ज्यादा पोते-पोतियां हैं और 1200 से भी ज्यादा बच्चे हैं।

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