शेख हसीना को बांग्लादेश को सौंपने की मांग, खालिदा जिया के करीबी ने उगला जहर-भारत ने शरण देकर ठीक नहीं किया

Sheikh Hasina News: लोगों की जबर्दस्त नाराजगी के कारण शेख हसीना देश छोड़कर भागना पड़ा और उन्होंने भारत में शरण ले रखी है। भारत पहुंचने के बाद भी उनकी मुश्किलें कम होती हुई नहीं दिख रही हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-08-21 07:17 GMT

Sheikh Hasina and Mirza Fakhrul (photo: social media )

Sheikh Hasina News: बांग्लादेश में कई दिनों तक चले खूनी बवाल के बाद अंतरिम सरकार कमान संभाल चुकी है। आरक्षण के खिलाफ शुरू हुए छात्र आंदोलन के हिंसक होने के बाद शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। लोगों की जबर्दस्त नाराजगी के कारण उन्हें देश छोड़कर भागना पड़ा और उन्होंने भारत में शरण ले रखी है। भारत पहुंचने के बाद भी उनकी मुश्किलें कम होती हुई नहीं दिख रही हैं। शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में लगातार मामले दर्ज किए जा रहे हैं और अब उनके प्रत्यर्पण की मांग भी तेज होने लगी है।

जानकारों का कहना है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर विचार कर रही है जबकि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने भी शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग तेज कर दी है। खालिदा जिया के करीबी माने जाने वाले पार्टी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने शेख हसीना को बांग्लादेश भेजने की मांग की है।

खालिदा जिया की पार्टी ने की प्रत्यर्पण की मांग

बांग्लादेश के मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने कहा है कि शेख हसीना का प्रत्यर्पण किया जाना चाहिए ताकि बांग्लादेश में उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सके। बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने भारत के खिलाफ जहर उगलते हुए कहा कि भारत ने शेख हसीना को शरण देकर ठीक नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि हमारी भारत से अपील है कि शेख हसीना को कानूनी तरीके से बांग्लादेश को सौंप दिया जाए। बांग्लादेश की जनता ने उनके मुकदमे का फैसला सुना दिया है। ऐसे में उन्हें मुकदमे का सामना करने के लिए वापस बांग्लादेश भेजा जाना चाहिए। बांग्लादेश में आंदोलन को दबाने की साजिश के आरोप में उन पर मुकदमा चलाया जाएगा।

शेख हसीना को शरण देना उचित नहीं

उन्होंने कहा कि शेख हसीना को शरण देने का भारत का कदम ठीक नहीं है क्योंकि यह लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता के अनुरूप नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत में रहकर शेख हसीना बांग्लादेश में हुई क्रांति को विफल बनाने की साजिश रचने में जुटी हुई हैं। उन्होंने कहा कि विरोधी माहौल होने के कारण शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा था।

शेख हसीना बांग्लादेश के लोगों के लिए दुश्मन की तरह हैं और उन्हें पनाह देकर भारत को बांग्लादेश के लोगों का प्यार कभी नहीं मिल सकता। इसलिए उन्हें तत्काल बांग्लादेश को सौंपा जाना चाहिए।

शेख हसीना पर दर्ज किए जा चुके हैं 25 मामले

दूसरी ओर शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने हसीना के खिलाफ मामले दर्ज किए जाने को लेकर अंतरिम सरकार की आलोचना की है। अवामी लीग ने कहा कि शेख हसीना के खिलाफ दर्ज किए गए मामले पूरी तरह झूठे और राजनीति से प्रेरित हैं। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ अभी तक हत्या समेत 25 मामले दर्ज किए जा चुके हैं और आने वाले दिनों में मुकदमों की संख्या और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

बांग्लादेश के साथ है भारत की प्रत्यर्पण संधि

भारत और बांग्लादेश के बीच 2013 में प्रत्यर्पण संधि हुई थी। इस संधि के तहत दोनों देशों को उन लोगों को एक-दूसरे के हवाले करना जरूरी है, जिनके खिलाफ किसी भी अपराध के लिए अदालतों में कार्रवाई शुरू की गई हो। इस संधि के तहत कुछ भगोड़ों को भारत लाया गया है तो कुछ को बांग्लादेश वापस भी भेजा गया है। अब बीएनपी की ओर से इसी संधि के तहत शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की जा रही है। बीएनपी का कहना है कि शेख हसीना के खिलाफ दर्ज हत्या और जबरन एक्सटॉर्शन के मामले प्रत्यर्पण वाले कैटेगरी में हैं।

वैसे अभी तक इस मुद्दे पर भारत सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है। जानकारों का कहना है कि भारत की ओर से बांग्लादेश में उठ रही इस मांग को ठुकराया जा सकता है। दोनों देशों के बीच हुई संधि उन मामलों पर लागू नहीं होती जो राजनीतिक प्रकृति के होते हैं। भारत की ओर से इसी को आधार बनाया जा सकता है।

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