Kisan Diwas 2024: जानिए क्या हैं किसानों के लिए टॉप सरकारी योजनाएं

Kisan Diwas 2024: देश में खेती किसानी एक मूल व्यवसाय है तथा देश की अर्थव्यवस्था में खेती किसानी का बहुत बड़ा योगदान है, इसीलिए किसानों की मदद के लिए सरकार की ढेरों योजनाएं चलती रहती हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2024-12-23 11:11 IST

Kisan Diwas 2024   (PHOTO: social media )

Kisan Diwas 2024: राष्ट्रीय किसान दिवस भारत में हर साल 23 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह दिन देश के सामाजिक आर्थिक विकास में किसानों के बेहद महत्वपूर्ण योगदान की सराहना करने और किसानों को नमन करने का अवसर है।

देश में खेती किसानी एक मूल व्यवसाय है तथा देश की अर्थव्यवस्था में खेती किसानी का बहुत बड़ा योगदान है, इसीलिए किसानों की मदद के लिए सरकार की ढेरों योजनाएं चलती रहती हैं। खासतौर पर पिछले कुछ वर्षों में भारत सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कई प्रमुख योजनाएँ शुरू की हैं। जानते हैं इनके बारे में।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि

- पीएम-किसान योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की एक प्रमुख योजना है जिसे 24 फरवरी, 2019 को लॉन्च किया गया था। इस योजना का उद्देश्य किसानों की वित्तीय मदद करना है। इस योजना के तहत किसानों के परिवारों को तीन त्रैमासिक किस्तों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) मोड के जरिये 6,000 रुपये की पेशकश की जाती है।बीते अक्टूबर में इस योजना की 18वीं किस्त जारी होने के साथ, अब तक 3.45 लाख करोड़ से ज्यादा धन बांटा जा चुका है। देश भर में 11 करोड़ से अधिक किसानों को सहायता मिली है।


प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

- यह योजना 2016 में शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य फसल के लिए एक सस्ता बीमा दिलाना है। इसके तहत प्राकृतिक जोखिमों के खिलाफ किसानों के लिए व्यापक रिस्क कवरेज मिलता है। इस योजना के तहत खरीफ फसलों के लिए किसानों का प्रीमियम हिस्सा 2 फीसदी, रबी फसलों के लिए 1.5 फीसदी और कमर्शियल/बागवानी फसलों के लिए 5 फीसदी है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार इस योजना के तहत 1,67,475 करोड़ के कुल दावों के विरुद्ध 1,63,519 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

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प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना

- 12 सितंबर 2019 को शुरू की गई यह केंद्रीय योजना भारत में सभी भूमि-धारक छोटे और सीमांत किसानों (एसएमएफ) को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती है। इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को 60 वर्ष की आयु के बाद 3,000 की एक निश्चित मासिक पेंशन दी जाती है। इस योजना के लिए 18 से 40 वर्ष की आयु के किसानों को 60 वर्ष की आयु तक हर महीने 55 रुपए से 200 रुपये के बीच योगदान करना जरूरी है।


कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड

- इस योजना की शुरुआत "आत्मनिर्भर भारत पैकेज" के तहत की गई थी। इसका उद्देश्य मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर कमी को दूर करना और कृषि क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश को बढ़ावा देना है। कृषि मंत्रालय के अनुसार इस योजना में खेती से संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निवेश करने के लिए फाइनेंसिंग और क्रेडिट गारंटी जैसी सहूलियतें दी जाती हैं। इस योजना के तहत, वित्त वर्ष 2020-21 से 2025-26 तक 1 लाख करोड़ रुपये का कोष वितरित किया जाना है, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 से 2032-33 तक सहायता प्रदान की जाएगी।


संशोधित ब्याज अनुदान योजना

- यह योजना फसल पालन और पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन सहित अन्य संबद्ध गतिविधियों में लगे पात्र किसानों को रियायती दरों पर अल्पकालिक कृषि ऋण प्रदान करती है। इस योजना के तहत एक वर्ष के लिए 7 फीसदी प्रति वर्ष की ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है। इसके अलावा, ऋणों की शीघ्र एवं समय पर अदायगी के लिए 3 फीसदी की छूट दी जाती है, जिससे ब्याज दर घटकर 4 फीसदी प्रति वर्ष हो जाती है।


नमो ड्रोन दीदी योजना

- केंद्र सरकार ने हाल ही में महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन प्रदान करने के लिए ‘नमो ड्रोन दीदी’ योजना को मंजूरी दी है। वित्त वर्ष 2023-24 से 2025-26 के बीच की अवधि के लिए 1,261 करोड़ रुपये के कुल खर्च के साथ, इस योजना के जरिये कुल 15,000 ड्रोन की सप्लाई करने का टारगेट रखा गया है। इनमें से, लीड फ़र्टिलाइज़र कंपनियों ने पहले 500 ड्रोन खरीदे हैं, जबकि 2024-25 के दौरान पहले चरण में 3,090 सेल्फ हेल्प ग्रुपों को और ड्रोन वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना में ड्रोन पायलट ट्रेनिंग के साथ-साथ कृषि उद्देश्यों के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण भी शामिल है।

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राष्ट्रीय कृषि विकास योजना

- यह योजना कृषि और अन्य संबद्ध क्षेत्रों में कटाई से पहले और बाद के बुनियादी ढांचे के निर्माण पर केंद्रित है। इससे किसानों को बाज़ार सुविधाएँ और अन्य सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।


दुश्वारियां भी कम नहीं

किसानों के लिए योजनाओं के बावजूद दुश्वारियों की भी कोई कमी नहीं है। योजनाओं का लाभ लेने में भी किसानों को कई अड़चनों का सामना करना पड़ता है। मिसाल के तौर पर ट्रैक्टर लोन की बात करें तो इस लोन पर 24 फीसदी तक की ब्याज दर है। कार पर तो 100 फीसदी लोन मिल जाता है लेकिन ट्रैक्टर के लिए 15 फीसदी मार्जिन देना होता है। ट्रैक्टर के लिए कम से कम दो एकड़ की जमीन होना भी एक शर्त है।

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