लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बड़ा फैसला लेते हुए लखनऊ और नोएडा में कमिश्नरी सिस्टम को लागू कर दिया है। अब ऐसे में जान लेना जरुरी है कि कमिश्नरी प्रणाली (Commissionerate System) है क्या और इसके फायदे हैं। वहीं इस सिस्टम से कानून में क्या सुधार होगा? वहीं एक सवाल ये भी उठ रहा है कि योगी सरकार ने कमिश्नर प्रणाली क्यों लागू किया है।
क्या है कमिश्नर प्रणाली:
भारत में यह व्यवस्था 100 से अधिक महानगरों में सफलतापूर्वक लागू है। भारतीय पुलिस अधिनियम, 1861 के भाग 4 के तहत जिला अधिकारी के पास पुलिस पर नियंत्रण करने के कुछ अधिकार होते हैं। इसके अलावा, दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट को कानून और व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ शक्तियां देता है।
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ऐसा होगा कमिश्नरी सिस्टम:
लखनऊ और नोएडा में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू की गयी है। इसके तहत लखनऊ में एक एडीजी, एक आईजी और 9 एसपी रैंक के अधिकारी होंगे। एक महिला एसपी भी होगी। वहीं एक एसपी और एक एएसपी ट्रैफिक के लिए तैनात होगा। लखनऊ में ADG स्तर का अधिकारी पुलिस कमिशनर होगा।
वहीं नोएडा में एक एडीजी रैंक के अलावा 5 एसपी स्तर के अधिकारी रहेंगे, जबकि एक एसपी ट्रैफिक स्तर का अधिकारी होगा। यहां 2 नए थाने भी बनाये जाएंगे।
जिलाधिकारियों के अधिकार, आर्म्स और आबकारी डीएम के पास रहेंगे। आर्म्स लाइसेंस की मंजूरी डीएम ही देंगे।
क्या होंगे फायदे:
CRPC की मजिस्ट्रियल पावर वाली कार्यवाही जो अब तक जिला प्रशासन के अफसरों के पास थी, वह अब पुलिस कमिश्नर को मिल जाएगी।
CRPC की धारा 107-16, 144, 109, 110, 145 का क्रियान्वयन पुलिस कमिश्नर कर सकेंगे।
होटल के लाइसेंस, बार लाइसेंस, हाथियार का लाइसेंस भी पुलिस ही दे सकेगी।
धरना प्रदर्शन की अनुमति देना और न देना भी पुलिस के हाथों में आ जाएगा।
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दंगे के दौरान लाठीचार्ज होना चाहिए या नहीं, अगर बल प्रयोग हो रहा है तो कितना बल प्रयोग किया जाएगा इसका निर्णय भी पुलिस ही करेगी।
जमीन संबंधी विवादों के निस्तारण में भी पुलिस को अधिकार मिलेगा।
पुलिस कमिश्नर सीधे लेखपाल को पैमाइश का आदेश दे सकता है।
माना जा रहा है कि इससे जमीन से संबंधित विवाद का निस्तारण जल्दी होगा।
कमिश्नर प्रणाली से शहरी इलाकों में भी अतिक्रमण पर अंकुश लगेगा। अतिक्रमण अभियान चलाने का आदेश सीधे तौर पर कमिश्नर दे सकता है और नगर निगम को इस पर अमल करना होगा।
जिलाधिकारी के अधिकार सीमित हो जायेंगे।
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क्यों लागू करना पड़ा कमिश्नरी सिस्टम
सीएम योगी ने बताया कि पिछली सरकारों ने कानून में सुधार को लेकर इच्छाशक्ति नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि कमिश्नरी सिस्टम लागू करना पुलिस सुधार की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा। सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्षों से पुलिसिंग में सुधार की जरूरत महसूस की जा रही थी, लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने इच्छाशक्ति नहीं दिखाई।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण ही राज्य में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू नहीं हो पाया था। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में इस सिस्टम की जरूरत थी। सीएम ने कहा कि राज्य में स्मार्ट पुलिसिंग और लॉ एंड ऑर्डर की बेहतरी के लिए पिछले 50 वर्षों से पुलिस कमिश्नरी सिस्टम की मांग की जा रही थी, लेकिन इस पर कभी गंभीरता से विचार नहीं किया गया।