ITR: जानिए क्या होता है इनकम टैक्स कैलकुलेटर, कैसे करें आयकर की गणना

Income Tax Calculator: यह एक ऑनलाइन टूल या तरीका है, जिसके जरिए कोई भी करदाता किसी वित्त वर्ष के लिए अपनी टैक्स गणना का अनुमान लगा सकता है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-07-08 19:21 IST

आयकर नियमों में बड़ा बदलाव: Photo - Social Media

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Income Tax Calculator: आयकर की गणना के लिए अब आपको किसी सीए के पास जाने की जरूरत नहीं है। इनकम टैक्स विभाग द्वारा अपने आयकर कैलकुलेटर के माध्यम से इनकम टैक्स कैलकुलेट करने की सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध करवाई गई है। इनकम टैक्स कैलकुलेटर को आपको यह जानने में मदद करता है कि करेंट ईयर के लिए कितना इनकम टैक्स देना होगा। तो आइए समझते हैं कि इनकम टैक्स कैलकुलेटर है क्या और कैसे इसका इस्तेमाल कर सकते हैं –

इनकम टैक्स कैलकुलेटर

यह एक ऑनलाइन टूल या तरीका है, जिसके जरिए कोई भी करदाता किसी वित्त वर्ष के लिए अपनी टैक्स गणना का अनुमान लगा सकता है। हर साल बजट में केंद्र सरकार आयकर के स्लैब अथवा टैक्स के दर की गणना करती है। इसी के हिसाब से आप इस कैलकुलेटर का इस्तेमाल करते हुए आप अपना टैक्स पता कर सकते हैं, जो आपकी आय पर देय होगा। इसके जरिए आयकर रिटर्न को भी भरा जा सकता है।

आयकर कैलकुलेटर का कैसे करें इस्तेमाल

सबसे पहले वह वित्त वर्ष चुने जिसके लिए आप अपने आयकर की गणना करना चाहते हैं। इसके बाद अपनी उम्र बताएं। इसके बाद अपनी कर योग्य आय को सबमिट करें। कर योग्य आय में आपको एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस), एलटीए और स्टैंडर्ड डिडक्शन को माइनस करना होगा। कर योग्य आय में आपको ब्याज से होने वाली आय, किराये से होने वाली आय, होम लोन पर ब्याज और खुद की संपत्ति पर लिए गए लोन के ब्याज का भुगतान करना होगा। फिर अब आपको आयकर की धारा 80सी, 80डी, 80जी, 80ई और 80टीटीए के तहत किए गए निवेश के बारे में जानकारी देनी होगी। अब इसके बाद आपको अपनी कर की देनदारी को कैलकुलेट करना होगा।

आयकर की गणना कैसे करें ?

सैलरी से होने वाली इनकम में बेसिक सैलरी+एचआरए+परिवहन भत्ता+स्पेशल भत्ता + अन्य भत्ते शामिल होते हैं। वेतन में मिलने वाले कुछ भत्ते आय़कर में शामिल नहीं होते हैं, जैसे कि टेलीफोन का बिल, एलटीए इत्यादि। यदि आप एचआरए लेते हैं और किराए पर रहते हैं तो फिर एचआरए में छूट पा सकते हैं। इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन के तौर पर 50 हजार रूपये की छूट मिलेगी।

आय में शामिल होगा यह

एक वित्त वर्ष में हुई सभी तरह के इनकम को शामिल करें, जिनमें वेतन, घर से होने वाली आय (किराया और होम लोन पर ब्याज) कैपिटल गेंस, व्यापार या प्रोफेशन से होने वाली आय बचत खाता , फिक्सड डिपॉजिट और बॉन्ड से होने वाली ब्याज आय।


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