मुश्किल में कोलकाता: 300 नर्सों ने छोड़ी नौकरी, जानें पूरा मामला

नर्सों के छोड़ कर जाने का कारण नहीं पता। जो नर्सें अब भी यहां हैं उनका कहना है कि मणिपुर सरकार उन्हें घर वापसी के लिए लुभावने प्रस्ताव दे रही है।

Update:2020-05-17 18:38 IST

एक और पूरा देश वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जूझ रहा है। देश में संक्रमितों की संख्या लगातार बढती जा रही है। ऐसे में देश भर डॉक्टर्स, नर्सें और स्वास्थ्यकर्मियों की जिम्मेदारी भी लगातार बढती जा रही है। लेकिन पश्चिम बंगाल में परिस्थितियां कुछ और ही हैं। बंगाल में कोरोना कॉल के ऐसे मुश्किल समय में निजी अस्पतालों से 300 से अधिक नर्सों ने अपनी नौकरी से त्यागपत्र दे कर वो देश के अलग-अलग राज्यों में स्थित अपने-अपने घरों को चली गई हैं।

बंगाल से जा नौकरियां छोड़ कर जा रहीं नर्सें, अस्पतालों ने लिखा मुख्य सचिव को पत्र

बंगाल में कोरोना संकट काल में नर्सों का अचानक इतनी भारी संख्या में अपने घर चले जाना वाकई में एक चिंताजनक स्थिति को जन्म देता है। ऐसे में अब कोलकाता के 17 निजी चिकित्सा संस्थानों की संस्था दी एसोसिएशन ऑफ हॉस्पिटल्स ऑफ ईस्टर्न इंडिया ने मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को पत्र लिख इस विकट संकट से अबगत कराया साथ ही इस मामले में हस्तक्षेप करने की भी मांग की। निजी अस्पतालों की ओर से बताया गया कि इस हफ्ते की शुरुआत में कम से कम 185 नर्सें मणिपुर के लिए निकल गईं।

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इसके बाद, शनिवार को कुल 169 नर्सें मणिपुर, त्रिपुरा ओडिशा और झारखंड के लिए रवाना हो गईं। निजी चिकित्सा संस्थानों की संस्था एएचआईई के अध्यक्ष प्रदीप लाल मेहता ने मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को लिखे पत्र में बताया कि '' नर्सें क्यों छोड़कर जा रही हैं, इसका सही-सही कारण तो हमें नहीं पता। लेकिन जो नर्सें अब भी यहां हैं उनका कहना है कि इस मणिपुर सरकार उन्हें घर वापसी के लिए लुभावने प्रस्ताव दे रही है।

हमने किसी को लौटने को नहीं कहा- मणिपुर सीएम

बंगाल के अस्पतालों की ओर से मणिपुर का नाम सामने आने के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री नांगथोमबम बीरेन सिंह ने अस्पतालों के इस दावे को खारिज करते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की जिसमें उन्होंने कहा, ''राज्य ने ऐसा कोई परामर्श जारी नहीं किया है। हम किसी को भी लौटने को नहीं कह रहे। हमें उन पर गर्व है कि वे कोलकाता, दिल्ली और चेन्नई में मरीजों की सेवा कर रही हैं। मणिपुर मुख्यमंत्री ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि हमने उन्हें पहले ही कहा है कि कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने पर हम उन्हें मुआवजा और ईनाम देंगे।

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लेकिन अगर नर्सें और चिकित्सक जहां काम कर रहे है वहां उन्हें ठीक नहीं लग रहा है तो यह उनका फैसला है। मैं उन पर वहां बने रहने के लिए दबाव नहीं बना सकता। उनके लौटने का शायद यही कारण हो। वहीं इस बीच कोलकाता से मणिपुर लौटी एक नर्स ने बताया कि उसके नौकरी छोड़ने दो कारण सुरक्षा संबंधी चिंता और उसके माता-पिता का दबाव हैं। वहीं पश्चिओम बंगाल में कोरोना के अब तक 2,576 मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें 115 मामले नए सामने आए हैं। वहीं इस वायरस से अब तक 160 लोगों की राज्य में जान जा चुकी है।

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