बड़ी कामयाबी: भारत-चीन के सैनिकों की बॉर्डर से वापसी, अब तैयारी 3 M फॉर्मूले की

लद्दाख में सीमा भूमि विवाद मुद्दे पर हुई इस बातचीत में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि पैंगोंग लेक से सैनिकों के पीछे हटने के साथ ही, दोनों देशों को पूर्वी लद्दाख के अन्य विवादित मुद्दों को भी सुलझाना चाहिए।

Update:2021-02-26 11:24 IST
लद्दाख में सीमा भूमि विवाद मुद्दे पर हुई इस बातचीत में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि पैंगोंग लेक से सैनिकों के पीछे हटने के साथ ही, दोनों देशों को पूर्वी लद्दाख के अन्य विवादित मुद्दों को भी सुलझाना चाहिए।

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा भूमि विवाद मुद्दे को सुलझाया जा रहा है। महीनों बाद अब दोनों देशों की सेनाएं पैंगोंग झील इलाके से पीछे हटने लगी हैं। ऐसे में इस बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से फोन पर बातचीत की है। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच लगभग 75 मिनट तक की चर्चा चली। इस मुद्दे पर मौजूदा स्थिति का आकलन किया गया है। साथ ही दोनों देशों ने आगे के रास्ते को आसान बनाने के लिए 3 एम फॉर्मूले पर काम करने की बात की है।

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विवादित मुद्दों को सुलझाना

सीमा भूमि विवाद मुद्दे पर हुई इस बातचीत में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि पैंगोंग लेक से सैनिकों के पीछे हटने के साथ ही, दोनों देशों को पूर्वी लद्दाख के अन्य विवादित मुद्दों को भी सुलझाना चाहिए। साथ ही चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भी लद्दाख सीमा से पीछे हट रहे सैनिकों पर संतुष्टि जताई। इस पर उन्होंने कहा कि दोनों ही देशों को एक साथ आकर मुद्दे को सुलझाना होगा।

बता दें, भारत और चीन के बीच आगे की राह आसान करने के लिए 3-M फॉर्मूले को लेकर बातचीत हुई है। इसके आधार पर सीमा भूमि विवाद को निपटाया जाएगा। इसमें आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित को ध्यान में रखा जाएगा।

फोटो-सोशल मीडिया

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फॉर्मूले को भारत द्वारा सुझाया

दोनों देशों के बीच उलझे इस मुद्दे को लेकर इस फॉर्मूले को भारत द्वारा सुझाया गया था, जिसे चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भी स्वीकारा और इसे लागू करने की बात कही। वहीं दोनों ही देशों की ओर से उम्मीद जताई गई है कि वो लगातार संपर्क में बने रहेंगे, हॉटलाइन के जरिए चर्चा करेंगे।

गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच अप्रैल 2020 के बाद से ही लद्दाख सीमा पर हालात तनावपूर्ण बने हुए थे। इस पर दोनों देशों की तरफ से हजारों की संख्या में सैनिकों की तैनाती की गई थी, जून 2020 में गलवान घाटी में भिड़ंत भी हुई थी। इसमें भारत के 20, चीन के 4 (PLA ओर से जारी आंकड़ा) की मौत हुई थी। जिसके बारे में चीन की तरफ से पहली बार वीडियो कुछ दिन पहले जारी किया गया था।

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