Lalu Yadav: कभी राहुल को दूल्हा बनाने की बात मगर अब ममता बनर्जी का साथ, लालू यादव के बदले रुख से बढ़ीं कांग्रेस की मुश्किलें
Lalu Yadav: लालू यादव ने इंडिया गठबंधन के नेतृत्व को लेकर ममता बनर्जी का समर्थन किया है।;
Lalu Yadav: हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं। कभी राहुल गांधी को दूल्हा बनाने की बात कहने वाले राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव का रुख भी अब बदल गया है। उन्होंने मांग की है कि इंडिया गठबंधन का नेतृत्व राहुल गांधी की जगह ममता बनर्जी के हाथों में सौंपा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के आपत्ति जताने भर से कुछ नहीं होता। गठबंधन के साथी नेतृत्व में बदलाव चाहते हैं और उन्होंने इस बाबत चर्चा भी शुरू कर दी है।
राजद मुखिया लालू यादव की इस टिप्पणी को बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है। एनसीपी नेता शरद पवार और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के बाद अब लालू प्रसाद यादव की यह मांग कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाती हुई दिख रही है। कांग्रेस को राहुल गांधी के अलावा किसी और का नेतृत्व मंजूर नहीं है जबकि इंडिया गठबंधन के घटक दलों की ओर से ममता को नेतृत्व सौंपने की मांग लगातार तेज होती जा रही है।
ममता के पक्ष में खुलकर उतरे लालू
बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं मगर इस बीच राजद मुखिया लालू यादव ने बड़ी मांग कर दी है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि इंडिया अलायंस का नेतृत्व राहुल गांधी की जगह ममता बनर्जी को सौंपा जाना चाहिए। 2023 में पटना में इंडिया गठबंधन के नेताओं का जमावड़ा लगा था और उस समय लालू प्रसाद यादव ने राहुल गांधी को दूल्हा बनाने की बात कही थी। उनका कहना था कि हम सभी बाराती बनने के लिए तैयार हैं।
हालांकि लालू प्रसाद यादव ने यह बात मजाकिया लहजे में कही थी मगर उसका बड़ा सियासी मतलब निकाला गया था। माना गया था कि लालू यादव ने इंडिया गठबंधन के नेतृत्व के मुद्दे पर साफ तौर पर इशारा कर दिया है मगर अब लालू यादव का रुख बदलता हुआ दिख रहा है। वे ममता बनर्जी की तरफदारी में जुट गए हैं। लालू यादव के बेटे और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी ममता बनर्जी के पाले में खड़े दिख रहे हैं।
कांग्रेस के आपत्ति जताने से कुछ नहीं होगा
राहुल गांधी को अपने हाथों से मटन खिलाने वाले और उन्हें दूल्हा बनाने की बात कहने वाले लालू यादव के इस बदले रुख का बड़ा सियासी मायने निकाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के आपत्ति जताने से कुछ भी नहीं होता। गठबंधन की बेहतरीन के लिए नेतृत्व में बदलाव जरूरी है और इसे गलत नहीं माना जा सकता।
लालू प्रसाद यादव का बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का नेतृत्व सौंपने का विरोध किया है। उनका कहना है कि टीएमसी और ममता का प्रभाव सिर्फ पश्चिम बंगाल तक सीमित है। राष्ट्रीय स्तर पर बात की जाए तो ममता और उनकी पार्टी का असर वैसा नहीं है, जितना कि दावा किया जा रहा है।
बिहार चुनाव से पहले लालू ने दिखाए तेवर
लालू यादव के बयान को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि उनके बेटे तेजस्वी यादव इन दोनों कोलकाता के दौरे पर हैं। अब राजद खुलकर ममता बनर्जी के पक्ष में उतर गई है और पार्टी खुलकर नेतृत्व में फेरबदल की मांग करने लगी है। लालू यादव के बयान को बिहार विधानसभा के प्रस्तावित चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
विधानसभा चुनाव से पहले राजद ने बड़ा बयान देकर कांग्रेस पर दबाव बढ़ा दिया है। पिछले दिनों कांग्रेस की ओर से स्ट्राइक रेट के आधार पर सीट बंटवारे की बात कही गई थी। महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस ने सहयोगी दलों पर दबाव की रणनीति अपनाई थी।
कांग्रेस को दबाव बनाने से रोकने की रणनीति
बिहार में राजद का कांग्रेस के साथ गठबंधन है और लालू और तेजस्वी दोनों चाहते हैं कि कांग्रेस को दबाव बनाने का कोई मौका न मिल सके। सियासी जानकारों का मानना है कि इसी कारण राजद ने दबाव की रणनीति अपनाते हुए राहुल की जगह ममता को नेतृत्व सौंपने की मांग कर दी है।
माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इसका बिहार में बड़ा सियासी असर दिख सकता है। उल्लेखनीय बात यह है कि लालू से पहले शरद पवार, उद्धव ठाकरे, सत्यपाल मलिक और सपा की ओर से भी ममता बनर्जी के नेतृत्व की वकालत की जा चुकी है। ममता बनर्जी की ओर से नेतृत्व की दावेदारी जताए जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस के नेता पहले ही इस मुद्दे को गरमाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।