लालकृष्ण आडवाणी ने लिखा ब्लाॅग, कहा- मेरे लिए पार्टी से पहले देश, अंत में मैं
भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और मार्गदर्शक मंडल के सदस्य लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि मेरे लिए पहले देश, फिर पार्टी, अंत में मैं हूं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने ब्लॉग लिखकर कहा, '6 अप्रैल को बीजेपी अपना स्थापना दिवस मनाएगी।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और मार्गदर्शक मंडल के सदस्य लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि मेरे लिए पहले देश, फिर पार्टी, अंत में मैं हूं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने ब्लॉग लिखकर कहा, '6 अप्रैल को बीजेपी अपना स्थापना दिवस मनाएगी। बीजेपी में हम सभी के लिए यह महत्वपूर्ण अवसर है कि हम पीछे देखें, आगे देखें और भीतर देखें।
लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि बीजेपी के संस्थापकों में से एक के रूप में मैंने भारत के लोगों के साथ अपने अनुभवों को साझा करना अपना कर्तव्य समझा है। खासतौर पर मेरी पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं के साथ। दोनों ने मुझे बहुत स्नेह और सम्मान दिया है।'
आडवाणी ने गांधीनगर की जनता के प्रति आभार जताया है, जहां से वह 1991 के बाद 6 बार सांसद रहे। इस बार गांधीनगर से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह चुनाव मैदान में हैं।
यह भी पढ़ें...राजधानी के लोगों को रास नहीं आ रहा कांग्रेस का देशद्रोह कानून खत्म करने की बात!
आडवाणी ने ब्लॉग में लिखा है उनकी जिंदगी का सिद्धांत रहा है- देश सबसे पहले, उसके बाद पार्टी और आखिर में खुद। उन्होंने लिखा कि हर परिस्थिति में उन्होंने इस सिद्धांत पर अटल रहने की कोशिश की है जो आगे भी जारी रहेगी। खास बात यह है कि गांधीनगर से बीजेपी का टिकट नहीं मिलने के बाद आडवाणी की यह पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया है।
आडवाणी ने ब्लॉग में अपने अबतक के राजनीतिक सफर को याद किया कि कैसे वह 14 साल की उम्र में आरएसएस से जुड़े और किस तरह वह पहले जनसंघ और बाद में बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में रहे और पार्टी के साथ करीब 7 दशकों तक जुड़े रहे। ब्लॉग में आडवाणी ने पार्टी के सिद्धांतों और नीतियों पर जोर देते हुए सभी राजनैतिक दलों से आत्मनिरीक्षण की अपील भी की।
यह भी पढ़ें...ओडिशा के केन्द्रपाड़ा में विधानसभा चुनाव के दौरान सौर लालटेन का प्रयोग किया जाएगा
आडवाणी ने लिखा है कि भारतीय लोकतंत्र का सार उसकी विविधता और अभिव्यक्ति की आजादी है। उन्होंने लिखा, 'अपने जन्म के बाद से ही, बीजेपी ने खुद से राजनीतिक तौर पर असहमति रखने वालों को कभी 'दुश्मन' नहीं माना, बल्कि उन्हें हमसे अलग विचार वाला माना है। इसी तरह, भारतीय राष्ट्रवाद की हमारी अवधारणा में, हमने राजनीतिक तौर पर असहमत होने वालों को कभी 'देश-विरोधी' नहीं माना।'
आडवाणी ने आगे लिखा, 'पार्टी के भीतर और राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य दोनों में ही लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा बीजेपी की गर्वीली पहचान रही है। बीजेपी हमेशा से मीडिया समेत हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्वतंत्रता, निष्ठा, निष्पक्षता और मजबूती की रक्षा की मांग में अग्रणी रही है।' उन्होंने लिखा कि चुनाव सुधार और भ्रष्टाचारमुक्त राजनीति उनकी पार्टी की एक अन्य प्राथमिकता है।
यह भी पढ़ें...तो क्या वायनाड से चुनाव जीतने के बाद राहुल छोड़ देंगे अमेठी, प्रियंका ने दिया संकेत!
ब्लॉग के आखिर में आडवाणी ने लिखा है कि सत्य, राष्ट्र निष्ठा और लोकतंत्र की तिकड़ी ने बीजेपी के विकास की पथप्रदर्शक रही हैं। उन्होंने कहा कि इन मूल्यों की समग्रता से सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और सुराज (गुड गवर्नेंस) का जन्म होता है, जो उनकी पार्टी का हमेशा से ध्येय रहा है। अंत में उन्होंने लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक दलों, मीडिया और लोकतांत्रिक संस्थाओं से ईमानदारी से आत्मनिरीक्षण की भी अपील की है।