लोन मोरेटोरियम: ब्याज माफ करने को लेकर हुई बात, SC में सुनवाई जारी

सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, हम ऐसा कोई भी फैसला नहीं ले सकते हैं जो अर्थव्यवस्था को कमजोर कर सकता है।

Update: 2020-09-03 09:51 GMT
केंद्र ने SC से कहा- नहीं माफ कर सकते ब्याज

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में आज यानी गुरुवार को कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से दिए लोन मोरेटोरियम को आगे बढ़ाने और ब्याज में छूट देने की याचिकाओं पर सुनवाई जारी है। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए हैं।

हम ब्याज नहीं माफ कर सकते, लेकिन

सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, हम ऐसा कोई भी फैसला नहीं ले सकते हैं जो अर्थव्यवस्था को कमजोर कर सकता है। उन्होंने कहा कि हमने ब्याज माफ नहीं करने का फैसला लिया है लेकिन भुगतान के दबाव को कम किया जाएगा।

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याचिका में की गई है ये मांग

बता दें कि लोन की ईएमआई (EMI) नहीं अदा करने की अवधि को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। इस पर याचिकाकर्ताओं की तरफ से मांग है कि लोन मोरेटोरियम के दौरान उन्हें ईएमआई ना चुकाने की जो छूट दी गई थी उस पर ब्याज ना वसूला जाए। इसके साथ ही, लोन मोरेटोरियम को 31 दिसंबर तक बढ़ाया जाए।

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पिछली सुनवाई में SC ने कही थी ये बात

बता दें, इससे पहले 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि इकोनॉमी को पटरी पर लाने के कुछ ऑप्शन हैं। इसमें से एक तरीका ये है कि इंटरेस्ट यानी ब्याज माफ कर दिया जाए। और दूसरा ये है कि कोई बड़ा कदम उठाया जाए ताकि लोन के रीपेमेंट का बोझ कम हो सके।

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