लॉकडाउन ने बदल दी आईटी की दुनिया, खत्म होने के बाद भी जारी रहेगा यह ट्रेंड

कोरोना की महामारी ने पूरी दुनिया की रफ्तार पर लगाम लगा दी है और अधिकांश देशों में लॉकडाउन घोषित होने के कारण लोग घरों में कैद रहने के लिए मजबूर हैं। दुनिया भर की तमाम छोटी से लेकर बड़ी कंपनियां वर्क फ्रॉम होम के सहारे चल रही हैं।

Update: 2020-04-27 17:39 GMT

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: कोरोना की महामारी ने पूरी दुनिया की रफ्तार पर लगाम लगा दी है और अधिकांश देशों में लॉकडाउन घोषित होने के कारण लोग घरों में कैद रहने के लिए मजबूर हैं। दुनिया भर की तमाम छोटी से लेकर बड़ी कंपनियां वर्क फ्रॉम होम के सहारे चल रही हैं। ऐसे में आईटी उद्योग के दिग्गज क्रिस गोपालकृष्णन का मानना है कि लॉकडाउन के खत्म होने के बाद भी स्थितियों में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आने वाला। उनका कहना है कि लॉकडाउन की अवधि खत्म होने के बाद भी 10 लाख से अधिक आईटी कर्मचारियों के घरों से ही काम करने की संभावना है।

आईटी उद्योग वर्क फ्रॉम होम के लिए तैयार

गोपालकृष्णन का कहना है कि यह बदलाव इसलिए दिखेगा क्योंकि आईटी सेवा उद्योग ने लोगों को घर से काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार कर लिया है। दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस के सह संस्थापक गोपालकृष्णन ने कहा कि यह आसान काम नहीं था। इसके लिए बड़ी संख्या में लोगों को प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे की जरूरत थी। साथ ही ग्राहकों की इजाजत लेकर व्यापार प्रक्रियाओं प्रक्रियाओं में बदलाव लाना भी जरूरी था। अब आईटी उद्योग वर्क फ्रॉम होम के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुका है।

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काम में नहीं आ रही कोई दिक्कत

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के पूर्व अध्यक्ष गोपालकृष्णन ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि बड़े आईटी संगठनों में 90-95 फ़ीसदी तक कर्मचारी घरों से ही काम कर रहा है। काम में कोई दिक्कत भी नहीं आ रही है। इस बदलाव को बहुत तेजी और सहज ढंग से पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि अब यह ट्रेंड आगे भी जारी रहने की संभावना दिख रही है।

स्थायी कार्यालय जरूरी नहीं लग रहा

गोपालकृष्णन ने कहा कि कई छोटे भारतीय स्टार्टअप ने हाल के दिनों में अपने काम की समीक्षा करके यह पाया है कि वे घर से काम करने में भी पहले जैसे ही प्रभावी हैं। यही कारण है कि अब वे इस मुद्दे पर सोच रहे हैं कि क्या उन्हें आगे स्थायी कार्यालय रखने की कोई जरूरत है भी या नहीं।

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आने वाले दिनों में दिखेगा बड़ा बदलाव

उन्होंने कहा कि आईटी की दुनिया में आने वाले दिनों में बहुत बड़ा बदलाव दिखेगा। अब इस दुनिया में पहले की तरह काम नहीं होने वाला। अब आईटी कंपनियां भी इस मुद्दे पर सोच रही हैं कि वे आने वाले दिनों में किस तरह काम करेंगी और उन्हें अपने काम के लिए कितने बड़े कार्यालय की जरूरत है। उनका मानना है कि आने वाले दिनों में कम से कम 20 से 30 फीसदी आईटी कर्मचारी घर से ही काम करना जारी रखेंगे। इसका मतलब साफ है कि करीब 12 लाख आईटी कर्मचारी भविष्य में भी घर से ही काम करेंगे।

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रुक सकती हैं नई भर्तियां

आईटी की दुनिया पर कोरोना के असर के बारे में उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में नौकरियां जाने का तो बहुत संकट नहीं दिख रहा, लेकिन इतना तो तय है कि अब नई भर्तियों पर विराम लग सकता है। साथ ही साथ घाटा बचाने के लिए कर्मचारियों की सैलरी में भी कटौती की जा सकती है।

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