लॉकडाउन: भरी दोपहर में बीमार बेटी के इलाज के लिए 26 किमी पैदल चला बुजुर्ग
देश में लगभग सुविधाएं बंद हैं और इस वजह से एक 60 साल का बुजुर्ग अपने कंधे पर अपनी 17 साल की बेटी को बैठा कर कड़ी धूप में पैदल चलता रहा।
गोवंडी: इस वक्त पूरा देश जानलेवा कोरोना वायरस से लड़ रहा है। भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का फैसला लिया गया है। इस दौरान सब तरह की सुविधाएं, उद्योग बंद पड़े हुए हैं। देश में न रास्तों पर बसें चल रही हैं न कोई यातायात। बाजार सहमा पड़ा है और लगभग सभी तरह के उद्योग ठप पड़े हुए हैं। ऐसे में बहुत से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच एक घटना सामने आई, जो एक गरीब व्यक्ति कहानी को बयां करती है।
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अपने कंधे पर बेटी को बैठा 26 किलोमीटर पैदल चला बुजुर्ग
दरअसल, देश में सभी सुविधाएं बंद होने के चलते एक 60 साल का बुजुर्ग अपने कंधे पर अपनी 17 साल की बेटी को बैठा कर कड़ी धूप में पैदल चलता रहा। दरअसल, गोवंडी में एक झुग्गी बस्ती में रहने वाले मोहम्मद रफी की बेटी की अचानक से तबीयत खराब हो गई। अपनी बेटी को बीमार देख मोहम्मद रफी ने उसे पैदल ही हॉस्पिटल ले जाने की ठानी। बुजुर्ग बाप ने अपने कंधों पर अपनी बेटी को बैठा लिया और करीब 26 किलोमीटर तक पैदल चले। फिर अपनी बेटी को केईएम अस्पताल में भर्ती कराया और वापस भी इसी तरह पैदल चलकर आए।
गुरुवार को अचानक खराब हो गई बेटी की तबीयत
मोहम्मद रफी एक रसोइया के तौर पर काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन लागू होने के चलते उनका काम बंद हो गया। उन्होंने बताया कि गुरुवार को बेटी के पेट में बहुत ज्यादा दर्द उठी, जिस वजह से वो अपने बिस्तर से तक नहीं हिल पा रही थी। बेटी को इस हाल में देख रफी ने अपने जर्जर कंधे पर अपने बेटी को बैठा कर दोपहर के वक्त 26 किलो मीटर तक चलकर गोवंडी से परेल पहुंचे।
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बेटी को अस्पताल में कराया भर्ती
मोहम्मद रफी ने फिर अपनी बेटी को अस्पताल में भर्ती कराया और जब रफी हॉस्पिटल पहुंचे तो बुरी तरह से हांफने लगे। लड़खड़ाती आवाज में उन्होंने बताया कि उनके पास साधन के लिए पैसे नहीं थे। काम बंद पड़ा हुआ है, घर की जरूरत का सामान ही बड़ी मुश्किल से मिल पा रहा है।
वापस भी पैदल ही तय किया सफर
अपनी बेटी का मुफ्त इलाज कराने के लिए मोहम्मद रफी ने अपनी बेटी को कंधे पर बिठा इतना लंबा सफर पैदल ही तय किया। फिर घर भी पैदल ही चलकर वापस आए। पूरे देश में इस वक्त लॉकडाउन लागू है और बहुत से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन लोग अपनी मजबूरी के आगे बेबस होकर ऐसे कदम उठाने पर मजबूर हैं।
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