Loksabha Expenses News: 17वीं लोकसभा कार्यकाल में करोड़ो रुपए की बचत, जानिए कैसे

Loksabha Expenses News: कोरोनाकाल भी खर्च कम करने के नजरिए से बड़ी भूमिका रखता हैं....

Update: 2023-04-27 14:10 GMT
Loksabha Bhavan (Pic Credit - Twitter)

Loksabha Expenses News: 2019 के मई से 17वीं लोकसभा की शुरुआत हो चुकी थी। 17 वीं लोकसभा में रिकॉर्ड बचत का बड़ा कारण कोविड-19 महामारी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की ओर से शुरू किए गए मितव्ययिता के तरीके है। बीते चार वर्षों के दौरान लोकसभा कार्यालय को पेपरलेस (कागज रहित) बनाने और ई-वाहनों की शुरुआत जैसी कई शुरुआत के कारण ईंधन लागत में भारी बचत हुई है।

संसद के एक अधिकारी ने बताया कि ई-वाहनों के उपयोग और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओर से शुरू की गई पेपरलेस कार्यालय जैसी उपायों से 17वीं लोकसभा के चार वर्षों के कार्यकाल के समय 801.46 करोड़ रुपये बचाए गए है।

17वीं लोकसभा में भारी बचत

भारत में मई 2019 में 17 वीं लोकसभा का गठन हुआ। गठन के बाद से चार वर्षों में किए गए बजटीय प्रावधानों में लगभग एक चौथाई की बचत की हुई है। संसद के अधिकारी ने बताया कि लोकसभा सचिवालय ने वित्त वर्ष 2021-22 में 258.47 करोड़ रुपये और 2022-23 में 132.60 करोड़ रुपये बचाए है। अबतक के लोकसभा में सबसे ज्यादा बचत इस सत्र में हुआ है। 12वीं लोकसभा, जिसका कार्यकाल 13 महीने का था, कुल बजटीय आवंटन में से 7.01 करोड़ रुपये बचाने में कामयाब रही थी। 13 वीं लोकसभा (1999-2004) ने पांच साल की अवधि के दौरान 99.52 करोड़ रुपये की बचत की गई थी।

कोरोना महामारी की भी बचत में भूमिका

14 वीं लोकसभा में बचत 145.07 करोड़ थी। 15वीं लोकसभा ने 94.17 करोड़ रुपये और 16 वीं लोकसभा ने 461 करोड़ रुपये बचाए थे। 17वीं लोकसभा के दौरान रिकॉर्ड बचत का कारण कोविड-19 महामारी भी रहा है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला द्वारा शुरू किए गए कम खर्च करने के उपाय भी इस श्रेणी में अहम है। इन उपायों की मदद से लोकसभा के खर्च में कटौती हुई है। पिछले चार वर्षों के दौरान लोकसभा कार्यालय को कागज रहित बनाने और ई-वाहनों की शुरुआत जैसी कई पहलों के कारण ईंधन लागत में भारी बचत हुई है।

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