LAC में सैनिकों की लाशें: इतिहास में दर्ज हुई साल की बड़ी घटना, ऐसा रहा 2020

साल 2020 की सबसे बड़ी घटना भारत-चीन के बीच हुई हिंसक झड़प। 15-16 जून की रात को हिमालय से 4000 मीटर की ऊचांई पर पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे।

Update:2020-12-22 19:59 IST
साल 2020 ने इतिहास में अपनी कई अनोखी छापें छोड़ी हैं। ये ऐसी छापे हैं जिनकों सदियों तक याद रखा जाएगा। सबसे पहली से विश्वव्यापी महामारी कोरोना वायरस।

नई दिल्ली: साल 2020 ने इतिहास में अपनी कई अनोखी छापें छोड़ी हैं। ये ऐसी छापे हैं जिनकों सदियों तक याद रखा जाएगा। सबसे पहली से विश्वव्यापी महामारी कोरोना वायरस। जिसने पूरी दुनिया को मानों अपनी मुठ्ठी में कर लिया हो। इस दौरान कुछ ऐसा मंजर था, जिससे पूरी दुनिया महीनों घरों में ही बंद रही। हर चीज एक झटके में ठप हो गई। इसके बाद की सबसे बड़ी घटना भारत-चीन के बीच हुई हिंसक झड़प। 15-16 जून की रात को हिमालय से 4000 मीटर की ऊचांई पर पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे।

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भारतीय सैनिकों के मौत की वजह

भारत और चीन के बीच ये झड़प 45 साल बाद हुई, जिसमें सैनिकों की जान गई। सालों पहले दोनों देशों के बीच इस बात पर सहमति हो गई थी, कि सीमा यानी बॉर्डर पर गोली नहीं चलेगी। लेकिन विषम होते हालातों की वजह से दोनों देशों के सैनिकों के बीच जबरदस्त हिंसक झड़प हुई, जों भारतीय सैनिकों के मौत की वजह बनी।

इस साल 2020 से पहले भारत और चीन के बीच सन् 1962 में जंग हुई। जिसमें चीन की जीत हुई थी और भारत की हार हुई थी। फिर इसके बाद सन् 1965 और 1975 में भी दोनों देशों के बीच खूनी झड़पें हुई थी। इसके बाद इस साल ये चौथा मौका था, जब भारत-चीन सीमा पर सैनिकों के बीच तनातनी हुई थी।

फोटो-सोशल मीडिया

इतिहास में दर्ज हुई 15-16 जून की तारीख को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में लाइन ऑफ एक्च्यूअल कंट्रोल(LAC) पर हुई खूनी झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हुए थे।

चीनी सैनिकों का भी नुक़सान हुआ

चीनी सैनिकों ने गलवान घाटी में हुई झड़प में हथियार के तौर पर लोहे की रॉड जिस पर कीलें लगी हुई थी, उससे भारतीय सेना पर हमला किया था। हालाकिं इसमें भारत का दावा है कि चीनी सैनिकों का भी नुक़सान हुआ है पर चीन ने इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया था।

इस खूनी झड़प में शहीद हुए जवानों में से एक झारखंड पूर्वी सिंहभूम ज़िले के बहरागोड़ा प्रखंड के बांसदा निवासी गणेश हांसदा भी थे। संघर्ष के बाद सेना के अधिकारियों ने उनके परिवार को फ़ोन कर ये शोक की ख़बर दी।

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फोटो-सोशल मीडिया

बिहार के सहरसा ज़िले के सत्तरकतैया ब्लॉक के आरण गांव के कुंदन कुमार भी झड़प में शहीद हुए थे। उनके पिता किसान हैं। सैनिक कुंदन कुमार की पत्नी बेबी देवी को सेना की तरफ से फ़ोन इस घटना की खबर दी गई।

ये कर्नल भी हुए शहीद

शहीद हुए जवानों में छत्तीसगढ़ के कांकेर के आदिवासी समुदाय से गणेश राम कुंजाम भी शामिल हैं। सेना में वे साल 2011 में सेना में भर्ती हुए थे। लगभग एक महीने पहले ही उनकी नियुक्ति भारत-चीन सीमा पर हुई थी।

चीन से हुई झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल भी थे। कर्नल तेलंगाना के सूर्यापेट ज़िले के रहने वाले थे। चीनी सीमा पर कर्नल संतोष बाबू बीते डेढ़ साल से तैनात थे। शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू 16-बिहार रेजिमेंट में थे। कर्नल की पत्नी और दो बेटे हैं। दिल्ली में इनके परिवार को फोन द्वारा सूचना दी गई।

पू्र्वी लद्दाख में हुई हिंसक झड़प के पीछे की वजह वैसे तो सड़क निर्माण हो सकती है, पर इस झड़प की यही एक मात्र वजह नहीं है। फिलहाल सीमा पर दोनों देशों की सेना कड़ाके की ठंड में तैनात हैं।

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