कुलदीप सिंह सेंगर केस: CBI ने इन 3 महिला अफसरों को माना दोषी, कार्रवाई की मांग
इन महिला अफसरों में उन्नाव की डीएम रह चुकीं अदिति सिंह और एसपी के पद पर तैनात रह चुकीं दो आईपीएस अधिकारी नेहा पांडेय और पुष्पांजलि सिंह शामिल हैं।
अंशुमान तिवारी
लखनऊ: उन्नाव के चर्चित दुष्कर्म मामले में तीन महिला अफसरों की गर्दन फंस गई है। पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर से जुड़े इस मामले में सीबीआई ने इन तीनों महिला अफसरों को लापरवाही का दोषी माना है। सीबीआई की ओर से इन तीनों महिला अफसरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई है। इन महिला अफसरों में उन्नाव की डीएम रह चुकीं अदिति सिंह और एसपी के पद पर तैनात रह चुकीं दो आईपीएस अधिकारी नेहा पांडेय और पुष्पांजलि सिंह शामिल हैं। इन तीनों अफसरों के अलावा सीबीआई ने तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक अष्टभुजा सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की है।
सेंगर को हो चुकी है उम्रकैद की सजा
उन्नाव का यह दुष्कर्म मामला काफी चर्चित हुआ था क्योंकि इस मामले में पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का नाम आया था। सेंगर को हाईकोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में उम्र कैद की सजा सुनाई थी। सेंगर भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।
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मगर इस दुष्कर्म मामले के चलते उन्हें भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था। पहले इस मामले की जांच पड़ताल पुलिस की ओर से की जा रही थी मगर बाद में काफी हो-हल्ला मचने पर मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।
पुलिस से थी सेंगर की मिलीभगत
सीबीआई ने अपनी जांच के दौरान सेंगर और पुलिस की मिलीभगत का खुलासा किया था। इस मामले में कई पुलिसकर्मियों की गर्दन फंसी हुई है। सीबीआई की ओर से इस मामले में सफीपुर के सीओ कुंवर बहादुर सिंह, माखी थाने के एसएचओ धर्म प्रकाश शुक्ला और एसआई दिग्विजय सिंह के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है।
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अब इस मामले में तीन बड़े अफसरों की भी गर्दन फंस गई है। इनमें से एक महिला अफसर आईएसए है जबकि दो महिला अफसर आईपीएस हैं। ये तीनों महिला अफसर इस समय बड़े पदों पर तैनात हैं। सीबीआई का मानना है कि इन तीनों महिला अफसरों ने इस मामले में लापरवाही बरती है।
इन तीन महिला अफसरों पर गिरी गाज
सीबीआई ने इस मामले में उन्नाव की तत्कालीन डीएम अदिति सिंह के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। अदिति 2009 बैच की आईएएस अफसर हैं और इस समय हापुड़ में डीएम पद पर तैनात हैं। वे जनवरी 2017 से 26 अक्टूबर 2017 तक उन्नाव के डीएम पद पर तैनात थीं। इसी दौरान युवती ने सेंगर और उसके साथियों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। युवती ने इस मामले में डीएम से भी शिकायत की थी मगर उसकी शिकायतों पर गौर नहीं किया गया। सीबीआई ने इस मामले में 2009 बैच की आईपीएस अफसर नेहा पांडेय के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की है।
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नेहा मौजूदा समय में प्रतिनियुक्ति पर आईबी में हैं। उनके प्रति गौरव सिंह 2010 बैच के आईपीएस अफसर हैं। नेहा पांडेय 2 फरवरी 2016 से 26 अक्टूबर 2017 तक उन्नाव के एसपी पद पर तैनात थीं। सीबीआई की सिफारिश में 2006 बैच की आईपीएस अफसर पुष्पांजलि सिंह का भी नाम है। पुष्पांजलि मणिपुर काडर की आईपीएस अफसर हैं। वे 27 अक्टूबर 2017 से 30 अप्रैल 2018 तक उन्नाव के एसपी पद पर तैनात थीं। पुष्पांजलि मौजूदा समय में गोरखपुर में एसपी रेलवे के पद पर तैनात हैं। जुलाई महीने में पुष्पांजलि को डीआईजी पद पर प्रमोशन भी मिला है।
सरकार पर बढ़ा कार्रवाई का दबाव
सीबीआई की सिफारिश के बाद सरकार पर अफसरों के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है। दरअसल दुष्कर्म पीड़िता की ओर से विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ माखी थाने से लेकर डीएम-एसपी तक शिकायत दर्ज कराई गई थी।
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सीबीआई की जांच में खुलासा हुआ है कि दुष्कर्म पीड़िता की शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इस मामले में न तो कोई केस दर्ज किया गया और न ही किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई।
विधायक के रसूख ने दिखाया असर
दुष्कर्म पीड़िता का आरोप था कि विधायक के रसूख के कारण पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। बाद में दुष्कर्म पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में विधायक के लोगों का नाम सामने आया था।
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हाईकोर्ट ने पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में भी सेंगर समय सात अन्य दोषियों को 10 साल की सजा सुनाई है। सीबीआई की सिफारिश के बाद अब यह मामला फिर गरमाने के आसार हैं। अब हर किसी की नजर सरकार की ओर से की जाने वाली कार्रवाई पर टिकी है।