लुलु ग्रुप के प्रमुख की ओर से कुवैत हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को 5-5 लाख की मदद, जानिए कौन हैं युसूफ अली

Kuwait Fire Incident: लुलु ग्रुप के प्रमुख युसूफ अली ने कुवैत में हुई भयावह अग्निकांड में जान गंवाए लोगों के परिजनों की मदद के लिए 5-5 लाख रुपए की सहायता राशि देने का ऐलान किया है।

Report :  Aniket Gupta
Update: 2024-06-14 09:51 GMT

Kuwait Fire Incident: कुवैत में हुई भयावह अग्निकांड में बीते दिन 45 भारतीयों की मौत हो गई। कुवैत की इस घटना में मारे गए भारतीयों के शव आज यानी शुक्रवार को भारत लाया गया। इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए अलग-अलग सहायता राशि की घोषणा की गई है। वहीं मलयाली मूल के दो उद्योगपतियों ने भी मृतकों के परिजनों की सहायता के लिए आर्थिक मदद का ऐलान किया है। केरल सरकार की तरफ से जारी बयान के अनुसार, लुलु मॉल के प्रमुख युसूफ अली ने हर मृतक के परिजनों के लिए 5-5 लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है। वहीं रवि पिल्लई ने भी हर मृतक के परिवार को 2-2 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। 

ये है लुलु ग्रुप का मुख्य बिजनेस

लुलु ग्रुप के प्रमुख यूसुफ अली हमेशा से अपनी दानवीर छवि के लिए मशहूर रहे है। देशभर में मशहूर लुलु मॉल का संचालन युसूफ अली की कंपनी ही चलाती है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, लुलु ग्रुप दुनिया के 25 देशों में बिजनेस करता है। अलग-अलग देशों में इस कंपनी के 260 से अधिक रिटेल आउटलेट्स हैं। जानकारी के अनुसार, इस ग्रुप में 70 हजार से अधिक लोग काम करते हैं। लुलु कंपनी का मॉल हैदराबाद, कोच्चि, तिरुवनंतपुरम, बंगलुरु, लखनऊ और कोयंबटूर में संचालित हो रहे हैं। साथ ही अब लुलु ग्रुप भारत के 12 और शहरों में अपने मॉल खोलने की तैयारी में है। कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, लुलु ग्रुप रिटेल, हॉस्पिटैलिटी, डिस्ट्रीब्यूशन, मैन्यूफैक्चरिंग एंड प्रॉसेसिंग, हॉस्पिटैलिटी और रियल एस्टेट के फिल्म में बिजनेस करता है। कंपनी का सालाना कारोबार करीब आठ अरब डॉलर का है। लुलु ग्रुप के प्रमुख यूसुफ अली का नाम विदेशों में सबसे अधिक भारतीयों को नौकरी देने वाले शख्स के रूप में भी दर्ज है।

यूसुफ अली का जन्म और शुरुआती बिजनेस

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूसुफ अली का जन्‍म साल 1955 में केरल के त्रिसूर में हुआ था। यूसुफ के पिता की किराने की दुकान थी। साथ ही उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्‍ट्रेशन में डिप्‍लोमा भी किया है। इसके बाद वो 1973 में यूएई चले गए, जहां उनके चाचा रिटेल स्टोर चलाते थे। यूसुफ ने अबू धाबी पहुंचकर आयात-निर्यात के बिजनेस में अपनी किस्मत आजमाई। इस दौरान उन्हें काफी यात्राएं करनी पड़ीं और इसी दौर में उन्हें सुपरमार्केट खोलने का आईडिया भी आया था।

Tags:    

Similar News