चंद्रयान 2 तो सफर पर निकल चुका, अब जरा चांद के बारे में ये खास बातें जानिए

भारत ने चंद्रयान 2 मिशन की लॉन्चिंग के साथ ही स्पेस टेक्नॉलजी के क्षेत्र में एक और इतिहास रच दिया है। इससे पहले 11 साल पहले इसरो ने अपने पहले चंद्रयान-1 का सफल परीक्षण किया था। चंद्रयान 2 मिशन के लिए 976 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

Update: 2019-07-22 13:48 GMT
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नई दिल्ली: भारत ने चंद्रयान 2 मिशन की लॉन्चिंग के साथ ही स्पेस टेक्नॉलजी के क्षेत्र में एक और इतिहास रच दिया है। इससे पहले 11 साल पहले इसरो ने अपने पहले चंद्रयान-1 का सफल परीक्षण किया था। चंद्रयान 2 मिशन के लिए 976 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इस मिशन के बाद भारत चांद पर उतरने वाला चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका, चीन और रूस चंद्रमा पर सफलतापूर्वक लैंडिग कर चुके हैं।

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चंद्रमा पर तापमान

चंद्रमा पर एक दिन धरती के 14 दिन के बराबर होता है और रात भी उतनी ही लंबी होती है। चांद पर दिन और रात के तापमान में भीषण अंतर होता है। वैज्ञानिकों के आकलन के मुताबिक दिन के दौरान अत्यधिक तापमान 127 डिग्री सेल्सियस के आस पास जबकि रात का तापमान शून्य से 173 डिग्री सेल्सियस नीचे तक पहुंच सकता है। चांद के ध्रुव के करीब कुछ गहरे क्रेटरों में तापमान हमेशा शून्य से नीचे 240 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।

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चांद का आधा हिस्सा ही क्यों दिखता है?

चांद का एक बार में हमें एक ही भाग नजर आता है। दूसरा भाग छिपा रहता है। दरअसल यह जितना समय पृथ्वी के अक्ष पर घूमने में लेता है, करीब-करीब उतना ही समय अपने अक्ष पर भी घूमने में ले लेता है। इसलिए एक बार में हमें इसका करीब 50 फीसदी यानी आधा हिस्सा ही दिखाई पड़ता है।

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