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धर्मेंद्र दास नरसिंहपुर जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर ग्राम नांदिया बिलहरा में साकेत धाम नामक आश्रम चलाता है। जिले के एसपी अजय सिंह ने बताया कि चार पीड़ितों ने सटाला पुलिस स्टेशन में धर्मेंद्र दास के खिलाफ बलात्कार और छेड़छाड़ की शिकायत की है।
भोपाल: स्वयंभू धर्मगुरु धर्मेंद्र दास दुबे के खिलाफ बलात्कार के तीन मामले दर्ज किए हैं। धर्मेंद्र दास दुबे मध्य प्रदेश की नरसिंहपुर पुलिस इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। बता दें कि पुलिस ने धर्मेंद्र को नार्कोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक पदार्थ अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था। धर्मेंद्र दास दुबे के खिलाफ POCSO अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
धर्मेंद्र दास के खिलाफ बलात्कार और छेड़छाड़ की शिकायत
बता दें कि आरोपी धर्मेंद्र दास नरसिंहपुर जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर ग्राम नांदिया बिलहरा में साकेत धाम नामक आश्रम चलाता है। जिले के एसपी अजय सिंह ने बताया कि चार पीड़ितों ने सटाला पुलिस स्टेशन में धर्मेंद्र दास के खिलाफ बलात्कार और छेड़छाड़ की शिकायत की है।
पुलिस को मिली शिकायतों के आधार पर चार अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। इन चार मामलों में से तीन भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत बलात्कार के हैं और एक POCSO एक्ट की धारा 354 के तहत दर्ज किया गया है। चार में से एक पीड़िता नाबालिग है।
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गॉडमैन ने एक ही गांव की तीन महिलाओं के साथ यौन शोषण किया
पुलिस ने बताया कि धर्मेंद्र दास के आश्रम पर 4 अगस्त को छापा मारा गया था और उसके कब्जे से 2 किलो से अधिक गांजा, कई पेन ड्राइव और वीडियो सीडी बरामद की गई थीं। कथित तौर पर गॉडमैन ने एक ही गांव की तीन महिलाओं के साथ यौन शोषण किया था और कई महीने से उन्हें ब्लैकमेल कर रहा था।
धर्मेंद्र दास के खिलाफ ब्लैक मेलिंग और यौन शोषण की शिकायत
जिला पुलिस के सूत्रों के अनुसार, कई ग्रामीणों ने इससे पहले भी धर्मेंद्र दास के खिलाफ उसकी गतिविधियों और गांव की कई महिलाओं साथ कथित यौन शोषण और ब्लैक मेलिंग की शिकायत की थी। आश्रम से जब्त किए गए सबूतों में कई वीडियो सीडी भी पाई गईं जिसके माध्यम से पीड़ितों को ब्लैकमेल किया जा रहा था। वहीं, परिवार के सदस्यों ने जोर देकर कहा कि वे बदनामी के डर से शिकायत नहीं करना चाहते थे।
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एनडीपीएस एक्ट के तहत उसे गिरफ्तार गया
इसके बाद पुलिस के पास कोई विकल्प नहीं था और 4 अगस्त को एनडीपीएस एक्ट के तहत उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसी दिन उसे अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वीडियो की सामग्री के जरिए पुलिस ने पीड़ित परिवारों से संपर्क किया है और उन्हें औपचारिक शिकायत दर्ज करने के लिए आश्वस्त किया। (प्रतीकात्मक फोटो)