कर्मचारियों को तगड़ा झटका: सरकार ने पेंशन पर लिया बड़ा फैसला, लाखों होंगे प्रभावित

ये सभी कर्मचारी बीते लंबे वक्त से न्यू पेंशन स्कीम (New Pension Scheme- NPS) को खत्म करने और पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग कर रहे थे। यही नहीं इसे लेकर सरकारी स्तर पर आवेदन भी किया गया था, लेकिन राज्य के वित्त विभाग ने इसे निरस्त कर दिया है।

Update: 2021-01-26 07:05 GMT
कर्मचारियों को तगड़ा झटका: सरकार ने पेंशन पर लिया बड़ा फैसला, लाखों होंगे प्रभावित

भोपाल: मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार (Shivraj Singh Chauhan Government) की तरफ से लाखों कर्मचारियों को तगड़ा झटका लगा है। अब राज्य के लाखों कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम (Pension scheme) का फायदा नहीं उठा सकेंगे। सरकार के फैसले के मुताबिक इन चार लाख कर्मचारियों में 1 जनवरी, 2005 के बाद राज्य सरकार की सेवा में आए अधिकारी-कर्मचारी, अध्यापक और पंचायत सचिव शामिल हैं।

कर्मचारियों की ये थी मांग

आपको बता दें कि ये सभी कर्मचारी बीते लंबे वक्त से न्यू पेंशन स्कीम (New Pension Scheme- NPS) को खत्म करने और पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग कर रहे थे। यही नहीं इसे लेकर सरकारी स्तर पर आवेदन भी किया गया था, लेकिन राज्य के वित्त विभाग ने इसे निरस्त कर दिया है। विभाग का तर्क है कि मध्य प्रदेश में पेंशन नियम 72 लागू नहीं हैं। इसलिए इसे लेकर जो भी आवेदन आए हैं, उन्हें खारिज किया जाए।

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(फोटो- सोशल मीडिया)

इन जिलों से आए आवेदन

बता दें कि राज्य के भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, रीवा, रायसेन, शाजापुर, शिवपुरी, दतिया, शिवपुरी, और नीमच जिले के शिक्षकों और कर्मचारियों की ओर से पुरानी पेंशन व्यवस्था के लिए आवेदन दिए गए थे। इसे लेकर वित्त विभाग से पूछा गया था कि क्या परिवार पेंशन नियम 1972 (पुरानी पेंशन) के दायरे में लाकर लाभ देने के लिए NPS के तहत 15 सालों में हुई कटौती को GPF में जमा कराया जा सकता है?

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क्या है वित्त विभाग का तर्क?

इस पर वित्त विभाग ने जवाब दिया कि मध्‍य प्रदेश में पेंशन नियम 1972 लागू नहीं है। इसलिए इसे लेकर जो भी आवेदन आए हैं, उन्हें खारिज किया जाता है। साथ ही सीएम मॉनिटरिंग में भी जो आवेदन आए हैं उन्हें निरस्त किया जाए। सरकार का तर्क है कि प्रदेश में 1 जनवरी 2005 के बाद राज्य सरकार की सेवा में डेढ़ लाख से ज्यादा कर्मचारी आ चुके हैं, जो पेंशन नियम 1972 के दायरे में नहीं आते हैं।

वहीं सवा दो लाख टीचर और 25 हजार से ज्यााद पंचायत सचिव हैं, जिन पर न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) लागू है। यानी मध्य प्रदेश में जिन कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का फायदा मिलना है, उनसे अधिक संख्या न्यू पेंशन स्कीम (New Pension Scheme- NPS) वालों की है।

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