Maharashtra: अहमदनगर का बदला नाम, अब 'अहिल्यानगर' से होगी नई पहचान...8 स्टेशन के नाम भी बदले

Ahmednagar now Ahilyanagar: अहमदनगर का नाम बदलकर अब अहिल्यानगर किया जा रहा है।महाराष्ट्र कैबिनेट ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। 

Written By :  aman
Update:2024-03-13 16:44 IST

अहमदनगर का बदला नाम (Social Media)

Maharashtra News: महाराष्ट्र के अहमदनगर का नाम बदल गया है। उसे अब अहिल्यानगर (Ahmednagar now Ahilyanagar) के नाम से जाना जाएगा। महाराष्ट्र कैबिनेट (Maharashtra Cabinet) ने बुधवार (13 मार्च) को प्रस्ताव को मंजूरी दी। कैबिनेट ने घोषणा की है कि अहमदनगर शहर का नाम 18वीं शताब्दी की मराठा रानी अहिल्याबाई होल्कर (Ahilyabai Holkar) के नाम पर 'अहिल्यानगर' रखा जाएगा। बता दें, नाम बदलने के सरकार के प्रस्ताव की घोषणा पिछले साल मई में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) ने की थी।

अहमद निज़ामशाह के नाम पर पड़ा था

गौरतलब है कि, अहमदनगर शहर का नाम अहमद निज़ामशाह (Ahmed Nizamshah) के नाम पर पड़ा था। उन्होंने 15वीं शताब्दी में निजामशाही राजवंश और अहमदनगर शहर की स्थापना की थी।

2022 से तीसरे शहर का नाम बदला

महाराष्ट्र के शहरों के नाम बदलने की चर्चा करें तो साल 2022 में औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर (Sambhaji Nagar) किया गया था। वहीं, उस्मानाबाद का नाम बदलकर धाराशिव कर दिया गया था। औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम मुगल बादशाह औरंगजेब (Aurangzeb) और निजाम मीर उस्मान अली खान के नाम पर रखा गया था। 

बाल ठाकरे ने दशकों पहले उठायी थी मांग

औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने की मांग सबसे पहले दिवंगत शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे (Bal Thackeray) ने की थी। यह मांग उनके द्वारा कई दशकों से उठाई जा रही थी। हालांकि, उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने अपनी सरकार गिरने से पहले मुख्यमंत्री के रूप में आखिरी कैबिनेट बैठक में इन नामों को बदलने का फैसला लिया था। ये अलग बात है कि, महा विकास अघाड़ी (MVA) की सहयोगी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) कथित तौर पर इस फैसले से खुश नहीं थे। ये फैसला राज्य कैबिनेट ने पारित किया था।

8 स्टेशन के नाम भी बदले

महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने कुछ और जगहों के नाम बदले हैं। जानकारी के अनुसार कुल आठ रेलवे स्टेशन के नाम भी बदल दिए गए हैं। ये सभी वो स्टेशन हैं जिनका नामकरण अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान हुआ था। ऐसे में गुलामी की मानसिकता से मुक्ति लेने के लिए अब इन सभी जगहों के नाम बदल दिए गए हैं।

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