Maharashtra Politics: महाराष्ट्र राजनीतिः शाह की मराठा को शह

Maharashtra Politics: एनसीपी नेता अजीत पवार 18 विधायकों को लेकर राजभवन पहुंचे और डिप्टी सीएम के पद की शपथ ली। अजीत पवार ने यह कदम ऐसे ही नहीं उठाया है। अजीत पवार को अमित शाह की सह है और यही वजह है कि आज उन्होंने अपने चाचा और दिग्गज नेता शरद पवार को मात देते हुए शिंदे सरकार में शामिल होने का फैसला लिया।

Update:2023-07-02 17:03 IST
अमित शाह-अजीत पवार: Photo- Social Media

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में रविवार को बड़ा सियासी उलटफेर हुआ। एनसीपी नेता अजीत पवार 18 विधायकों को लेकर राजभवन पहुंचे और डिप्टी सीएम के पद की शपथ ली। अजीत पवार ने यह कदम ऐसे ही नहीं उठाया है। अजीत पवार को अमित शाह की सह है और यही वजह है कि आज उन्होंने अपने चाचा और दिग्गज नेता शरद पवार को मात देते हुए शिंदे सरकार में शामिल होने का फैसला लिया।

अजीत पवार मराठा हैं और एक मराठा को अमित शाह की सह है। जिसका नतीजा आज महाराष्ट्र में देखने को मिला। महाराष्ट्र में आज जो कुछ भी हुआ वह एकाएक नहीं हो गया। इस घटनाक्रम की पटकथा काफी पहले ही लिखी जा चुकी थी। राजनीतिक जानकारों की मानें तो इसके पीछ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अजीत पवार को सह है। अजीत पवार को अमित शाह का सीधा-सीधा समर्थन है।

चाणक्य के दिमाग से चाचा को ऐसे दिया मात-

कुछ समय पहले एनसीपी चीफ शरद पवार ने पार्टी सुप्रीमो के पद से इस्तीफा देने का फैसला लिया था। उनके इस फैसले से पार्टी में भूचाल आ गया था। अजीत पवार पार्टी की कमान अपने हाथ में चाहते थे, लेकिन शरद पवार इसके लिए तैयार नहीं थे। फिर क्या था बीजेपी की नजर अजीत पवार पर पहले से ही थी। अमित शाह ने देखा की अजीत पवार अब अपने चाचा यानी शरद पवार से बगावत के मूड में हैं और इसी को भांपते हुए अजीत पवार को सह दिया और नतीजा सबके सामने है आज अजीत पवार डिप्टी सीएम बन गए और शरद पवार को मात दे दिए।

बेटी को कमान और टूट गई पार्टी-

एनसीपी में शरद पवार के बाद उनके भतीजे अजीत पवार की मजबूत पकड़ है। लेकिन शरद पवार पार्टी की कमान अजीत को न देकर अपनी राज्यसभा सांसद बेटी सुप्रिया शुले को सौंपना चाहते थे और उन्होंने ऐसा कर भी दिया। यहीं से अजीत पवार यह समझ गए कि अब यहां मेरे लिए सही जगह नहीं है। उन्होंने निर्णय लिया की अब अपनी राह अलग होनी चाहिए और उन्होंने ऐसा ही किया। 2 जुलाई 2023 को 18 विधायकों के साथ वे राजभवन पहुंचे। वहां पहले से ही सारी तैयारियां थीं। राज्यपाल ने उन्हें डिप्टी सीएम के पद की शपथ दिलाई। उनके साथ नौ विधायकों को भी मंत्री पद से नवाजा गया।

शाह की दूरदर्शी सोच-

कहा जाता है अमित शाह काफी दूर की सोचते हैं। कहां कौन सी चाल चलनी है और किसे सह देना है और किसे मात। यह वे बखूबी जानते हैं। अमित शाह यह जान गए थे कि महाराष्ट्र में शिवसेना के टूट के बाद उद्धव कमजोर पड़ गए हैं। भाजपा यह जानती थी अब उससे राज्य में कोई चुनौती देने वाला है तो वह है एनसीपी। शाह ने एनसीपी में ही खेल करा दिया और अजीत पवार को अपने पाले में कर लिया। अतिज पवार के सरकार में आने के बाद राज्य में 2024 का लोकसभा चुनाव बीजेपी के लिए आसान हो जाएगा। अब बीजेपी यहां पर गठबंधन के साथ लोकसभा की अधिक से अधिक सीटें जीतने में सफल हो सकती है।

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