Maharashtra Politics: पवार का बड़ा दावा, डिप्टी सीएम बनकर फडणवीस नाखुश, चेहरे ने बयां कर दी सारी सच्चाई

Maharashtra Politics: शरद पवार का कहना है कि शपथ ग्रहण समारोह में फडणवीस के चेहरे के भावों को आसानी से पढ़ा जा सकता था। पूरे समारोह के दौरान वे खुश नहीं दिख रहे थे।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-07-01 05:39 GMT

 एकनाथ शिंदे- देवेंद्र फडणवीस  (photo: social media )

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में गुरुवार को हुए नाटकीय घटनाक्रम को लेकर एनसीपी के मुखिया शरद पवार (Sharad Pawar)  ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की सरकार में डिप्टी सीएम बनकर देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) खुश नहीं है। उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में फडणवीस के चेहरे के भावों को आसानी से पढ़ा जा सकता था। पूरे समारोह के दौरान वे खुश नहीं दिख रहे थे। केंद्रीय नेतृत्व के दबाव के कारण ही उन्होंने डिप्टी सीएम बनना स्वीकार किया।

एनसीपी मुखिया ने कहा कि उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकने वाले एकनाथ शिंदे को भी डिप्टी सीएम से ज्यादा कुछ मिलने की कोई उम्मीद नहीं थी। शिंदे को खुद इस बात की जानकारी नहीं थी कि उन्हें महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के खिलाफ लंबे समय से बगावत की तैयारी चल रही थी। बागी विधायकों का पहले सूरत, फिर गुवाहाटी और फिर गोवा जाना, यह सबकुछ अचानक नहीं हो जाता है। लंबी तैयारी के बाद इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।

स्वयंसेवक की तरह आदेश का किया पालन

पवार ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि महाराष्ट्र की सरकार में नंबर दो की पोजीशन पाकर फडणवीस खुश नहीं है। उनके चेहरे के भाव से सारी सच्चाई सामने आ गई है। एनसीपी मुखिया ने कहा कि मुझे इस बात पर काफी आश्चर्य है कि पांच साल तक मुख्यमंत्री के रूप में और फिर विपक्ष के नेता के रूप में काम करने वाले फडणवीस को केंद्रीय नेतृत्व के आदेश का पालन करते हुए डिप्टी सीएम बनना पड़ा।

हालांकि केंद्र के इस फैसले से वे नाखुश दिख रहे थे। फडणवीस नागपुर से ताल्लुक रखते हैं और उन्होंने एक स्वयंसेवक की तरह आदेश का पालन किया है। मुझे लगता है कि स्वयंसेवक के संस्कार के कारण ही फडणवीस डिप्टी सीएम का पद स्वीकार करने के लिए तैयार हुए।

शिंदे को भी सीएम बनने की नहीं थी उम्मीद

एनसीपी मुखिया ने कहा कि गुरुवार को मुंबई में जो नाटकीय सियासी घटनाक्रम हुआ, उसकी जानकारी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भी नहीं थी। शिंदे को भी डिप्टी सीएम से बड़ा पद मिलने की कोई उम्मीद नहीं थी। इसलिए मुख्यमंत्री बनाया जाना शिंदे के लिए भी किसी आश्चर्य से कम नहीं था। पवार ने कहा कि उद्धव ठाकरे के खिलाफ लंबे समय से बगावत की तैयारी चल रही थी और बगावत के बाद हुए घटनाक्रम से यह बात साबित भी होती है।

बागी गुट के दावे को किया खारिज

हालांकि उन्होंने बागी विधायकों के इस दावे को खारिज कर दिया कि शिवसेना के एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन के कारण शिवसेना में बगावत हुई। उन्होंने कहा कि बागी गुट का यह आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है। बगावत का एनसीपी और कांग्रेस के साथ कोई लेना देना नहीं है। बगावत के लिए बहाने के रूप में बागी गुट की ओर से यह दावा किया जा रहा है। एनसीपी और कांग्रेस को खलनायक बनाने की कोशिश की जा रही है।

आयकर विभाग के नोटिस पर घेरा

पवार ने शिंदे को मुख्यमंत्री बनने पर बधाई देते हुए कहा कि जब कोई मुख्यमंत्री बन जाता है तो उसे सबको स्वीकार करना पड़ता है। मुझे उम्मीद है कि शिंदे महाराष्ट्र की बेहतरी के लिए काम करेंगे। पुणे में मीडिया से बातचीत के दौरान पवार ने आयकर विभाग की ओर से मिले नोटिस का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब मुझे आयकर विभाग की ओर से प्रेमपत्र मिला है। 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद भी चुनावी हलफनामे के आधार पर मुझे आयकर विभाग की ओर से नोटिस जारी किया गया था। उन्होंने भाजपा के राज में केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप भी लगाया।

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