Cash For Query Case: महुआ ने फिर साधा एथिक्स कमेटी पर निशाना, कार्टून पोस्ट कर बोलीं – केवल विपक्ष के लिए नैतिकता

Cash For Query Case: संसद में सवाल के बदले कैश मामले की जांच करने वाली एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-11-11 13:56 IST

Mahua Moitra  (photo: social media )

Cash For Query Case: पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से तृणमुल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा इन दिनों उनके खिलाफ कैश फॉर क्वेरी मामले की जांच करने वाली एथिक्स कमेटी से उलझी हुई हैं। महुआ पहले दिन से कमेटी के अधिकार क्षेत्र से लेकर रिपोर्ट मीडिया में लीक होने तक को लेकर सवाल खड़े करती रही हैं। सांसदी छिनने की खबरों के बीच टीएमसी सांसद ने एकबार फिर कमेटी पर निशाना साधा है।

महुआ ने एक्स पर एक कार्टुन पोस्ट किया है। इस कार्टुन पर लिखा है - जब तक आप दूसरी तरफ (सत्ता पक्ष) न हों, नैतिकता बनाए रखें। कार्टुन में एथिक्स कमेटी और महुआ के बीच बैठक के दृश्य को दिखाया गया। उनकी कुर्सी के सामने अपोजिशन (विपक्ष) लिखा हुआ है, जबकि बगल वाली कुर्सी पर रूलिंग पार्टी (सत्तारूढ़ दल) लिखा हुआ है। कुर्सी पर केंद्र में सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिह्न कमल का निशान बना हुआ है।

महुआ मोइत्रा के निष्कासन की हुई है सिफारिश

दरअसल, संसद में सवाल के बदले कैश मामले की जांच करने वाली एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। रिपोर्ट में लोकसभा स्पीकर से टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है। शुक्रवार 10 नवंबर को जो रिपोर्ट स्पीकर ओम बिड़ला को भेजी गई है, उसमें बताया गया कि महुआ का अकाउंट विदेश से 47 बार लॉगिन किया गया।

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महिला सांसद की ओर से संसद में जो कुल 61 सवाल किए गए, उनमें से 50 सवाल अरबपति कारोबारी दर्शन हीरानंदानी की पसंद के थे। इस रिपोर्ट को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा, जहां महुआ के निष्कासन को लेकर वोटिंग हो सकती है। बता दें कि महुआ मोइत्रा हीरानंदानी को लोकसभा का लॉगिन आईडी और पासवर्ड देने की बात मान चुकी हैं। उन्होंने अरबपति कारोबारी से एक स्कार्फ, लिपस्टिक और आईशैडो भी गिफ्ट में लेने की बात भी कबूली।


कमेटी के चेयरमैन को कहा था ‘बेहूदा और बेशर्म’

दो नवंबर को पहली बार तृणमुल सांसद महुआ मोइत्रा एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुई थीं। वो बैठक बीच में ही छोड़कर बाहर निकल आई थीं। उन्होंने कमेटी के चेयरमैन पर अपमानजनक सवाल करने का आरोप लगाया था और लोकसभा स्पीकर को उनके खिलाफ एक शिकायती खत भेजा था। इसके बाद पिछले दिनों एकबार फिर उन्होंने कमेटी के चेयरमैन और बीजेपी सांसद विजय सोनकर को निशाने पर लेते हुए उन्हें ‘बेहूदा और बेशर्म’ तक कह दिया था।


क्या है पूरा मामला ?

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर को 'री-इमरजेंस ऑफ नेस्टी कैश फॉर क्वेरी इन पार्लियामेंट' नाम से एक चिट्ठी लिखी थी। इसमें आरोप लगाया गया कि पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को सदन में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से गिफ्ट और कैश मिला। गोड्डा सांसद ने स्पीकर को लिखे लेटर के साथ एडवोकेट जय अनंत देहाद्रई की चिट्ठी भी लगाई थी।

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रियल एस्टेट कारोबारी दर्शन हीरानंदानी ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि उनके पास महुआ मोइत्रा का लोकसभा का लॉगिन आईडी और पासवर्ड था। इससे वे खुद ही महुआ की तरफ से सवाल डालते थे। कारोबारी द्वारा आगे कहा गया कि महुआ का मकसद पीएम मोदी को बदनाम करना था। कारोबारी ने 19 अक्टूबर को जो एफिडेविट कमेटी को सौंपा था, उसमें ये बातें दर्ज थीं। महुआ ने अगले दिन यानी 20 अक्टूबर को सरकार पर दर्शन के सिर पर बंदूक रखवाकर एफिडेविट साइन करवाने का आरोप लगाया था।


एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित करने की सिफारिश की है। ऐसे में जब लोकसभा चुनाव के महज कुछ महीने रह गए हैं, क्या टीएमसी सांसद अपनी सांसदी गंवाती हैं, इसके लिए शीतकालीन सत्र का इंतजार करना होगा।

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