कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि देश में अभी भी आर्थिक आपातकाल जारी है। उन्होंने फिर से कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक मौजूदा रूप में राज्य सरकार को स्वीकार नहीं है। दक्षिण 24 परगना के पिलान में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता के दौरान बनर्जी ने कहा, "अमित मित्रा (राज्य के वित्त मंत्री) बहुत नाराज हैं। हमारे राज्य के मुख्य सचिव इस पर विस्तृत चर्चा करेंगे। हमने केंद्रीय वित्त मंत्री (अरुण जेटली) को एक कड़ा पत्र भेजने का फैसला किया है।"
उन्होंने कहा, "हम मौजूदा रूप में जीएसटी विधेयक का समर्थन नहीं करेंगे, जहां असंगठित क्षेत्र और गरीब लोगों को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना होगा। वे गंभीर संकट में होंगे। केंद्र को इसमें सुधार करना होगा।"
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तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष की यह टिप्पणी उनकी उस धमकी के एक दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मित्रा की यदि लगातार 'उपेक्षा' जारी रही तो मित्रा जीएसटी की अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देंगे।
ममता ने आरोप लगाया, "केंद्र हमारी नहीं सुन रहा है। वे एकतरफा निर्णय ले रहे हैं। हम जानते हैं कि असंगठित क्षेत्र और छोटे स्तर के उद्योग को बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना होगा। विधेयक के लागू होने के बाद फिल्म और पुस्तक उद्योग को भी दिक्कतें होंगी।"
ममता ने हुगली जिले में प्रशासनिक बैठक के दौरान व्यवसायियों से बातचीत करते हुए कहा, "इस बारे में हमने केंद्र को एक कड़ा पत्र भेजा है। हमारे मुख्य सचिव (बासुदेब बनर्जी) भी उनको एक पत्र लिख रहे हैं, क्योंकि वह इस मुद्दे को अच्छी तरह समझते हैं।"
हालांकि, केंद्र ने एक जुलाई से जीएसटी को पूरे देश में लागू करने का फैसला किया है। राज्य सरकार का तर्क है कि वह तैयार नहीं है और छोटे और मध्यम स्तर के उद्योग इस नई कर प्रणाली को संभालने में सक्षम नहीं हैं।
राज्य सरकार ने कई उत्पादों की प्रस्तावित दरों में कटौती की मांग की है। पश्चिम बंगाल विधानसभा ने अभी भी जीएसटी विधेयक पारित नहीं किया है। ममता ने अब राज्य के लिए जनवरी-दिसंबर वित्त वर्ष के रूप में मानने की घोषणा की।
आयकर विभाग के दो लाख रुपये या उससे ज्यादा के नकद लेनदेन पर चेतावनी वाले विज्ञापन का जिक्र करते हुए ममता ने कहा, "मैंने आज (शुक्रवार) यह विज्ञापन देखा। इसका मतलब है कि आर्थिक आपातकाल अभी भी जारी है। किसी को कोई आजादी नहीं है। यहां तक कि भले ही आप कमाते हैं, तो भी आप कुछ नहीं कर सकते। आप अपनी मर्जी के अनुसार धन नहीं निकाल सकते।"
ममता ने गुरुवार को जीडीपी दर में कमी के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि नोटबंदी की वजह से 'उत्पादकता में भारी गिरावट' की उनकी आशंका सही साबित हुई है।