शाहजहां शेख की कस्टडी को लेकर टकराव बढ़ा, ममता सरकार को SC से लगा झटका, तुरंत सुनवाई से इनकार

Sandeshkhali case: हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है मगर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-03-06 06:19 GMT

Shahjahan Sheikh case (photo; social media )

Sandeshkhali case: संदेशखाली मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल की ममता सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है मगर इस मामले में ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा है। ममता सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में तुरंत सुनवाई करने की अपील की गई थी मगर सुप्रीम कोर्ट ने इस अपील को ठुकरा दिया है। राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की गई है।

दरअसल कलकत्ता हाईकोर्ट संदेशखाली में ईडी के अधिकारियों पर गत पांच जनवरी को हुए हमले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने इस कांड के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को भी सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है। पश्चिम बंगाल की पुलिस ने इस फैसले को पक्षपात पूर्ण बताया है।

सीबीआई शाहजहां शेख को अपनी कस्टडी में लेने के लिए मंगलवार को पहुंची थी मगर पश्चिम बंगाल पुलिस ने शाहजहां शेख को सौंपने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है मगर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट में ममता सरकार को झटका

सुप्रीम कोर्ट से फौरी राहत न मिलना ममता सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। संदेशखाली मामले की सीबीआई से जांच कराने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ ममता सरकार की शीघ्र सुनवाई की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश के आदेश की प्रतीक्षा करने को कहा है। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट की ओर से हमें शाम 4:30 बजे तक का समय दिया गया और यह आदेश हमारे अधिकारों का हनन करता है।

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दलील दी गई कि इस मामले में एसआईटी जांच करने में जुटी हुई थी मगर बेबुनियाद आरोप लगाकर इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के इस आदेश को गलत बताते हुए कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेशों का उल्लंघन है।

शाहजहां शेख को सौंपने से इनकार

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया गया है कि राज्य की पुलिस की ओर से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की गई है और इस मामले की अभी भी जांच की जा रही है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में भी कहा था कि शाहजहां शेख के खिलाफ 40 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं मगर उसकी गिरफ्तारी ईडी पर हमला करने के मामले में की गई है। इस मामले में शाहजहां शेख के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई है और इससे राज्य सरकार की भावना का पता चलता है।

मौजूदा समय में शाहजहां शेख सीआईडी की हिरासत में है जबकि सीबीआई उसे कस्टडी में लेने की कोशिश में जुटी हुई है। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से उसे सीबीआई को को सौंपने से इनकार किए जाने के बाद सीबीआई ने फिर हाईकोर्ट का रुख किया है। पुलिस ने मंगलवार को शाहजहां शेख को सीबीआई को सौंपने से इनकार कर दिया था और इसके पीछे तर्क दिया था कि यह मामला अदालत में विचाराधीन है।

अधीर रंजन का ममता सरकार पर हमला

इस बीच कांग्रेस का वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने संदेशखाली मामले को लेकर ममता सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की सरकार संदेशखाली के दरिंदों को मदद करने की कोशिश में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में दरिंदों का राज है और इन्हें राज्य सरकार ने पाल रखा है।

दूसरी ओर टीएमसी सांसद सौगत राय ने राज्य सरकार का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि बेवजह इस मामले को तूल देने की कोशिश की जा रही है जबकि सीआईडी इस मामले को हैंडल करने में पूरी तरह सक्षम है।

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