भाजपा की बढ़ती ताकत से जूझने के लिए ममता बनर्जी ने बदली पार्टी की रणनीति

Update: 2019-07-19 06:50 GMT

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में भाजपा की बढ़ती ताकत से जूझने के लिए तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी की रणनीति बदल दी है। चुनावी मैनेजमेंट की कमान प्रशांत किशोर को सौंपने के बाद पार्टी की रणनीति में बदलाव आया है। प्रशांत किशोर के सुझाव पर ही टीएमसी ने हर मुद्दे पर भाजपा को नहीं घेरने का फैसला किया है। चुनावी रणनीति बनाने के माहिर खिलाड़ी प्रशांत ने तृणमूल सांसदों, विधायकों व वरिष्ठ नेताओं के साथ पहली बार बैठक कर रणनीति में बदलाव के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिया था।

सूत्रों के अनुसार पार्टी अब छोटे-छोटे मुद्दों पर भाजपा को घेरने से पार्टी बचेगी क्योंकि माना जा रहा है कि भाजपा इसका लाभ लेने में सफल रही है। हालांकि राष्ट्रीय मुद्दों पर तृणमूल जनता के हित में भाजपा के खिलाफ आवाज बुलंद करती रहेगी। तृणमूल सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा में यह सामने आया है कि राज्य में अन्य विपक्षी दलों वाममोर्चा और कांग्रेस की कमजोर स्थिति का लाभ सीधे तौर पर भाजपा को मिला है।

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भाजपा को मिला इस कारण फायदा

पार्टी का मानना है कि भाजपा राज्य में तृणमूल विरोधी पार्टियों के वोटों को एकजुट करने में सफल रहीं और इसी कारण उसे चुनावी लाभ मिला। इसी का परिणाम है कि वाममोर्चा और कांग्रेस के वोट बैंक में भारी गिरावट आई है और भाजपा का वोट बैंक मजबूत हुआ।

वाम मोर्चा व कांग्रेस के खिलाफ आक्रामक रुख नहीं

समीक्षा में इस बात पर जोर दिया गया है कि बंगाल में गैर भाजपा दलों वाममोर्चा और कांग्रेस के कमजोर पडऩे का फायदा भाजपा को हुआ। इसी कारण यह फैसला भी किया गया कि टीएमसी अब वाममोर्चा व कांग्रेस के खिलाफ भी पहले की तरह आक्रामक रुख नहीं अपनाएगी। वैसे राज्य में भाजपा का मुकाबला करने के लिए ममता बनर्जी सभी गैर भाजपा दलों को साथ आने का न्योता पहले ही दे चुकी हैं। राज्य में 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं और इस बार भाजपा व टीएमसी में कड़ा मुकाबला होने के आसार हैं।

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आरक्षण पर मोदी के मापदंड अपनाए

राज्य में अपनी चुनावी संभावनाओं को मजबूत करने के लिए ही ममता सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग को आरक्षण पर केंद्र की मोदी सरकार के मानदंडों को ही अपनाया है। इस बाबत अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। अधिसूचना के मुताबिक जिन परिवारों की सालाना आय आठ लाख या उससे कम होगी, सामान्य वर्ग के उन्हीं परिवारों के लड़के-लड़कियों को शिक्षा व रोजगार के क्षेत्र में आरक्षण की सुविधा मिलेगी। ऐसे परिवारों के मालिकाना हक वाली जमीन का परिमाण पांच एकड़ से अधिक भी नहीं होना चाहिए। शहर व उपनगरीय इलाकों में एक हजार वर्गफुट या उससे बड़ा फ्लैट होने पर आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। एससी, एसटी, ओबीसी से जुड़े आरक्षण के दायरे में आने वालों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। मानदंडों को पूरा करने वालों को ही इस आरक्षण का लाभ मिलेगा।

सरकारी कर्मियों का दिल जीतने की कोशिश

कर्मचारियों का दिल जीतने के लिए राज्य सरकार के अधीनस्थ कार्यरत कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार के अधीनस्थ कार्यरत ग्रुप डी और सी के कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की जाएगी। वेतन में बढ़ोतरी पहली जुलाई से लागू होगी। नए निर्देश के बाद अब राज्य सरकार के अधीनस्थ कार्यरत कर्मचारियों का नया वेतनमान तय होगा। इसके अलावा यह भी फैसला किया गया है कि यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु 60 वर्ष से पहले हो जाती है तो उनके आश्रित को दो लाख रुपये बतौर आर्थिक मदद दी जाएगी।

हनुमान चालीसा पढऩे पर धमकी

कोलकाता में सामूहिक हनुमान चालीसा के पाठ का मामला भी गर्माता जा रहा है। ताजा मामला तीन तलाक की याचिकाकर्ता इशरत जहां का है। हावड़ा के एक हनुमान मंदिर में सामूहिक हनुमान चालीसा के पाठ में इशरत जहां शामिल हुई थीं, जिसके बाद उन्हें मोहल्ला छोडऩे व जान से मारने की धमकियां भी मिल रहीं हैं। इशरत जहां ने पुलिस प्रशासन से अपनी सुरक्षा के गुहार लगायी है।

 

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