Manipur News: जिरीबाम में तीन शव मिला तो भड़क गए लोग, मंत्रियों-विधायकों के घरों को घेरा, जताया विरोध
Manipur News: मंत्री सापम ने आश्वासन दिया कि कैबिनेट बैठक में इसकी चर्चा की जाएगी। अगर सरकार लोगों की भावनाओं का सम्मान करने में विफल रही तो वह अपना इस्तीफा दे देंगे।
Manipur News: मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। राज्य में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद से स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है। जिरीबाम में तीन लोगों के शव मिलने के बाद हड़कंप मच गया। तीनों शवों को लेकर कहा जा रहा है कि ये वही लोग हैं जो कुछ दिन पहले जिरीबाम से लापता हो गए थे। मृतकों में एक महिला और दो बच्चे शामिल हैं। शवों की बरामदी की खबर फैलते ही लोग सड़कों पर उतर आए, जिसमें अधिकतर महिलाएं थीं।
प्रदर्शनकारियों ने इंफाल पश्चिम और अन्य जिलों में टायर जलाकर सड़कों को ब्लॉक कर दिया। इसी बीच, स्थानीय बाजारों और दुकानों को बंद कर दिया गया, और इंफाल में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई। वहीं कांग्रेस पार्टी ने मणिपुर में बढ़ते तनाव पर चिंता जताई है और आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार इस हिंसा को लेकर नकारात्मक रवैया अपनाए हुए हैं। शवों को देखते ही लोग भड़क उठे और विरोध में सड़क पर उतर आए और मणिपुर सरकार के दो मंत्रियों और तीन विधायकों के घरों को घेर लिया और जमकर नारेबाजी की गई।
...तो वह अपना इस्तीफा दे देंगे
प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने सबसे पहले लामफेल सनाकेथेल इलाके में राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री सापम रंजन के आवास को घेर लिया और जमकर नारेबाजी की। इसके बाद लामफेल सनाकेथेल विकास प्राधिकरण के प्रतिनिधि डेविड ने बताया कि मंत्री सापम ने आश्वासन दिया कि तीन लोगों के शव मिलने के मामले पर कैबिनेट बैठक में इसकी चर्चा की जाएगी। अगर सरकार लोगों की भावनाओं का सम्मान करने में विफल रही तो वह अपना इस्तीफा दे देंगे।
इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री एल सुसिंद्रो के घर का भी घेर लिया। उधर, सागोलबंद इलाके में प्रदर्शनकारियों ने भाजपा विधायक आरके इमो के आवास के सामने जमा हो गए और नारे लगाने लगे। लोगों ने सरकार से उचित कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के अंदर दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की।
विरोध प्रदर्शन और कर्फ्यू की घोषणा
जिरीबाम में तीन शव मिलने के बाद से तनाव काफी बढ़ गया है और मणिपुर की राजधानी इंफाल सहित दो जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। राज्य सरकार ने इस हिंसा के बाद शनिवार 16 को स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी का आदेश दिया था। स्थानीय निवासी आरोप लगा रहे हैं कि उग्रवादियों ने भागते समय इन लापता लोगों का अपहरण किया था। इस मामले पर मैती संगठनों ने अपनी चिंता जताते हुए दावा किया कि उग्रवादियों के हाथों ये लोग मारे गए हैं। हालांकि, पुलिस का कहना है कि लापता लोगों की तलाश की जा रही है।
इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध
मणिपुर में बढ़ते तनाव को देखते हुए राज्य सरकार ने कई जिलों में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया है। 16 नवंबर, 2024 से प्रभावी इस आदेश के तहत, इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर समेत सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं दो दिन तक निलंबित रहेंगी। सरकार ने चेतावनी दी है कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस का सरकार पर हमला
कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि मणिपुर में हिंसा और आगजनी की घटनाएं जारी हैं और इस बीच प्रधानमंत्री विदेश यात्रा पर गए हुए हैं। पार्टी ने मणिपुर में शांति और सुरक्षा की बहाली के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
11 संदिग्ध उग्रवादी मारे गए थे
बता दें कि पिछले सोमवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 11 संदिग्ध उग्रवादी मारे गए थे। अत्याधुनिक हथियारों से लैस ये उग्रवादी काले कपड़ने पहने हुए थे। उन्होंने जिरिबाम जिले के एक थाने और एक सीआरपीएफ शिविर पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। इसके एक दिन बाद उग्रवादियों ने जिरीबाम जिले के छह नागरिकों का अपहरण कर लिया था, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। इसके बाद मणिपुर-असम सीमा पर जिरी और बराक नदी के संगम के पास तीन शव बरामद किए गए। ऐसा माना जा रहा है कि बरामद हुए तीन शव जिरीबाम जिले से लापता छह लोगों में से ही हो सकते हैं।