Manipur Violence: मणिपुर सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में पेश की स्टेटस रिपोर्ट, कहा- राज्य के हालात में हो रहा सुधार

Manipur Violence : मणिपुर में बीते तीन मई से जातीय हिंसा जारी है। दो समुदायों के बीच झड़प शुरू हुई थी, जो लगातार हिंसक होती चली गई। बदलते घटनाक्रम के बीच राज्य में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

Update:2023-07-10 15:44 IST
Manipur Violence (Social Media)

Manipur Violence Internet Ban: देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर सुलग रहा है। केंद्र और राज्य सरकार की कोशिशों का असर होता नजर आ रहा है। हिंसा प्रभावित इलाकों में इंटरनेट बहाली को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। मणिपुर की एन बीरेन सिंह सरकार (Manipur CM Biren Singh) ने कहा, राज्य के हालात बदल रहे हैं। अभी इस आदेश पर अमल से मुश्किल हो सकती है। राज्य में व्याप्त हिंसा मामले पर राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत में स्टेटस रिपोर्ट पेश की है।

सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल राज्य सरकार की तरफ से पेश हुए। उन्होंने कहा, मणिपुर के हालात में सुधार हो रहा है। इस समय किसी भी अफवाह से बचने की आवश्यकता है।
UN रिपोर्ट को भी रिकॉर्ड में रखने की मांग

मणिपुर मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने याचिकाकर्ता से कहा, 'इस रिपोर्ट को देखकर अपनी तरफ से सुझाव दें। हम कल सुनवाई करेंगे।' शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार (Senior Advocate Ranjit Kumar) ने मांग की कि, ड्रग्स और अपराध को लेकर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट को भी रिकॉर्ड पर लिया जाए। जिससे मणिपुर में वर्तमान में जो कुछ भी हो रहा है, उसे समझने में मदद मिलेगी।'

CJI- कानून-व्यवस्था सरकार का मसला, हम नहीं..

CJI चंद्रचूड़ ने कहा, 'उन्हें भी अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। अदालत राज्य में सामान्य स्थिति बहाली में योगदान देना चाहता है।' मणिपुर ट्राइबल फोरम (Manipur Tribal Forum) के वकील कॉलिन गोंसाल्विस ने कहा, 'सरकार के संरक्षण में कुकी आदिवासियों (Kuki people) को निशाना बनाया जा रहा है। मुख्य न्यायाधीश ने उन्हें टोकते हुए कहा, कानून-व्यवस्था सरकार का मसला है। शीर्ष कोर्ट इसे नहीं चला सकता। कल होने वाली सुनवाई में लोगों की मदद पर सुझाव दीजिए। मणिपुर में इंटरनेट बहाली (Internet Restoration in Manipur) के मामले पर भी कल ही सुनवाई होगी।'

इंटरनेट बैन पर ये कहा हाईकोर्ट ने

मणिपुर में 3 मई को जातीय हिंसा शुरू हुई थी। हिंसा के मद्देनजर अगले दिन ही राज्य में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया। हालांकि, इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा। इस तरह देखें तो मणिपुर में बीते दो महीने से हिंसक घटनाएं हो रही हैं। इस तरह यहां इंटरनेट पर प्रतिबंध भी दो महीने से ज्यादा समय से है। हाल ही में मणिपुर सरकार ने इंटरनेट पर 10 जुलाई तक के लिए बैन बढ़ाया था। इंटरनेट पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिकाओं पर मणिपुर हाईकोर्ट (Manipur High Court) में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा था कि, गृह विभाग मामले दर मामले के आधार पर इंटरनेट सेवा प्रदान कर सकता है।

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