Manipur Violence Update: मणिपुर हिंसा की खौफनाक तस्वीरें, देखें कैसे जल रहा पूरा शहर, घटना के बाद का जानें अपडेट

Manipur Violence Update:सुरक्षाबलों को दंगाईयों और उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। जिसके कारण हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने में सफलता मिली है।

Update: 2023-05-06 08:36 GMT
Manipur Violence (photo: social media )

Manipur Violence Update: उत्तर – पूर्वी राज्य मणिपुर इन दिनों दो समुदायों के बीच टकराव के कारण हिंसा की आग में जल रहा है। राज्य में बड़े पैमाने पर केंद्रीय बलों की तैनाती के बाद अब हिंसा पर लगभग काबू पा लिया गया है। सुरक्षाबलों को दंगाईयों और उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। जिसके कारण हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। हालांकि, अभी भी राज्य के कुल 16 जिलों में से 8 जिलों में तनाव पसरा हुआ है।

तीन दिन तक चली हिंसा में जमकर आगजनी और तोड़फोड़ की गई। हिंसाग्रस्त इलाके किसी युद्धग्रस्त क्षेत्र जैसे दिखते हैं। हर ओर जली हुई गाड़ियां और इमारतें दिख रही हैं। सड़कों पर सुरक्षाबल संगीनों के साथ गश्ती कर रहे हैं। आम लोग अपने घरों में दुबके हुए हैं। लोगों की आंखों में खौफ को साफ तौर पर देखा जा सकता है। उपद्रव को देखते हुए राज्य के आदिवासी बहुल 8 जिलों में कर्फ्यू लगा हुआ है। वहीं, इंटरनेट को पूरी तरह से शटडाउन कर दिया गया है।

दंगाईयों ने स्कूलों और पूजाघरों को भी नहीं बख्शा

मणिपुर में तीन दिन तक चले हिंसक तांडव में दंगाईयों ने जमकर उत्पात मचाया। उन्होंने अपने सामने आने वाले हर चीज को नष्ट करने की कोशिश की। यहां तक कि स्कूलों, पूजाघरों और निजी संपत्तियों तक को नहीं बख्खा गया। हिंसक प्रदर्शनकारियों ने साल 1972 में स्थापित एक बाल गृह को भी नहीं छोड़ा। जिस समय बाल गृह की इमारत को आग के हवाले किया गया, उस वक्त वहां 19 बच्चे रह रहे थे। आनन फानन में बाल गृह की सचिव ने बच्चों को वहां से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इस घटना से बच्चे सहमे हुए हैं।

सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो की हत्या

छुट्टी लेकर परिवार के साथ समय बीताने आए सीआरपीएफ के एक कोबरा कमांडो की हत्या करने का भी मामला सामने आया है। सीआरपीएफ द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, मणिपुर के चुराचांदपुर में छुट्टी पर अपने गांव आए 204वीं कोबरा बटालियन के डेल्टा कंपनी के कांस्टेबल चोनखोलेन हाओकिप की सशस्त्र हमलावरों द्वारा हत्या कर दी गई। अभी इस मामले में ज्यादा डिटेल सामने नहीं आई है। घटना के बाद सीआरपीएफ ने एक एडवाइजरी जारी कर राज्य में छुट्टी पर गए अपने जवानों को फौरन परिवार के सदस्यों के साथ नजदीकी सुरक्षा अड्डे पर रिपोर्ट करने को कहा है।

6 सौ से अधिक लोगों ने असम में शरण ली

सेना के मुताबिक, राज्य में अब तक 11 हजार से अधिक लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है। वहीं, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि हिंसा प्रभावित इलाकों के 600 से अधिक लोगों ने कछार जिले में शरण ली है। मणिपुर के डीजीपी पी डोंगल ने लोगों से अपने घरों में ही रहने की अपील की है। उन्होंने हिंसा में शामिल लोगों से शांति की अपील की है।

पड़ोसी राज्य में भी फैला तनाव

मणिपुर से उठी हिंसा की लपटें अब पड़ोसी राज्यों को भी अपने चपेट में ले रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेघालय की राजधानी शिलांग में कुकी और मैतेई समुदाय के कॉलेज स्टूडेंट्स के बीच झड़प हो गई। पुलिस ने इस मामले में अब तक 16 लोगों को अरेस्ट किया है।

बता दें कि मणिपुर में मैतेई और आदिवासी समुदाय के बीच जनजातीय आरक्षण को लेकर विवाद चल रहा है। मैतेई समुदाय के आरक्षण की मांग के खिलाफ आदिवासी छात्रों के संगठन ऑल इंडिया ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन पिछले कई दिनों से राज्य में विरोध-प्रदर्शन कर रहा है, जो बुधवार को अचानक हिंसक हो गया।

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