Manipur Violence: अशांत मणिपुर में हिंसा और बमबाजी की घटनाएं जारी, उपद्रवियों ने बीजेपी विधायक के घर को बनाया निशाना
Manipur Violence Update: गुरूवार को उपद्रवियों ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के विधायक सोराईसाम केबी के घर धावा बोल दिया। पुलिस ने बताया कि दो हमलावर बाइक से आए और विधायक के घर के परिसर में बम फेंक कर चलते बने।
Manipur Violence Update: उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में अशांति का दौर थमजा नजर नहीं आ रहा है। राजधान इंफाल समेत प्रदेश के अधिकांश जनजातीय आबादी बहुल जिलों में हिंसक घटनाएं जारी है। सेना और सुरक्षाबलों के कड़े अभियानों के बावजूद मैतेई और कुकी समुदाय के उपद्रवी गुट वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। राज्य के विधायक भी सुरक्षित हैं। गुरूवार को उपद्रवियों ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के विधायक सोराईसाम केबी के घर धावा बोल दिया।
पुलिस ने बताया कि दो हमलावर बाइक से आए और विधायक के घर के परिसर में बम फेंक कर चलते बने। जोरदार धमाके से आसपाल के इलाके हिल उठे। हालांकि, घटना के दौरान बीजेपी विधायक के परिवार के सभी सदस्य घर के अंदर थे, इसलिए उन्हें किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ। धमाके से जमीन में बड़ा सा गड्ढ़ा हो गया। विधायक सेबी के घर पर भारी संख्या पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है।
बीजेपी विधायक ने लोगों से की शांति की अपील
अपने घर पर हुए बम से हमले को बीजेपी विधायक सोराईसाम केबी ने अपमानजनक और परेशान करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि राज्य में फैली अशांति की वजह से ऐसा हुआ है उन्होंने हिंसा में शामिल दोनों जातीय समुदाय के लोगों से शांति की अपील की। केबी ने कहा कि हम सभी इंसान हैं और दोनों समुदायों के बीच जो मनमुटाव है उसे बम के बिना भी सुलझाया जा सकता है।
पहले भी निशाना बन चुके हैं विधायक
हिंसा शुरू होने के बाद मणिपुर में निर्वाचित प्रतिनिधों पर हमले की ये कोई पहली घटना नहीं है। उपद्रवियों के निशाने पर न केवल सत्ताधारी बल्कि विपक्षी दल के विधायक भी हैं। इससे पहले 28 मई को कांग्रेस विधायक रंजीत सिंह के सेरो गांव स्थित घर पर हमला किया गया था। हिंसक भीड़ ने विधायक के घर में जमकर तोड़-फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम दिया था। किसी तरह घटनास्थल से विधायक समेत पूरे परिवार को रेस्क्यू किया गया।
सुरक्षाबलों ने तेज किया अभियान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते दिनों मणिपुर में हिंसा में शामिल हथियारबंद समूहों से अपने शस्त्र पुलिस के पास जमा कर शांति कायम करने में मदद करने की अपील की थी। साथ ही उन्होंने हिंसा जारी रखऩे वाले गुटों के खिलाफ सख्त अभियान चलाने के निर्देश भी दिए थे। शाह के अपील पर सैंकड़ों लूटी गई हथियारें पुलिस के पास जमा की गईं। लेकिन अब भी भारी संख्या में हथियार उपद्रवियों के पास हैं। लिहाजा पुलिस और सुरक्षाबलों ने इनके खिलाफ संयुक्त ऑपरेशन चला रखा है।
गुरूवार को हिंसाग्रस्त इलाकों में चलाए गए अभियान में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली। उन्होंने विभिन्न तरह के 35 हथियार, गोला-बारूद और जंगी सामान बरामद किए। इससे पहले यानी बुधवार को चलाए गए तलाशी अभियान में सुरक्षाबलों ने 29 हथियार बरामद किए थे। जिनमें अधिकांश स्वचालित हथियार थे। मौके से मोर्टार, हथगोले, छोटे हथियार और अन्य जंगी सामान भी जब्त किए गए थे।
बता दें कि 3 मई को मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा में अब तक कम से कम 100 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 310 लोग जख्मी हुए हैं। दो हजार के करीब घरों को जला दिया गया। हजारों लोग या तो पलायन को मजबूर हुए या अपने ही स्टेट के राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।