Manipur Violence: गोलीबारी से फिर दहला मणिपुर, हिंसक झड़प में दो लोगों की मौत, 7 हुए जख्मी

Manipur Violence: हिंसा का एपिसेंटर माने जाने वाले विष्णुपुर-चुराचांदपुर सीमा पर दो हथियारबंद गुटों के बीच भीषण झड़प हो गई। हमलावरों ने खेत में काम कर रहे किसानों पर अचानक फायरिंग शुरू कर दी।

Update:2023-08-30 11:29 IST
Manipur Violence (photo: social media )

Manipur Violence: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में दो जातीय समूहों के बीच खूनी खेल जारी है। राज्य में हिंसा को शुरू हुए चार माह होने को है लेकिन अब तक हालात पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाए हैं। बहुसंख्यक मैतेई और अल्पसंख्यक कुकी समुदायों के हथियारबंद गुट एक-दूसरे के खून के प्यासे बने हुए हैं। मंगलवार को एकबार फिर राज्य गोलीबारी से दहल उठा।

हिंसा का एपिसेंटर माने जाने वाले विष्णुपुर-चुराचांदपुर सीमा पर दो हथियारबंद गुटों के बीच भीषण झड़प हो गई। हमलावरों ने खेत में काम कर रहे किसानों पर अचानक फायरिंग शुरू कर दी। जिसके बाद ग्राम रक्षा दल के वॉलेंटियर्स की ओर से जवाबी फायरिंग की गई। दोनों गुटों के बीच हुई गोलीबारी में रक्षा दल के दो वॉलेंटियर्स मारे गए। जबकि सात अन्य लोग घायल हुए हैं।

मृतकों की पहचान लाइबुजम इनाओ और जांगमिनलेन गंगेट के रूप में हुई है। गोलीबारी में घायल हुए लोगों को राजधानी इंफाल स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मणिपुर पुलिस ने विष्णुपुर-चुराचांदपुर के सीमाई क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। हालांकि, अभी तक हमलावरों के गिरफ्तार होने की कोई खबर सामने नहीं आई है।

कई उग्रवादियों की हुई थी गिरफ्तारी

28 अगस्त को मणिपुर पुलिस ने एक ऑपरेशन चलाकर कई प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों के सदस्यो को दबोचा था। इन संगठनों पर तनाव बढ़ाने और हिंसा भड़काने का आरोप है। पुलिस ने विष्णुपुर जिले में 6 हथियार, पांच गोला-बारूद और 2 विस्फोटक बरामद किए गए थे। राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती के बावजूद जारी हिंसा का दौर चिंता का विषय बना हुआ है।

आधे घंटे में ही स्थगित हो गई विधानसभा

हिंसाग्रस्त मणिपुर में महीनों बाद मंगलवार को विधानसभा का एकदिवसीय सत्र बुलाया गया। लेकिन यह सत्र एक घंटे भी नहीं चल सका, विपक्षी कांग्रेस विधायकों के हंगामे के कारण महज आधे घंटे में सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। कल यानी मंगलवार 30 अगस्त को सुबह 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ हुई। सबसे पहले राज्य में जारी मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।

इसके बाद विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया गया, जिसमें राज्य में शांति बहाल करने का संकल्प लिया गया। इसके बाद चंद्रयान-3 की सफल लैंडिग की तारीफ की गई और इस कामयाबी के लिए इसरो वैज्ञानिकों को बधाई दी गई। पूर्व मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने इसके बाद विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाकर पांच दिन किन जाने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। उनका कहना था कि मौजूदा गंभीर स्थिति पर चर्चा के लिए एक दिन का समय काफी नहीं है। हंगामे के कारण स्पीकर ने सदन को थोड़ी देर के लिए स्थगित कर दिया।

इसके बाद दोबारा जब सत्र शुरू हुआ तो विपक्षी विधायक फिर से हंगामा करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष टी सत्यब्रत सिंह ने भारी हंगामे को देखते हुए विधानसभा सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। बता दें कि कल बुलाए गए विधानसभा सत्र का कुकी विधायकों ने विरोध किया था। सदन में कल 10 कुकी विधायक गैर हाजिर रहे थे, जिनमें से सात सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के साथ

3 मई से जारी है हिंसा का दौर

बीजेपी शासित उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में 3 मई से जातीय हिंसा का दौर जारी है। जिसमें अब तक 170 के करीब लोगों की जान जा चुकी है और 6 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 65 हजार से अधिक लोगों को अपना घर छोड़कर विस्थापित होना पड़ा है।

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