Manipur Violence: मणिपुर उग्र भीड़ ने चार और विधायकों के घर फूंके, मुख्यमंत्री के आवास पर हमले की कोशिश
Manipur Violence: मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा बढ़ गई है। जानिये क्या है इसके पीछे की वजह।
Manipur Violence: मणिपुर में जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। इंफाल घाटी के विभिन्न जिलों में गुस्साई भीड़ आक्रामक हो गई है। उग्र भीड़ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन और विधायकों तथा कांग्रेस के एक विधायक के आवास को लगा दी। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि हिंसक घटनाओं के बीच मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर भी धावा बोलने की कोशिश हुई, लेकिन सतर्क पुलिस ने उपद्रवियों को रोक दिया। जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिलने के बाद प्रदर्शनकारियों ने इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में शनिवार को हिंसक प्रदर्शन हुआ था, जिसके बाद से यहां अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लागू है।
मणिपुर में पिछले एक डेढ़ साल से केवल हिंसा की ही ख़बरें सुनाई दे रही है। जब भी मणिपुर से हिंसा की खबरे आती है तो वहां पर आगजनी और लोगों के मारे जाने की ही बात पता चलती है। मैतई और कुकी समुदाय के आपसी झगड़े ही वहां के हिंसा का मुख्य कारण है। इस बार फिर इन्ही दो समुदाय की वजह से मणिपुर जल रहा है। शनिवार को यह हिंसा इतनी ज्यादा हो गई कि लोगों ने तीन मंत्रियों समते छह विधायकों के घरों पर हमला कर दिया था। यही नहीं हमलवारों ने सीएम बीरेन सिंह के आवास पर भी निशाना साधा और अब उनके इस्तीफे की भी मांग उठ रही है। लगातार हो रही हिंसा और आगजनी के चलते राज्य सरकार ने पांच जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है वहीँ करीब सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है।
इस समय मणिपुर में सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए भारी संख्या में सेना और अन्य सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। पुलिस अधिकारियों का इस हमले को लेकर कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने सीएम एन. बीरेन सिंह के दामाद समेत 6 में से तीन विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की। उनकी संपत्तियों को आग लगा दी। कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के कारण इंफाल घाटी कई हिस्सों में पूरी तरह कर्फ्यू लगा दिया गया है।
मणिपुर हिंसा का कारण क्या है?
मणिपुर में हो रही हिंसा का कारण ज्यादातर लोगों को नहीं पता है। जानकारी के लिए बता दें कि मणिपुर की इंफाल घाटी में 11 नवंबर, 2024 को एक ही परिवार के छह लोग लापता हो गए थे। गायब हुए लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। कुछ लेटेस्ट मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जो लोग 11 नवंबर को लापता हुए थे उनका शव असम में नदी में तैरते हुए मिला है। इस पूरी घटना को लेकर कुकी समुदाय के ऊपर आरोप लग रहे हैं। और जैसे ही यह आरोप इलाके में फैला मैतेयी समुदाय के लोगों ने भीड़ इकठ्ठा कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस समुदाय के लोगों ने जगह जगह भीड़ इकठ्ठा कर तोड़फोड़ और आगजनी शुरू कर दी।
हादसे को लेकर अबतक 23 लोग गिरफ्तार
मणिपुर में जिस तरह के हालात चल रहे है उसको देखते हुए सरकार एक्शन में आ गई है। घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं में शामिल लोगों में से 23 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिनमे 32 पिस्टल, एसबीबीएल के 07 राउंड, 8 मोबाइल फोन बरामद कर लिए गए हैं। फिलहाल जमीनीं स्तर पर माहौल को सही रखने के लिए एसएसपी/सीओ को तैनात किया गया है।