Manipur Violence: मणिपुर सरकार को बड़ा झटका, NDA की सहयोगी कुकी पीपुल्स पार्टी ने वापस लिया समर्थन, जानिए ताज़ा समीकरण

Manipur Violence: पार्टी ने यह फैसला मणिपुर में बीते करीब तीन महीने से हिंसा फैलने और अभी भी हालात सामान्य न होने के चलते लिया है। कुकी पीपुल्स पार्टी के पास दो विधायक हैं। अभी तक सरकार हिंसा को रोकने में नाकाम साबित हुई है। पूरे देश में मणिपुर हिंसा का मामला ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है।

Update:2023-08-06 20:54 IST
Manipur Violence nda partner kuki peoples party alliance Withdraw support (Photo-Social Media)

Manipur Violence: हिंसाग्रस्त मणिपुर सरकार को बड़ा झटका लगा है। एनडीए की सहयोगी पार्टी कुकी पीपुल्स ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। पार्टी ने यह निर्णय रविवार देर शाम लिया। इसके बाद आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा कर दी। पार्टी ने यह फैसला मणिपुर में बीते करीब तीन महीने से हिंसा फैलने और अभी भी हालात सामान्य न होने के चलते लिया। कुकी पीपुल्स पार्टी के पास दो विधायक हैं।

यहां से हुई हिंसा की शुरुआत

गौरतलब है कि चार मई को मणिपुर में मैतई समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में निकाली गई रैली से हिंसा की शुरुआत हुई। ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर ATSUM नें आदिवासी एकता मार्च निकाला था। इसके बाद से मणिपुर में लगातार आगजनी व हिंसा जारी है। हिंसा का प्रमुख कारण दो समुदायों के बीच अफीम, जमीन और आरक्षण को लेकर बताया जा रहा है। फिलहाल हिंसा अभी भी जारी है। अभी तक सरकार हिंसा को रोकने में नाकाम साबित हुई है।

वीडियो वायरल होने के बात बिगड़ा माहौल

बीते दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के बाद मणिपुर में बवाल और तेजी से फैलने लगा। कई बेगुनाहों के घर जला दिए गए। सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में एक महिला को नग्न अवस्था में घुमाया जा रहा था। वीडियो चार मई का था लेकिन इसे 19 जुलाई को जारी किया गया। इसके बाद इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने केंद्र और राज्य सरकारों, राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग से इस मामले को संज्ञान में लेने की मांग की। सीएम एम बीरेन मामले पर गहनता से जांच के आदेश दे दिए। वीडियो में दिख रहे कुछ लोगों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन अभी भी मणिपुर में हालात सामान्य नहीं हुए हैं।

सरकार पर नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव

मणिपुर विधान सभा में कुल 60 विधायक हैं। इसमें बीजेपी के अकेले 37 सदस्य हैं। जबकि एनडीए की बात की जाए तो 53 विधायक हैं। ऐसे में यदि कुकी पीपुल्स के साथ छोड़ने के बाद एनडीए में कुल सदस्यों की संख्या 51 है। जबकि सरकार बनाने के लिए 31 विधायकों की जरूरत है। यानी सरकार पर इस समर्थन वापसी से फिलहाल कोई असर नहीं पड़ेगा।

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