Manipur Violence: हिंसा के बाद मणिपुर की स्थिति में तेजी से हो रहा सुधार, 11 जिलों में दी गई कर्फ्यू में ढील

Manipur Violence: मणिपुर में फैली हिंसा में अब तक 60 लोगों ने अपनी जान गंवाई, जबकि हजारों की संख्या में लोग बेघर हुए हैं। 11 जिलों में अभी भी कर्फ्यू लगी है, जिसमें समय-समय पर ढील दी जा रही है।

Update:2023-05-10 21:11 IST
प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Manipur Violence: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में फैली हिंसा में अब तक 60 लोगों ने अपनी जान गंवा दी, जबकि हजारों की संख्या में लोग बेघर हो गए। अधिकारियों के मुताबिक, राज्य में हिंसा का असर अब कम होता नजर आ रहा है। बीते दो दिनों से हालात सामान्य नजर आ रहे हैं। किसी के हताहत होने की खबर सामने नहीं आई है। केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों का असर दिखने लगा है। अभी भी चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल और पुलिस तैनात हैं।

मणिपुर की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर 11 जिलों में कर्फ्यू में ढील दी गई है। इन जिलों में इंफाल पश्चिम (Imphal West), बिष्णुपुर (Bishnupur), चुराचांदपुर (Churachandpur) और जिरिबाम (Jiribam) आदि शामिल हैं। इन जिलों में सुबह 5 बजे से छह घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई। मंगलवार को इन क्षेत्रों में चार घंटों के लिए कर्फ्यू में छूट दी गई थी। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि, चुराचांदपुर से 2,500 से भी ज्यादा और सीमा क्षेत्र वाले मोरेह से करीब 500 फंसे लोगों को निकालकर 09 मई को इंफाल लाया गया था।

चिकित्सा के साथ मनोवैज्ञानिक परामर्श की भी सुविधा

सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री सपम रंजन सिंह (Information and Public Relations Minister Sapam Ranjan Singh) ने मीडिया से बातचीत में कहा, कि '4 हजार लोगों को हिंसाग्रस्त क्षेत्रों से निकालकर सुरक्षित शिविरों में पहुंचाया गया है। यहां लोगों को नियमित स्वास्थ्य, चिकित्सा तथा मनोवैज्ञानिकों से परामर्श की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। वहीं 26,000 लोगों को अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इनमें अधिकांश लोगों ने अपने रिश्तेदारों के घर में शरण ली है।'

3 मई को भड़की थी हिंसा

गौरतलब है कि, मणिपुर में 3 मई को हिंसा भड़की थी। दरअसल, 10 पहाड़ी क्षेत्रों में आयोजित 'आदिवासी एकता मार्च' के दौरान हिंसा भड़की थी। जिसमें मैतेई समुदाय (Meitei Community) को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल करने मांग की जा रही थी। आपको बता दें, मणिपुर में 53 प्रतिशत मैतेई समुदाय के लोग हैं, जो मुख्यत इंफाल घाटी के पास रहते है। वहीं पहाड़ी इलाकों में आदिवासी, कुकी और नागा समुदाय की संख्या 40 फीसद के करीब है।

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