Manipur Violence Update: रह-रह कर हिंसा, स्कूल 8 तक, इंटरनेट 5 तक बन्द, इस्तीफे की राजनीति

Manipur Violence Update: मणिपुर की स्थिति अब भी शांत नहीं हुई है। ताजा हिंसा में एक हेडकांस्टेबल समेत तीन लोग मारे गए हैं। हालात देखते हुए राज्य के स्कूलों की बंदी 8 जुलाई तक बढ़ा दी गई है जबकि इंटरनेट सेवाओं की बंदी 5 जुलाई तक कर दी गई है।

Update:2023-07-01 10:17 IST
Manipur Violence Update (Social Media)

Manipur Violence Update: मणिपुर की स्थिति अब भी शांत नहीं हुई है। ताजा हिंसा में एक हेडकांस्टेबल समेत तीन लोग मारे गए हैं। हालात देखते हुए राज्य के स्कूलों की बंदी 8 जुलाई तक बढ़ा दी गई है जबकि इंटरनेट सेवाओं की बंदी 5 जुलाई तक कर दी गई है।

इस्तीफे पर राजनीति

राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे पर भी खूब राजनीति चल रही है। जहां विपक्षी दल उनके तत्काल इस्तीफे की मांग कर रहे हैं वहीं राज्य के एक प्रमुख संगठन ने इसका कड़ा विरोध किया है। इम्फाल घाटी में मैतेई समुदाय की शीर्ष संस्था, कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का कड़ा विरोध किया है। इस प्रभावशाली संगठन ने पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र में मणिपुर में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की "निष्क्रिय" और "पक्षपातपूर्ण" कार्रवाइयों के खिलाफ शिकायत की थी। बता दें कि एन बीरेन सिंह भी मैतेई समुदाय के हैं। बीरेन सिंह ने कहा है कि वह "इस महत्वपूर्ण मोड़ पर" इस्तीफा नहीं देंगे।

इस्तीफे का ड्रामा

जब मुख्यमंत्री के इस्तीफे की अटकलें तेज थीं तब उनके सैकड़ों समर्थकों ने इस्तीफे के विरोध में प्रदर्शन किया। 6 घण्टे तक चले घटनाक्रम के बाद बीरेन सिंह ने इस्तीफा न देने का ऐलान किया। बताया जाता है कि ये सब मैतेई युवाओं की मौत पर समुदाय की महिलाओं के एक वर्ग - जिन्हें मीरा पैबी (महिला मशाल वाहक) कहा जाता है - के कड़े विरोध का सामना करने के साथ शुरू हुआ। इसके बाद बीरेन सिंह की मुलाकात राज्यपाल अनुसुइया उइके के साथ तय की गई। अटकलें थीं कि शायद बीरेनसिंह इस्तीफा सौंप देंगे। लेकिन इंफाल में गवर्नर हाउस के रास्ते में मैतेई समुदाय की सैकड़ों महिलाओं और युवाओं द्वारा की गई नाकेबंदी के चलते बीरेन सिंह मुख्यमंत्री आवास पर लौट आये। उसके बाद शाम करीब 4 बजे सिंह ने ट्वीट किया, "इस महत्वपूर्ण मोड़ पर, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा।"

द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य भाजपा प्रवक्ता एलंगबाम जॉनसन ने बताया कि - "मुख्यमंत्री अपने इस्तीफे के पत्र के साथ तैयार थे, लेकिन उनके समर्थकों, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और युवा थे, ने राजभवन की सड़क को अवरुद्ध कर दिया और उनके इस्तीफे के खिलाफ नारे लगाए। मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री उनसे मिलने के लिए बंगले से बाहर आए। जन समर्थन और अपने प्रति भीड़ के विश्वास को देखकर, सीएम ने पद छोड़ने का विचार छोड़ दिया। इसके बाद कैबिनेट मंत्री एल सुसींद्रो मैतेई ने सीएम का दो लाइन का इस्तीफा पत्र महिला समर्थकों के सामने फाड़ दिया। इसके बाद भीड़ तितर-बितर हो गई। समर्थन का सार्वजनिक प्रदर्शन दिखाता है कि इस चुनौतीपूर्ण समय में इतने सारे लोग सीएम के पीछे हैं।"

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