मन की बात में पीएम बोले- शहीदों की शहादत आतंक को नष्ट करने के लिए हमें प्रेरित करेगी
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, "अगली बार मन की बात मई महीने में होगी। मैं भारत-माता की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर करने वाले, देश के सभी वीर सपूतों को, मैं नमन करता हूं। यह शहादत, आतंक को समूल नष्ट करने के लिए हमें निरन्तर प्रेरित करेगी, हमारे संकल्प को और मजबूत करेगी"।;
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (24 परवरी 2019) को अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए 53वीं बार देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। पीएम ने ट्विटर कहा, आज की #MannKiBaat स्पेशल है। इसलिए 11am में सुनें। बाद में ये मत कहना मैंने पहले नहीं बताया।
गौरतलब है कि आकाशवाणी पर प्रसारित होने वाले इस रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से पीएम मोदी देश-दुनिया से जुड़े मुद्दों पर अपनी राय रखते हैं और साथ ही वे लोगों से मिले सुझावों पर भी बात करते हैं। आपको बता दें कि इस कार्यक्रम का पहला प्रसारण 3 अक्टूबर 2014 को किया गया था।
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मन की बात में पीएम मोदी ने कही ये बातें
-पीएम मोदी ने कहा, अगल मन की बात मई महीने में होगी। मैं आज आप सब के साथ एक ऐसे दिल को छूने वाले अनुभव के बारे में बात करना चाहता हूं जो पिछले कुछ दिनों से मैं महसूस कर रहा हूं। कुछ दिन पहले मैं काशी गया था। वहां मुझे दिव्यांग भाई-बहनों के साथ समय बिताने का मौका मिला। उनसे कई विषयों पर चर्चा हुई और उनका आत्मविश्वास वाकई प्रभावित करने वाला था-प्रेरक था।
- पीएम ने कहा, हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी भाई देसाई का जन्म 29 फरवरी को हुआ था। सहज, शांतिपूर्ण व्यक्तित्व के धनी, मोरारजी भाई देश के सबसे अनुशासित नेताओं में से थे। मोरारजी भाई देसाई के कार्यकाल के दौरान ही 44वां संविधान संशोधन लाया गया।
यह महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि इमरजेंसी के दौरान जो 42वां संशोधन लाया गया था, जिसमें सुप्रीमकोर्ट की शक्तियों को कम करने और दूसरे ऐसे प्रावधान थे, उनको वापिस किया गया।
- पीएम ने कहा, आतिश मुखोपाध्याय जी ने लिखा है कि वर्ष 1900 में 3 मार्च को, अंग्रेजों ने बिरसा मुंडा को गिरफ्तार किया था तब उनकी उम्र सिर्फ 25 साल की थी ये संयोग ही है कि 3 मार्च को ही जमशेदजी टाटा की जयंती भी है। ये दोनों व्यक्तित्व पूरी तरह से दो अलग-अलग पारिवारिक पृष्ठभूमि से हैं जिन्होंने झारखण्ड की विरासत और इतिहास को समृद्ध किया। ‘मन की बात’ में ‘बिरसा मुंडा’ और ‘जमशेदजी टाटा’ को श्रद्धांजलि देने का एक प्रकार से झारखण्ड के गौरवशाली इतिहास और विरासत को नमन् करने जैसा है।
इन दो महान विभूतियों ने झारखण्ड का नहीं पूरे देश का नाम बढ़ाया है. पूरा देश उनके योगदान के लिए कृतज्ञ है. आज, अगर हमारे नौजवानों को मार्गदर्शन के लिए किसी प्रेरणादायी व्यक्तित्व की जरुरत है तो वह है भगवान ‘बिरसा मुंडा’।
- पीएम ने कहा, जमशेद जी टाटा ने देश को बड़े-बड़े संस्थान दिए हैं। वे जानते थे कि भारत को sci, tech, industry का हब बनाना भविष्य के लिए आवश्यक है। ये उनका ही विजन था जिससे टाटा इंस्टीटयूट ऑफ़ साइंसेज की स्थापना हुई, टाटा स्टील जैसे कई विश्वस्तरीय संस्थान, उद्योगों की स्थापना हुआ।
- पीएम ने कहा, मैं आशा करता हूं कि आप राष्ट्रीय सैनिक स्मारक और नेशनल पुलिस मेमोरियल को देखने जरुर जाएंगे। आप जब भी जाएं वहां ली गई अपनी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर अवश्य शेयर करें ताकि दूसरें लोग इस मेमोरियल को देखने के लिए उत्सुक हों।
- पीएम ने कहा, 'राष्ट्रीय सैनिक स्मारक का डिजाईन, हमारे अमर सैनिकों के अदम्य साहस को प्रदर्शित करता है। राष्ट्रीय सैनिक स्मारक का कांसेप्ट Four Concentric Circles यानी चार चक्रों पर केंद्रित है- अमर चक्र, वीरता चक्र, त्याग चक्र, रक्षक चक्र।
पीएम ने कहा, मुझे आश्चर्य भी होता था और पीड़ा भी कि भारत में कोई नेशनल वार मेमोरियल नहीं था। एक ऐसा मेमोरियल, जहां राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर जवानों की शौर्य-गाथाओं को संजो कर रखा जा सके। मैंने निश्चय किया कि देश में, एक ऐसा स्मारक अवश्य होना चाहिए।
पीएम ने कहा- पुलवामा के आतंकी हमले में, वीर जवानों की शहादत के बाद देश-भर में लोगों को, और लोगों के मन में, आघात और आक्रोश है। हमारे सशस्त्र बल हमेशा ही अद्वितीय साहस और पराक्रम का परिचय देते आए हैं। शांति की स्थापना के लिए जहां उन्होंने अद्भुत क्षमता दिखायी है। वहीं हमलावरों को भी उन्हीं की भाषा में जबाव देने का काम किया है।
पीएम मोदी ने पुलवामा आतंकी हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, वीर सपूतो को नमन करता हूं। जो देश के मन में है वही मेरे मन में है।
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