मौलाना साद के करीबी ने किए कई खुलासे, मरकज का खोला राज

तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद इन दिनों गायब हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की तलाश जारी है। इस बीच मौलाना साद के राजदार मौलाना मुफ्ती शहजाद ने बताया मरकज काण्ड को लेकर जानकारियां दी।

Update: 2020-04-18 05:41 GMT

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में कोरोना वायरस का विस्फोट करने के जिम्मेदार तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद की तलाश में लगी पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साद के करीबी एक मौलाना ने उनके बारे में कई बड़े खुलासे किये।

मौलाना साद के करीबी मौलाना मुफ़्ती ने किये ये खुलासे

दरअसल तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद इन दिनों गायब हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की तलाश जारी है। इस बीच मौलाना साद के राजदार मौलाना मुफ्ती शहजाद ने बताया मरकज काण्ड को लेकर जानकारियां दी।

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मरकज में शामिल थे मौलाना मुफ़्ती शहजाद:

निजामुद्दीन स्थित मरकज में हुए धार्मिक आयोजन में मौलाना मुफ़्ती शहजाद भी शामिल थे। शहजाद यहां 1 मार्च से 31 मार्च के बीच रहे। इस दौरान देश विदेश के कई जमाती शामिल हुए थे। ऐसे में साद की तरफ मौलाना मुफ़्ती भी इस मामले में आरोपी है।

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इन दिनों 160 जमातियों के साथ क्वारंटीन में

वहीं उनमे भी कोरोना संक्रमण का खतरा है। हलांकि बताया जा रह है कि मौलाना मुफ़्ती शहजाद 160 लोगों के साथ क्वारंटीन में है। ये लोग मरकज में शामिल हुए थे।

कौन है मौलाना साद:

मौलाना मुफ्ती शहजाद के दिल्ली के जाकिर नगर के रहने वाले है और लगभग रोजाना मरकज जाते हैं। मरकज से निकलने के बाद अन्य जमातियों के साथ उन्हें प्रशासन ने क्वारंटीन किया है।

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मौलाना साद पर दी ये जानकारी :

मुफ्ती ने मौलाना साद के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मुझे बस इतना पता है कि वह दिल्ली में है, लेकिन दिल्ली में कहां हैं, इसकी जानकारी नहीं। उन्होंने कहा कि साद से उनकी बात तो नहीं हुई, लेकिन साद के बेटे से फोन पर हुई थी।

मरकज फंडिंग पर बोले मुफ़्ती:

मुफ़्ती ने बताया कि मरकज में हो भी आता है, वो अपना पैसा लगा कर आता है। उसे पैसा दिया नहीं जाता और न खर्च उठाया जाता है।

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मरकज की बिल्डिंग में इतने दिन छिपे रहने की बताई वजह:

मौलाना मुफ़्ती ने बताया कि 23 को लॉक डाउन हुआ, तो यहां तमिलनाडु के कई लोग फंस गए। उन्हें घर भिजवाना था। दिल्ली के होने के नाते इन लोगों ने फंसे जमातियों को उनके प्रदेश वापस भेजने को लेकर SHO से अनुमति मांगी। इस पर एसएचओ ने उन्हें घर वापस भेजने को कहा लेकिन वापस कैसे भेजा जाएँ ये मसला फंसा।

 

जमातियों ने वापसी के लिए 20 बड़ी गाड़ियों की परमिशन मांगी तो एसएचओ ने एसडीएम से बात करने को कहा। एसडीएम से अनुमति मांगी गयी, तो उन्होंने मरकज में ही रहने के निर्देश दिए।

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