मायावती ने गठबंधन को बताया बड़ी भूल, मुलायम पर लगाया ये आरोप

मायावती ने अखिलेश यादव की राजनीतिक समझ पर सवाल उठाए। उन्होंने ये कह कर सनसनी फैला दी कि अखिलेश ने मुसलमानों को टिकट देने का विरोध किया था। 

Update:2019-06-24 09:14 IST

नई दिल्लीः समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करना हमारी बड़ी भूल थी। मायावती ने जब ये बात कही तो बैठक में मौजूद कई नेता हैरान रह गए। लखनऊ में बीएसपी नेताओं की मीटिंग में मायावती ने मुलायम सिंह से लेकर अखिलेश यादव पर कई गंभीर आरोप लगाए। समाजवादी पार्टी से गठबंधन क्यों तोड़ा, इसके बारे में उन्होंने विस्तार से बताया।

मायावती ने अखिलेश यादव की राजनीतिक समझ पर सवाल उठाए। उन्होंने ये कह कर सनसनी फैला दी कि अखिलेश ने मुसलमानों को टिकट देने का विरोध किया था। मायावती ने बताया कि एक दिन अखिलेश उनसे मिलने उनके घर आए और कहा कि मुस्लिमों को टिकट देने से साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण हो सकता है। इससे गठबंधन को नुकसान होगा। लेकिन मैंने उनकी बात नहीं मानी।

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बीएसपी के देश भर के नेताओं को मायावती ने लखनऊ बुलाया था। जिला अध्यक्षों से लेकर कोऑर्डिनेटर स्तर तक के नेताओं को इसमें बुलाया गया था। संगठन में भारी फेरबदल का एलान करते हुए मायावती ने क़रीब घंटे भर तक का भाषण दिया। इसमें आधे घंटे तक तो वे समाजवादी पार्टी और मुलायम परिवार के बारे में ही बोलती रहीं।

लोकसभा चुनाव में हार का जिम्मेदार भी मायावती ने अखिलेश को ही ठहरा दिया। मायावती ने कहा कि ताज कॉरिडोर वाले केस में मुझे फंसाने के पीछे बीजेपी और मुलायम सिंह का हाथ है। इसके अलावा एसपी ने प्रमोशन में आरक्षण का विरोध किया था इसलिए दलितों, पिछड़ों ने उसे वोट नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा को सलीमपुर सीट पर समाजवादी पार्टी के विधायक दल के नेता राम गोविंद चौधरी ने हराया। उन्होंने एसपी का वोट बीजेपी को ट्रांसफर करवाया, लेकिन अखिलेश ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

फोन तक नहीं किया

मायावती बोलीं कि रिजल्ट आने के बाद अखिलेश ने मुझे कभी फोन नहीं किया। सतीश चंद्र मिश्रा ने उनसे कहा कि वे मुझे फोन कर लें, लेकिन फिर भी उन्होंने फोन नहीं किया। मैंने बड़े होने का फर्ज निभाया और काउंटिग के दिन 23 तारीख को उन्हें फोन कर उनके परिवार के हारने पर अफसोस जताया। लोकसभा चुनाव में अखिलेश की पत्नी डिंपल कन्नौज से चुनाव लड़ रही थीं। वे चुनाव हार गईं। अखिलेश के दो चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव भी चुनाव हार गए। मायावती बोलीं कि मुलायम और अखिलेश के शासन में दलितों पर जो अत्याचार हुआ था वही हार का कारण बना। बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि कई जगह समाजवादी पार्टी के नेताओं ने बीएसपी उम्मीदवारों को हराने का काम किया।

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद मायावती ने बीएसपी के सीनियर नेताओं की दिल्ली में बैठक बुलाई थी। 3 जून को हुई इसी मीटिंग में उन्होंने समाजवादी पार्टी से रिश्ता तोड़ने का एलान किया था। मायावती ने बताया कि उस दिन अखिलेश यादव ने सतीश चंद्र मिश्र को फ़ोन किया था लेकिन मुझे फोन करने की ज़रूरत तक नहीं समझी। उन्होंने फिर से ये बात इस मीटिंग में दुहराई कि समाजवादी पार्टी का वोट बीएसपी को ट्रांसफ़र नहीं हुआ।

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मायावती ने कहा कि यादवों ने भी अपना पूरा वोट एसपी को नहीं दिया। अगर दिया होता तो फिर अखिलेश के परिवार के लोग चुनाव नहीं हारते। इस बार के चुनाव में समाजवादी पार्टी का वोट पिछले चुनाव से क़रीब 4 प्रतिशत कम हो गया है।

मायावती ने ये भी कहा कि शिवपाल यादव की पार्टी के कारण कुछ जगहों पर यादव वोटों का बंटवारा हो गया। लोकसभा चुनाव में एसपी 5 सीटों पर तो बीएसपी 10 सीटों पर जीतने में कामयाब रही। पिछली बार तो बीएसपी का खाता तक नहीं खुला था जबकि एसपी के पांच सांसद विजयी रहे थे।

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