चीन का झूठ: भारत ने बताई चीन के दावे की हकीकत, गलवान पर किया ये खुलासा

भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन को करारा जवाब दिया है। मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने चीन के गलवान घाटी को उनका बताने वाले दावे को गलत बताया है।

Update:2020-06-20 22:12 IST

नई दिल्ली : चीन ने लद्दाख के पास स्थित गलवान घाटी पर अपना दावा किया तो भारत के विदेश मंत्रालय पर चीन के दावे की हकीकत बताई। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा हुआ कि चीन का दावा बेबुनियाद है।

विदेश मंत्रालय ने चीन के झूठे दावों पर दिया करारा जवाब

दरअसल, भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन को करारा जवाब दिया है। मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने चीन के गलवान घाटी को उनका बताने वाले दावे को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि चीन ने मई 2020 से गलवान वैली में भारतीय सेना की पेट्रोलिंग प्रभावित करने की कोशिश की।

भारत गलवान घाटी समेत LAC से पूरी तरीके से परिचित

बता दें कि चीन की ओर से कहा गया था कि गलवान घाटी LAC पर चीन की तरफ वाले भाग में है। इसलिए ये चीन का हिस्सा है।चीन ने आरोप लगाया था कि भारत चीन के हिस्से में प्रवेश कर बैरिकेटिंग लगा रहा है। जिसपर विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया कि भारत गलवान घाटी समेत एलएसी के पास के सभी इलाकों से पूरी तरीके से परिचित है और आर्मी एलएसी का पालन कर रही है। भारत ने आज तक कभी भी एलएसी के पार कोई एक्शन नहीं लिया।ऐसे में चीन के आरोप झूठे हैं।

ये भी पढ़ेंः वीडियो कॉल पर अश्लीलता: लड़कियों का हनी ट्रेप, रात में खुला राज

सीमा के भीतर निर्माण करवा रहा भारत

एलएसी के पास भारतीय सड़क निर्माण पर भी उन्होंने चीन को जवाब दिया कि हम अपनी सीमा के भीतर सभी निर्माण कार्य करवा रहे हैं। हालाँकि चीन भारत को रोकने की कोशिश कर रहा है। इसका प्रूफ सीमा पर सैनिकों के बीच होने वाली झड़प है।

ये भी पढ़ेंः युद्ध को तैयार चीनः कैसे रोकेगा भारत, एलएसी से 40 किमी दूर है भारी जमावड़ा

चीन ने नहीं किया समझौते का पालन

विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि 5 मई को जब एलएसी पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई, उसके बाद से भारत सैन्य और राजनयिक जरिए से विवाद सुलझाने की कोशिश कर रहा था लेकिन 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच फिर झड़प हुई। इसके पहले 6 जून को दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच हुई बैठक में सीमा पर तनाव कम करने की सहमति भी बन गयी थी। हालाँकि चीन ने इसका पालन नहीं किया और भारत ने उसके मंसूबो को पूरा नहीं होने दिया।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें

Tags:    

Similar News