Blasphemy: एमएफ हुसैन से लीना मणिमेकलाई तक, इन लोगों ने बनाया हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक

Blasphemy:सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिस तरह नूपुर शर्मा मामले पर प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, उस तरह जब हिंदू देवी-देवताओं का मजाक बनाया जाता है तब ऐसे बयान क्यों नहीं आते हैं।

Update:2022-07-05 15:46 IST

मशहूर चित्रकार एमएफ हुसैन-फिल्म मेकर लीना मणिमेकलाई: Design Photo - Newstrack

Kaali Controversy: ईशनिंदा (Blasphemy) को लेकर इन दिनों देश में बवाल मचा हुआ है। एक टीवी शो के दौरान इस्लाम धर्म (Islam religion) के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) पर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने का मामला इतना तूल पकड़ेगा इसका शायद किसी को अंदाजा नहीं था।

इस टिप्पणी को लेकर बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Former BJP spokesperson Nupur Sharma) निशाने पर है। उनके खिलाफ देश के कई राज्यों में केस दर्ज हो चुके हैं, इन सबके अलावा उन लगातार जान से मारने की धमकियां भी मिल रही हैं। इस विवाद को लेकर अब तक दो लोगों की नृशंष हत्या (brutal murder of two people) मुस्लिम अतिवादियों द्वारा की जा चुकी है। अमरावती और उदयपुर घटना इसका उदाहरण है।

ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि जिस तरह नूपुर शर्मा मामले पर प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, उस तरह जब हिंदू देवी-देवताओं (Hindu deities) का मजाक बनाया जाता है या उनके बारे में अभद्र टिप्पणियां की जाती हैं, तब ऐसे बयान क्यों नहीं आते हैं। आखिर क्यों नहीं उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होती है। देश में ऐसे मशहूर हस्तियों की कमी नहीं है, जिन्होंने सनातन परंपराओं और हिन्दू देवी-देवताओं का माखौल बनाकर उन्हें अपमानित करने का प्रयास किया। आज हम आपको मशहूर चित्रकार एमएफ हुसैन (Famous painter MF Hussain) से लेकर फिल्म मेकर लीना मणिमेकलाई (Filmmaker Leena Manimekalai) जैसे हस्तियों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाया।


एमएफ हुसैन (MF Hussain)

मकबूल फिदा हुसैन (एमएफ हुसैन) (Maqbool Fida Hussain) को भारत का पिकासो कहा जाता है। उनकी पेंटिंग दुनियाभर में मशहूर रही हैं। उन्हें पद्मश्री, पद्मविभूषण, पद्मभूषण जैसे अवॉर्ड मिल चुके हैं। लेकिन हुसैन जितने अधिक मशहूर रहे हैं, उतना ही गहरा उनका विवादों से नाता रहा है। उनकी पेंटिंग अक्सर विवादों का कारण बनती थी। एमएफ हुसैन की कुछ पेंटिंग को 1996 में विचार –मीमांसा नाम की एक मैगजीन ने छापा था। इस मैगजीन के पब्लिक में आते ही बवाल खड़ा हो गया, दरअसल इसमें मां दुर्गा, मां लक्ष्मी और मां सरस्वती की नग्न तस्वीरें थीं। इसे लेकर देशभर में उनके खिलाफ विरोध –प्रदर्शन हुआ और कई आपराधिक मामले भी दर्ज हुए। अपने इन करतूतों के कारण उन्हें देश छोड़ना पड़ा और कतर में शरण लेनी पड़ी। 9 जून 2011 को लंदन में उनकी मौत हो गई। उन पेंटिंग को लेकर एमएफ हुसैन की आज भी काफी आलोचना होती है।


मुनव्वर फारूकी (Munawwar Farooqui)

स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी (Munawwar Farooqui) भी उन हस्तियों में शुमार है, जिसने सस्ती लोकप्रियता के लिए हिंदुओं के भावनाओं के साथ खेला और उनके आराध्य का मजाक उड़ाया। फारूकी ने जनवरी 2021 में इंदौर के मुनरो कैफे में आयोजित कॉमेडी शो में हिंदू देवी सीता मां के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की । इसके अलावा उसने गोधरा नरसंहार का मजाक भी उड़ाया था, जिसमें 59 कारसेवक जिंदा जलकर मर गए थे। लोगों के विरोध के कारण उसे कई कॉमेडी शो रद्द करने पड़े थे। फिर भी उसे अभी एक बड़े रियलिटी शो लॉक अप में मौका दिया गया था जिसे उन्होंने जीता भी। एक अन्य कॉमेडियन कुणाल कामरा पर भी कई बार हिंदू देवी – देवताओं का मजाक उड़ाने का आरोप लग चुका है।


आस्था का अपमान

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) से संबंध जेएन मेडिकल कॉलेज के एक सहायक प्रोफेसर डॉ जितेंद्र कुमार अपनी कक्षा में यौन अपराधों के बारे में पढ़ा रहे थे। इस दौरान उन्होंने हिंदू देवी देवताओं के लिए अपमानजनक संदर्भ दिए। इस पर क्लास के कुछ छात्रों ने आपत्ति दर्ज की और इसकी शिकायत की। कुछ छात्रों ने पीपीटी के विवादास्पद हिस्से का फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था, जिसके बाद हिंदू संगठन सड़कों पर उतर गए। विश्वविद्यालय ने आरोपी प्रोफेसर को जांच तक निलंबित कर दिया है। लेकिन अब तक उसके खिलाफ किसी तरह की सख्त कार्रवाई नहीं की गई।

शिवलिंग का अपमान

ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने की बात सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर शिवलिंग के बारे में अभद्र बयानों का दौर शुरू हो गया। इनमें कई राजनेता और तथाकथित पत्रकार शामिल हैं। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (TMC MP Mahua Moitra) ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र की तस्वीर ट्वीट कर लिखा था कि उम्मीद है कि खुदाई की सूची में अगला नंबर इसका नहीं होगा। कुछ ऐसा ही ट्वीट पत्रकार सबा नकवी ने किया था, जिसे बाद में उन्हें डिलीट करना पड़ा।


दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में इतिहास के एसोसिएट प्रोफेसर रतनलाल (Professor Ratanlal) ने भी ज्ञानवापी शिवलिंग विवाद पर अपमानजनक ट्वीट करते हुए कहा कि यदि वह शिवलिंग है तो ऐसा लगता है कि शायद शिव जी का भी खतना हुआ था। इस ट्वीट पर लोगों ने कड़ी नाराजगी जाहिर की थी और रतनलाल को जेल भी जाना पड़ा था। अदालत में माफी मांगने के बाद उन्हें शर्तों के साथ जमानत मिली थी। ऐसे कई और अनगिनत मामले हैं, जिनमें विभिन्न दलों के नेताओं और पत्रकारों ने शिवलिंग के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां की है।

हिंदू देवी का अपमानजनक चित्रण

फिल्म मेकर लीना मणिमेकलाई (Filmmaker Leena Manimekalai) ने अपनी डॉक्यूमेंट्री 'काली' का पोस्टर रिलीज किया है। इस पोस्टर के सामने आते ही बवाल खड़ा हो गया। दरअसल इस पोस्टर में मां काली बनी अभिनेत्री को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है। सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर लताड़ लगाई जा रही है। लोग उन पर हिंदुओं की भावनाएं आहत करने का आरोप लगा रहे हैं औऱ उनकी गिरफ्तारी के लिए सोशल मीडिया पर कैंपन चलाया जा रहा है। लेकिन लीना अब भी अपने स्टैंड पर कायम है। उन्होंने आलोचनाओं को नजरअंदाज करते हुए कहा कि वो किसी से डरती नहीं हैं। 

Tags:    

Similar News