प्रवासी मजदूर अपराधीः कहने के बाद मुकर गई बिहार पुलिस

पुलिस मुख्यालय ने अपने इस पत्र में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि बाहर से बड़ी संख्या में आए प्रवासी मजदूर आर्थिक संकटों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में वह परेशान और तनाव ग्रस्त भी हैं, जिसे देखते हुए विधि व्यवस्था को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है।

Update: 2020-06-05 12:07 GMT

बिहार: प्रवासी मजदूरों के पलायन पर खूब राजनीति होने के बाद अब एक नया मामला सामने आया है। जिसमें बिहार पुलिस मुख्यालय की तरफ से सभी जिलों के एसपी के साथ-साथ रेल अधीक्षक को भी एक पत्र जारी किया गया है। जिसमें पत्र में कहा गया है कि प्रवासी मजदूरों से कानून व्यवस्था को गंभीर संकट पैदा हो सकती है।

बता दें कि पुलिस मुख्यालय ने अपने इस पत्र में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि बाहर से बड़ी संख्या में आए प्रवासी मजदूर आर्थिक संकटों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में वह परेशान और तनाव ग्रस्त भी हैं, जिसे देखते हुए विधि व्यवस्था को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है।

पुलिस मुख्यालय ने अपना पत्र वापस

बिहार के विपक्षी नेताओं ने जब इस पत्र पर ऐतराज जताया तो पुलिस मुख्यालय ने अपना पत्र वापस ले लिया है। पुलिस मुख्यालय ने नया पत्र जारी कर पुराने पत्र को वापस लेने की बात कहते हुए सफाई दी कि वो पत्र भूलवश जारी हो गया था।

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पुलिस मुख्यालय ने कहा-भूल हो गई

बिहार के ADG लॉ एंड ऑर्डर अमित कुमार के द्वारा 29 मई को जारी जिस आदेश पत्र पर बिहार की सियासी तापमान चढ़ा हुआ है, उस आदेश पत्र को ADG लॉ एंड ऑर्डर अमित कुमार ने 4 जून को यह कहते हुए वापस ले लिया कि यह आदेश पत्र भूलवश जारी हो गया।

इस मामले को लेकर आज ADG पुलिस मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने बयान दिया है। इनका कहना है कि ADG लॉ एंड ऑर्डर अमित कुमार ने अपने पूर्व के आदेश पत्र को वापस ले लिया है तब इसपर किसी तरह की कोई चर्चा नही होनी चाहिए।

यहां जाने क्या लिखा था पत्र में

पुलिस मुख्यालय ने यह भी माना कि प्रवासी मजदूरों को बिहार में रोजगार मिलने की संभावना कम है। ऐसे में अपने परिवार के भरण-पोषण के उद्देश्य से यह प्रवासी मजदूर, अनैतिक कार्य करेंगे और अपराधिक घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं। पुलिस मुख्यालय ने यह भी कहा है कि प्रवासी मजदूरों के कारण बिहार में अपराध की वृद्धि हो सकती है। लिहाजा, इस मामले में सतर्कता बरतने की जरूरत है।

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नौकरी न होने से राज्य में क्राइम बढ़ सकता है

बिहार पुलिस का ये लेटर ऐसे समय पर सामने आया है जब लॉकडाउन के कारण मजदूरों के पास नौकरी तक नहीं है। ऐसे में राज्य सरकार को इन मजदूरों के रोजगार और भरण-पोषण की व्यवस्था करनी चाहिए, न कि उनके वापस लौटने से ये अंदेशा जता दिया जाए कि राज्य में क्राइम बढ़ सकता है।

श्रमिक भइयों को नीतीश कुमार चोर लुटेरा और क्रिमिनल समझते हैं-तेजस्वी यादव

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश सरकार प्रवासी मजदूरों को अपमानित कर रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय ने प्रवासी मजदूरों के अपराधी बनने की आशंका से संबंधित पत्र जारी किया है। श्रमिक भइयों को नीतीश कुमार चोर लुटेरा और क्रिमिनल समझते हैं। नीतीश कुमार को प्रवासी शब्द से आपत्ति है लेकिन ये सरकार प्रवासियों को दोयम दर्जे का नागरिक समझती है। मुख्यमंत्री के सभी अधिकृत सोशल साइट पर प्रवासी शब्द का ही इस्तेमाल किया गया है।

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श्रमिक हमारे भाई है, प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैमरे के सामने पत्र को फाड़ा

ADG पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी पत्र, अमाननीय है। श्रमिक हमारे भाई है। सरकार, इन श्रमिकों की विरोधी है। सरकार ने इनको रोजगर देने के लिये अब तक कुछ नही किया है। तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैमरे के सामने उस पत्र को फाड़ दिया और गुस्से में फेंक दिया। उन्होंने नीतीश कुमार से माफी मांगने की मांग की है।

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