शिमला: सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश के बाद हिमाचल प्रदेश में अवैध होटलों पर लगातार कार्रवाई हो रही है। कसौली में अवैध होटल गिराए जाने के बाद अब कुल्लू और कांगड़ा के अवैध होटलों को ढहाने का काम हो रहा है। अनुमान है कि कुल्लू और कांगड़ा जिलों में कोई डेढ़ हजार अवैध होटल हैं। इनमें ज्यादातर होटल कुल्लू जिले के मनाली में बनाए गए हैं। बताया जाता है कि कुल्लू में कुल 1362 अवैध होटल हैं जो मनाली के अलावा कसोल, तोश और मणिकरण में बनाए गए हैं।
कुल्लू का कसोल इलाका तो ‘मिनी इजराइल’ नाम से मशहूर हो चुका है। कसोल इलाका इजराइल से आने वाले पर्यटकों में काफी लोकप्रिय है। इजराइली टूरिस्ट तो यहां कई महीनों तक पड़े तहरे हैं। कसोल में कई ऐसे रेस्टोरेंट और खाने-पीने की जगहें हैं जहां पर सिर्फ इजराइलियों का ही स्वागत होता है। इस कारण कई बार बवाल भी हो चुका है क्योंकि इन होटलों में भारतीयों को प्रवेश से इनकार कर दिया गया। इन रेस्टोरेंट्स और होटल्स में इजराइल के कई परंपरागत पकवान भी परोसे जाते हैं। बताया जाता है कि इजराइलियों की भरमार की एक वजह भांग-गांजा की बड़े पैमाने पर उपलब्धता है। इस इलाके में कुल 48 अवैध होटल चिन्हित किए गए हैं।
कसोल सहित कई जगहों पर पर्यटन सीजन चरम पर है और इसी बीच प्रशासन ने अवैध होटलों को सील करने के लिए धारा 144 लगा दी गयी। ऐसा इसलिये किया गया है ताकि कसौली जैसी घटना दोबारा न हो। कसौली में एक अवैध होटल पर कार्रवाई करने गयी टीम पर होटल मालिक ने फायरिंग की थी जिसमें एक अफसर की मौत हो गयी थी। प्रशासन का कहना है कि कसोल में अवैध होटलों को पहले सील किया जाएगा और उसके बाद उन पर हथौड़ा चलेगा। कसोल में धारा 144 के बीच हथियारबंद पुलिस जवानों के साथ अवैध 36 होटल, गेस्टहाउस व कैफे की सीलिंग की गयी है।
वैसे, अदालत ने पहले चरण में कसोल में 40 होटलों की सीलबंदी के आदेश जारी किए थे। इसमें से कुछ होटल मालिकों द्वारा सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने पर छह होटलों को बहाल किया गया। दूसरे चरण में मणिकर्ण घाटी में 48 व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में अनियमितताएं पाई गई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने सीलंबदी के आदेश दिए। इसमें से 11 मालिकों ने कार्रवाई से पूर्व ही होटलों की सभी औपचारिकताएं पूर्ण कीं। दो होटल मालिकों ने अपने होटल स्वयं तोडक़र प्रशासन को रिपोर्ट दी।
इस इलाके में अवैध निर्माण करने वालों में रेस्तरांवाले भी कम नहीं हैं। ज्यादातर अवैध होटलों में अनधिकृत मंजिलों का निर्माण कर दिया गया वहीं कुछ होटल और रेस्टोरेंट सरकारी जमीन पर बना दिए गए हैं। स्थानीय प्रशासन पहले होटलों की साइट प्लान से संबंधित भवन का मिलान करेगा और गड़बड़ी पाए जाने के बाद उस रेस्टोरेंट और होटल को सील कर दिया जाएगा। एनजीटी के आदेशों पर हो रही इस कार्रवाई से कसोल के होटल और रेस्टोरेंट मालिकों मेंदहशत है। कई होटलवालों ने तो खुद ही अवैध निर्माण गिरा दिये हैं।
कसोल के अलावा मनाली, मणिकरण और तोश में भी अवैध निर्माण को सील करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। धर्मशाला के मैक्लिओडगंज में भी 55 होटलों को नोटिस थमाया गया है। यहां अवैध होटल किस तरह से परेशानी का सबब बन रहे हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा रहा है कि विदेश मंत्रालय ने बकायदा हिमाचल प्रदेश सरकार को एक पत्र लिखकर अवैध निर्माण हटाने के लिए कहा है। वजह ये है कि अवैध निर्माण के कारण मैक्लिओडगंज में बने विदेश मंत्रालय के कार्यालय के कामकाज में दिक्कत आ रही है। ऐसे होटलों में पार्किंग की सुविधा नहीं है और लोगों की गाडिय़ां सडक़ों पर ही खड़ी रहती हैं जिससे ट्रैफिक जाम हो जाता है।
गिराये जाने हैं 500 होटल
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कसौली गोली कांड के बाद हिमाचल प्रदेश को आदेश दिया था कि राज्य के सभी अवैध होटलों को चिन्हित करके उनको गिरा दिया जाये। एनजीटी के आदेशों के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार ने 16 जुलाई से पहले कम से कम 500 होटलों को सील करने का लक्ष्य रखा है। ऐसा इसलिये कि 16 जुलाई को अवैध निर्माण के मामले की सुनवाई होनी है और सरकार को अपना पक्ष रखना है। ज्यादा से ज्यादा कार्रवाई करके सरकार अपना पक्ष मजबूत करना चाहती है। लेकिन सरकार के सामने दिक्कत ये है कि अंधाधुंध अवैध निर्माण के लिए खुद सरकारी कर्मचारी और अधिकारी जिम्मेदार हैं। घूसखोर अधिकारियों ने आंखें मूंद कर अवैध निर्माण होने दिया और अब एनजीटी का डंडा पड़ा तो आनन फानन में अवैध निर्माण गिराने और सील करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
धर्मशाला के 29 होटलों का कटेगा बिजली-पानी
धर्मशाला व आसपास के पर्यटक स्थलों के 29 होटलों के बिजली-पानी और सीवरेज के कनेक्शन काट दिए जाएंगे। नगर निगम धर्मशाला ने अवैध तरीके से चल रहे 35 होटलों के रिव्यू के दौरान अनियमितताएं पाई हैं। इसके आधार पर अब 29 होटलों के बिजली- पानी और सीवरेज कनेक्शन काटने के निर्देश जारी कर दिए हैं।