वित्त मंत्रालय ने वैश्विक बाजारों में ईटीएफ जारी करने को निवेशकों के साथ चर्चा शुरू की
वित्त मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के दौरान विदेशी बाजारों में सार्वजनिक क्षेत्र के केन्द्रीय उपक्रमों (सीपीएसई) के शेयर आधारित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) जारी करने के लि
नयी दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के दौरान विदेशी बाजारों में सार्वजनिक क्षेत्र के केन्द्रीय उपक्रमों (सीपीएसई) के शेयर आधारित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) जारी करने के लिए वैश्विक निवेशकों के साथ विचार विमर्श की प्रक्रिया शुरू की है। एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी।
निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) निवेशकों से क्षेत्र आधारित शेयरों की मांग के बारे में मिली प्रतिक्रिया के बाद ईटीएफ के लिए इंडेक्स का विकास शुरू करेगा।
यह भी पढ़ें......EC का वित्त मंत्रालय को निर्देश- प्रवर्तन एजेंसियों से निष्पक्ष रहने को कहें
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारी इस विदेशी बाजारों में जारी होने वाले ईटीएफ में निवेश करने वाले बड़े विदेशी पेंशन कोषों पर निगाह है। हम नया ईटीएफ विकसित करने के लिए जल्द कोष प्रबंधकों की नियुक्ति करेंगे। वैश्विक स्तर पर आयोजित रोडशो में सीपीएसई में निवेश के लिए ईटीएफ मार्ग को चुनने में निवेशकों ने रुचि दिखाई है।’’
सरकार के फिलहाल दो ईटीएफ ....सीपीएसई ईटीएफ और भारत-22 ईटीएफ हैं जो घरेलू एक्सचेंजों में सूचीबद्ध हैं।
यह भी पढ़ें......‘भगोड़े’ माल्या को कितना लोन दिया? वित्त मंत्रालय ने कहा- नहीं है जानकारी
भारत-22 ईटीएफ 2017-18 में शुरू किया गया किया था। इसमें 16 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम, तीन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और तीन ऐसी निजी क्षेत्र की कंपनियां शामिल हैं जिनमें सरकार की अल्पांश हिस्सेदारी है।
सीपीएसई-ईटीएफ में सार्वजनिक क्षेत्र की 11 कंपनियां शामिल हैं ... इनमें ... ओएनजीसी, कोल इंडिया, इंडियन आयल कॉरपोरेशन, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन, आरईसी, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, आयल इंडिया, एनटीपीसी, एनबीसीसी (इंडिया), एनएलसी इंडिया और एसजेवीएन लि. शामिल हैं।
यह भी पढ़ें......जल्द आ रहा है 100 रुपए का सिक्का, वित्त मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन
सरकार केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के ईटीएफ से घरेलू बाजार में काफी पूंजी जुटा चुकी है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के बजट में केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से 90,000 करोड़ रुपये जुटाने का प्रस्ताव रखा है। पिछले वित्त वर्ष में विनेविश के जरिये सरकार ने 85,000 करोड़ रुपये जुटाये हैं।