Mission 2024: प.बंगाल और पंजाब के बाद INDIA के लिए यूपी-बिहार में भी मुश्किलें, ममता की राह पकड़ सकते हैं अखिलेश यादव

Mission 2024: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बिहार में राष्ट्रीय जनता दल व जदयू कांग्रेस को डिमांड के मुताबिक सीटें देने के लिए तैयार नहीं हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-01-25 09:52 IST

Akhilesh Yadav  (photo: social media )

Mission 2024: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और पंजाब में आम आदमी पार्टी की ओर से दोनों राज्यों की सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद विपक्षी दलों का गठबंधन इंडिया बिखरता हुआ नजर आ रहा है। अब कई अन्य राज्यों में भी गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठने लगे हैं। खासतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार में सबकी निगाहें लगी हुई हैं क्योंकि इन दोनों राज्यों में भी सीट बंटवारे का मामला उलझा हुआ है।

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बिहार में राष्ट्रीय जनता दल व जदयू कांग्रेस को डिमांड के मुताबिक सीटें देने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसी स्थिति में उत्तर प्रदेश और बिहार में भी इंडिया गठबंधन की राह में मुश्किलें खड़ी होने की आशंका जताई जा रही है। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव भी ममता वाली लाइन ले सकते हैं।

यूपी में सीट बंटवारे का पेंच फंसा

जल्द होने वाले लोकसभा चुनाव में सबकी निगाहें विशेष रूप से उत्तर प्रदेश पर लगी हुई हैं। उत्तर प्रदेश को लेकर कांग्रेस की गठबंधन समिति ने पिछले दिनों सपा नेताओं के साथ बैठक की थी। जानकारों के मुताबिक इस बैठक के दौरान कांग्रेस की ओर से प्रदेश में 20 सीटों की डिमांड रखी गई थी। कांग्रेस ने 2009 के फार्मूले के आधार पर मध्य उत्तर प्रदेश की अधिकांश सीटों पर अपनी दावेदारी पेश की। हालांकि सपा कांग्रेस को इतनी ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार नहीं दिख रही थी।

बैठक के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव का कहना था कि हमने आधा सफर तय कर लिया है जबकि आधा सफर अभी बाकी है। इस बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद का कहना था कि जल्द ही दोनों दलों के बीच एक दौर की बैठक और होगी और सीटों का मामला नहीं सुलझा तो राहुल गांधी सपा मुखिया अखिलेश यादव से बातचीत करेंगे।


कांग्रेस की डिमांड पूरी करने को सपा तैयार नहीं

कांग्रेस की ओर से इतनी अधिक सीटों पर दावेदारी किए जाने से समाजवादी पार्टी खुश नहीं है। पार्टी का मानना है कि कांग्रेस यूपी में भाजपा का मुकाबला करने की स्थिति में नहीं है। पिछले लोकसभा चुनाव में अमेठी संसदीय सीट पर राहुल गांधी तक को हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस की ओर से जिन 20 सीटों पर दावेदारी पेश की गई है, उनके बारे में पार्टी का तर्क है कि 2004 या 2009 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को इन सीटों पर जीत हासिल हुई थी। ऐसी स्थिति में ये सीटें चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस को दी जानी चाहिए।

दूसरी ओर सपा मुखिया अखिलेश यादव कांग्रेस को इतनी ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन के बाद उन्होंने कांग्रेस को डिमांड के मुताबिक सीटें दी थीं मगर कांग्रेस को अधिकांश सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।

2017 के विधानसभा चुनाव से नसीहत लेते हुए अखिलेश यादव का मानना है कि ज्यादा सीटों पर कांग्रेस को लड़ने का मौका देना जीत की संभावना को कमजोर बनाना होगा। ऐसे में अखिलेश यादव भी टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी की राह पकड़ सकते हैं।


बिहार में भी उलझा हुआ है मामला

इसी तरह बिहार में भी सीट बंटवारे का पेंच फंसा हुआ है। बिहार में कांग्रेस की ओर से आधा दर्जन से अधिक सीटें मांगी जा रही हैं जबकि राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार कांग्रेस को इतनी ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार नहीं हैं।

दोनों दलों ने 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है। ऐसे में बाकी 6 सीटों पर महागठबंधन में शामिल अन्य दलों को सीटों का बंटवारा करना होगा। महागठबंधन में कांग्रेस के अलावा वामदल भी शामिल हैं और ऐसे में बिहार में भी सीट बंटवारे की गुत्थी उलझ गई है।


ममता के ऐलान से गठबंधन को बड़ा झटका

इससे पहले ममता बनर्जी ने कांग्रेस पर निशाना चाहते हुए पश्चिम बंगाल के सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। टीएमसी मुखिया ने बुधवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में सीट शेयरिंग के मेरे प्रस्ताव को कांग्रेस ने ठुकरा दिया है। ऐसी स्थिति में हम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले ममता बनर्जी ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे में हो रही देरी पर खासी नाराजगी जताते हुए कांग्रेस की तीखी आलोचना की थी।

पश्चिम बंगाल में टीएमसी की ओर से कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें देने का प्रस्ताव दिया गया था जबकि कांग्रेस की ओर से 10-12 सीटों की डिमांड की जा रही थी। इसे लेकर पिछले कई दिनों से दोनों दलों के बीच तीखी बयानबाजी हो रही थी जिसके बाद ममता ने अब अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। ममता के इस ऐलान से इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा है।


पंजाब में भी आप और कांग्रेस की राहें अलग

पंजाब में भी आप ने राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री और आप के पंजाब अध्यक्ष भगवंत मान ने चंडीगढ़ में कहा कि पंजाब में कांग्रेस के साथ कोई समझौता नहीं होगा। आप अपने दम पर राज्य की सभी 13 सीटें जीतने में कामयाब होगी। लोकसभा चुनाव में आप के पक्ष में 13-0 का स्कोर होगा।

मान के इस बयान के बाद कांग्रेस के पंजाब प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि अगर आप 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो कांग्रेस भी राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं से पार्टी हाईकमान को अवगत कराया जा चुका है। जल्द ही हाईकमान की ओर से पंजाब में अपने दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा की जाएगी।

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