बना कानून, मिलेगी इतनी कड़ी सजा कि डॉक्टरों पर हमला करने वाले हजार बार सोचेंगे

केंद्र सरकार कैबिनेट ने इन दिनों स्वास्थ्य कर्मियों पर हो रहे हमलों के मद्देनजर उनकी सुरक्षा को लेकर एक अध्यादेश लाई है। यह अध्यादेश...

Update: 2020-04-23 03:33 GMT

नई दिल्ली: केंद्र सरकार कैबिनेट ने इन दिनों स्वास्थ्य कर्मियों पर हो रहे हमलों के मद्देनजर उनकी सुरक्षा को लेकर एक अध्यादेश लाई है। यह अध्यादेश इन मामलों को संज्ञेय और गैर-जमानती बताएगा और इसके अंतर्गत आने वालेको अधिकतम 7 साल तक की जेल है। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस अध्यादेश को बुधवार को अपनी मंजूरी दी। महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन करके अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों को हुई चोटें, संपत्तियों को पहुंचे नुकसान की भरपाई के लिए जुर्माने का प्रावधान है।

ये भी पढ़ें: एशिया के सबसे अमीर शख्स बने मुकेश अंबानी, इनसे छीन लिया ताज

कुछ इस तरह होगा प्रावधान

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति ने इस अध्यादेश की उद्घोषणा के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। बता दें कि अध्यादेश के अनुसार, स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों के ऊपर हमला करने या उसमें सहयोगी होने पर 3 महीने से लेकर 5 साल तक की कैद हो सकती है। साथ ही आर्थिक दंड 50 हजार रुपये से दो लाख रुपये के बीच होगा। वहीं, अगर स्थिति और ज्यादती होने पर मतलब कि अगर स्वास्थ्यकर्मियों को गंभीर चोट पहुंचती है तो अपराधी को छह माह से सात साल तक जेल काटनी पड़ेगी। उसे आर्थिक दंड के रूप में 1-5 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा।

ये भी पढ़ें: फिरोजाबाद: आगरा में तैनात चौकी प्रभारी सब इंस्पेक्टर विजय सिंह की सड़क दुर्घटना में मौत

हमला बड़ा होने की स्थिति में ये होगा प्रावधान

अध्यादेश में ये भी बात है कि सिर्फ ऊपर बताए प्रावधान के अलावा और भी कई कड़े प्रावधान हैं। अपराधी को पीड़ित को व्यक्तिगत नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा देना होगा। साथ ही संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के एवज में उस संपत्ति के बाजार मूल्य का दोगुना भुगतना होगा। बता दें कि कैबिनेट बैठक के बारे में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि सरकार डॉक्टरों और नर्सों पर हमला सहन नहीं करेगी।

ये भी पढ़ें: दिल्ली में संक्रमितों की संख्या 2186 तक पहुंची, अब तक 611 मरीज हो चुके हैं ठीक

केंद्रीय मंत्री ने बताई थी बात

जावड़ेकर ने बताया कि बुधवार की सुबह गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय स्वास्‍थ्‍य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की थी। उस दौरान डॉक्टरों ने मांग की थी कि इस विकट स्थिति में उनकी सुरक्षा के लिए सरकार कानून लाए। गृह मंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि उनकी सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि एनएसए, आईपीसी, सीआरपीसी होने के बावजूद भी यह अध्यादेश लाने का फैसला किया गया है।

ये भी पढ़ें: LIVE: देश में कोरोना संक्रमित की संख्या 20 हजार पार, स्वास्थ्य कर्मियों पर फिर हमला

Tags:    

Similar News