किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी! मोदी सरकार की इस स्कीम से होगी दोगुनी आय

जर्मनी ने भारतीय किसानों की आय दोगुनी करने के लिए अपनी तकनीक और प्रबंधन विशेषज्ञता से मदद करने की पेशकश की है। बीते 1 नवंबर को जर्मन की खाद्य और कृ​षि मंत्री जूलिया क्लोकनर ने भारत के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ बैठक की है।

Update: 2019-11-03 14:30 GMT

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार देश के किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए नई-नई योजनाओं को लगातार लागू करती रहती है। लेकिन अब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बात पर जोर दिया है। आने वाले साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। अब केंद्र सरकार इसे अमली जामा पहनाने का हर संभव प्रयास कर रही है।

ये भी देखें: जियो ने संचार मंत्री को पत्र लिखकर कही ये बड़ी बात

जर्मनी के मंत्री संग नरेंद्र सिंह तोमर ने की बैठक

इसी सिलसिले में जर्मनी ने भारतीय किसानों की आय दोगुनी करने के लिए अपनी तकनीक और प्रबंधन विशेषज्ञता से मदद करने की पेशकश की है। बीते 1 नवंबर को जर्मन की खाद्य और कृ​षि मंत्री जूलिया क्लोकनर ने भारत के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ बैठक की है। बैठक में जूलिया क्लोकनर ने कहा कि जर्मनी के पास मशीनीकरण और फसल कटाई के बाद से प्रबंधन की विशेषज्ञता है, जो भारत में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए अहम भूमिका निभा सकता है।

ये भी देखें: बेटे की मौत पर मां ने गाया गाना, स्टोरी पढ़ आंखों में आ जायेंगे आंसू

उत्पादन की लागत कम करने की कोशिश

इस बैठक में दोनों मंत्रियों ने कृषि बाजार विकास सहयोग से संबंधित संयुक्त​ घोषणापत्र पर हस्ताक्षर भी किया। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उत्पादन में वृ​द्धि करने के साथ-साथ लागत कम करने और प्रतिस्पर्धी बाजार बनाने और कृषि के लिए मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

कृषि उत्पादों का नियार्त 60 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य

बैठक में उन्होंने कहा कि भारत ने कृषि निर्यात नीति 2018 के अंतर्गत अपने कृषि उत्पादों का निर्यात 2022 तक दोगुना करते हुए 60 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। दोनों मंत्रियों ने कहा कि दोनों देशों ​के लिए कृषि प्राथमिक क्षेत्र है।

ये भी देखें: प्रियंका गांधी का फोन हैक! कांग्रेस नेता ने कही ये बड़ी बात

उन्होंने मशीनीकरण, फसल कटाई के बाद प्रबंधन, आपूर्ति श्रृंखला, बाजार तक पहुंच, निर्यात, खाद्य सुरक्षा, प्रयोगशालाओं की स्थापना में सहयोग, खाद्य जांच कार्यशाला आदि विषयों पर भी विचार-विमर्श किया।

Tags:    

Similar News