Parliament Special Session: संसद का विशेष सत्र बुलाने से विपक्ष की उलझने बढ़ीं, कहीं मोदी का सियासी दांव तो नहीं

Parliament Special Session: इस सत्र के दौरान मोदी सरकार की ओर से कुछ विशेष बिल पास करने के साथ ही समय से पहले लोकसभा चुनाव कराने की चर्चाओं ने भी तेजी पकड़ ली है।

Update:2023-09-01 09:40 IST
Parliament Special Session (photo: social media )

Parliament Special Session: मुंबई में विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की बैठक के दौरान मोदी सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाकर बड़ा सियासी धमाका कर दिया है। अब हर कोई इस विशेष सत्र को बुलाने के पीछे की सियासी गुणा गणित का अपने-अपने तरीके से आकलन कर रहा है। केंद्र सरकार की ओर से 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है। इस सत्र के दौरान मोदी सरकार की ओर से कुछ विशेष बिल पास करने के साथ ही समय से पहले लोकसभा चुनाव कराने की चर्चाओं ने भी तेजी पकड़ ली है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल में इस बात की आशंका जताई थी कि केंद्र सरकार समय से पहले लोकसभा चुनाव करा सकती है। अब विपक्षी गठबंधन की बैठक के दौरान जब मोदी सरकार की ओर से विशेष सत्र का कदम उठाया गया तो इन विपक्षी नेताओं की बातों में भी लोगों को काफी दम नजर आने लगा है। गुरुवार को विपक्षी दलों की मुंबई बैठक के दौरान भी समय से पहले लोकसभा चुनाव कराने की आशंका जताई गई।

विशेष सत्र के पीछे एजेंडे का खुलासा नहीं

केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने गुरुवार को एक्स पर अपनी पोस्ट के जरिए जानकारी दी कि संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। यह विशेष सत्र सत्रहवीं लोकसभा का 13वां और राज्यसभा का 261वां सत्र होगा। उन्होंने बताया कि इस दौरान संसद की पांच बैठकें होंगी।

विशेष बात यह है कि संसदीय कार्य मंत्री ने इस विशेष सत्र के पीछे के एजेंडे का खुलासा नहीं किया है और यही कारण है कि तरह-तरह की अटकलों का बाजार गरम हो गया है। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि अमृत काल के बीच आयोजित होने वाले इस विशेष सत्र के दौरान हम संसद में सार्थक चर्चा को लेकर आशान्वित हैं।

नए संसद भवन में हो सकता है विशेष सत्र

संसदीय मंत्री की इस पोस्ट के बाद अटकलों के तेजी पकड़ने का एक कारण यह भी है कि संसद का मानसून सत्र भी हाल में ही समाप्त हुआ है। संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से 11 अगस्त तक चला था। हालांकि इस सत्र के दौरान मणिपुर की हिंसा को लेकर संसद का अधिकांश समय हंगामे की भेंट चढ़ गया। अब मोदी सरकार की ओर से अगले महीने ही संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है।

दिल्ली में जी 20 शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर को आयोजित होने वाला है जिसमें दुनिया के कई बड़े नेता हिस्सा लेने के लिए पहुंचने वाले हैं। संसदीय कार्य मंत्री की पोस्ट में पुराने और नए दोनों संसद भवनों की तस्वीरें दी गई हैं जिससे इन चर्चाओं ने भी तेजी पकड़ी है कि विशेष सत्र का आयोजन नए संसद भवन में किया जा सकता है। हालांकि मानसून सत्र के दौरान भी यह चर्चा सुनी गई थी मगर मानसून सत्र पुरानी इमारत में ही आयोजित किया गया था।

समय से पूर्व चुनाव की चर्चाएं हुईं तेज

सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम के बाद कई महत्वपूर्ण बिल लाने की चर्चाओं ने तेजी पकड़ ली है। इन बिलों में एक देश-एक चुनाव, यूनिफॉर्म सिविल कोड, जनसंख्या नियंत्रण बिल और महिला आरक्षण बिल की चर्चा की जा रही है। वैसे इन बिलों के साथ ही मोदी सरकार की ओर से समय से पूर्व लोकसभा चुनाव कराने की अटकलों ने भी तेजी पकड़ ली है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने हाल में बड़ा दावा किया था। उनका कहना था कि केंद्र की मोदी सरकार दिसंबर में ही लोकसभा चुनाव करा सकती है। उन्होंने कहा कि भाजपा पूरी तरह चुनावी तैयारी में जुटी हुई है और उसने सारे हेलीकॉप्टर पहले ही बुक कर रखे हैं। उसका मकसद है कि दूसरे दलों के नेताओं को चुनाव प्रचार करने के लिए हेलीकॉप्टर उपलब्ध न हो सके।

उन्होंने कहा कि यदि भाजपा लगातार तीसरी बार देश की सत्ता पर काबिज होने में कामयाब रही तो देश में तानाशाही की व्यवस्था कायम हो जाएगी। इसलिए भाजपा के इरादों से दूसरे सभी दलों को सतर्क रहने की जरूरत है।

नीतीश और स्टालिन भी जता चुके हैं आशंका

इस तरह की आशंका जताने वाली ममता बनर्जी विपक्ष की अकेली नेता नहीं है। ममता बनर्जी से पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी समय से पहले लोकसभा चुनाव कराए जाने की आशंका जता चुके हैं। नीतीश कुमार ने अभी हाल में दूसरी बार इस बात की आशंका जताई कि मोदी सरकार समय से पहले लोकसभा चुनाव कराने की तैयारी में जुटी हुई है। उनका कहना था कि विपक्षी दलों को अपनी एकजुटता की कोशिश में और तेजी लानी चाहिए। नीतीश कुमार विपक्षी दलों के बीच सीट शेयरिंग के मुद्दे को भी जल्द से जल्द सुलझाने पर जोर देते रहे हैं।

संसद के विशेष सत्र बुलाने के पीछे मोदी सरकार का एजेंडा अभी खुलकर सामने नहीं आ सका है मगर सियासी हल्कों में हलचलें काफी तेज हो गई हैं। जनवरी महीने के दौरान अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास भी होने वाला है और इस आयोजन को काफी भव्य बनाने की तैयारी चल रही हैं।

निश्चित रूप से भाजपा की ओर से इसका सियासी फायदा उठाने की कोशिश की जाएगी। ऐसे में अब मोदी सरकार के अगले सियासी कम पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं।

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