संक्रमित टाॅप 20 जिलों पर विशेष फोकस, केंद्रीय टीमें करेंगी राज्य सरकारों की मदद

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इन टीमों में भोपाल और दिल्ली एम्स के विशेषज्ञों के अलावा नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के शीर्ष अधिकारियों को भी शामिल किया गया है।

Update:2020-05-04 09:31 IST

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अब केंद्र सरकार ने 10 राज्यों के उन 20 जिलों पर विशेष ध्यान देने का फैसला किया है जो इस महामारी से सबसे ज्यादा संक्रमित हैं। इन 20 जिलों में इस महामारी के खिलाफ राज्य सरकार की मदद करने के लिए केंद्र सरकार ने 20 टीमों का गठन किया है। ये टीमें 10 राज्यों में जाकर वहां की राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस महामारी पर काबू पाने की कोशिश करेंगी।

टीम में शामिल होंगे विशेषज्ञ

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इन टीमों में भोपाल और दिल्ली एम्स के विशेषज्ञों के अलावा नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के शीर्ष अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। जिन जिलों में कोरोना के सबसे ज्यादा संख्या में मामले सामने आ रहे हैं, वहां के लिए दो-दो विशेषज्ञों की टीमें बनाकर भेजी जा रही हैं।

ये 20 टीमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के सर्वाधिक संक्रमित जिलों में कोरोना पर काबू पाने के लिए राज्य सरकारों की मदद करेंगी।

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दिल्ली सरकार ने की थी केंद्रीय टीम की मांग

सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के लखनऊ और आगरा में दो टीमें काम करेंगी। दिल्ली में दक्षिणी पूर्वी और सेंट्रल जिले में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज अब तक मिले हैं। इन दोनों जिलों में केंद्र की टीमें कंटेनमेंट जोन की योजना पर काम करेंगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार ने कुछ दिनों पहले मदद के लिए केंद्रीय टीमों को तैनात करने की मांग की थी।

इसके बाद ही एनसीडीसी और दिल्ली एम्स के सामुदायिक चिकित्सा विशेषज्ञों की टीमें बनाई गई हैं। कुछ अन्य राज्य सरकारों को भी केंद्र से मदद की दरकार है। केंद्र की टीमें अस्पतालों में चिकित्सकीय सेवाओं से लेकर कंटेनमेंट जोन, आरटी पीसीआर जांच और अन्य सुविधाओं पर फोकस करते हुए योजना बनाकर काम करेंगी।

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सुरक्षा की दूसरी पंक्ति तैयार रखें

इस बीच कोरोना के खिलाफ जंग में लगे पुलिस और सुरक्षाकर्मियों के संक्रमित होने की घटनाएं बढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों से सुरक्षा की दूसरी पंक्ति तैयार करने को कहा है। इस बाबत गृह मंत्रालय की ओर से राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी किया गया है।

इसमें कहा गया है कि संक्रमण की वजह से काम पर नहीं आ रहे पुलिसकर्मियों की भरपाई के लिए सुरक्षा की नई पंक्ति तैयार की जाए ताकि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में किसी प्रकार की ढिलाई न हो सके। पुलिस कर्मियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करने के निर्देश भी दिए गए हैं। गृह मंत्रालय ने यह भी साफ किया है कि लॉकडाउन के दौरान आवाजाही की इजाजत सिर्फ प्रवासी श्रमिकों को ही दी गई है। यह सुविधा अभी अन्य वर्ग के लोगों के लिए नहीं है।

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कोरोना केसों की बढ़ती संख्या जल्द स्थिर होगी

एक अन्य खबर के अनुसार नीति आयोग का कहना है कि कोरोना के केसों की संख्या में बढ़ोतरी जल्द ही स्थिर हो जाएगी। आयोग के सदस्य वी के पाल ने कहा कि लॉकडाउन को तीसरे चरण में बढ़ाने के पीछे तर्क यही है कि इससे पहले दो चरणों में मिले लाभों को स्थायी बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना के मामलों में अचानक बढ़ोतरी के कारण अभी रोकथाम की रणनीति पर काम करना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का असली लक्ष्य देश में वायरस के प्रसार की चेन को तोड़ना है। यदि इसे अचानक खत्म कर दिया जाएगा तो हमें पहले दो चरण में मिले फायदे भी खत्म हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसीलिए गंभीरतापूर्वक विचार करने के बाद लॉकडाउन को तीसरे चरण के लिए बढ़ाया गया है।

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